Emrald रत्न (पन्ना)
Emrald रत्न को हिंदी में पन्ना, संस्कृत में मरकत, हरित्मणि, उर्दू में अमरुद, अंग्रेजी में एमराल्ड आदि नामों से भी जाना जाता है।
कठोरता – 7. 75
अपेक्षित घनत्व – 2. 69 से 2. 80
Emrald रत्न एक बहुत प्राचीन और कीमती रत्न है, पन्ना गहरे हरे और हल्के हरे रंग का होता है। शुद्ध पन्ना गहरे हरे रंग का और पारदर्शी होता है।
विशेषकर पन्ना रत्न की 3 क्वालिटिया आती है, कोलंबियन, जाम्बियन और सप्पोटा जिनमें कोलंबियन माइंस पन्ने सबसे शानदार क्वालिटी के होते है, लेकिन बड़े अफ़सोस की बात है की जैसे ही इन्हें खान से बाहर निकाला जाता है, बाहरी वातावरण में आते ही इनमें दरारें आ जाती है।
पन्ना बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुण्डली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो पन्ना रत्न धारण करने से उसके प्रभाव में वृद्धि होती है।
श्रेष्ठ Emrald रत्न की पहचान
- सबसे उत्तम पन्ना खूबसूरत हरे रंग, दड़कदार, चमकदार, चिकना, पारदर्शी, दाग-धब्बों रहित माना जाता है,
- पन्ने में चमक होनी चाहिए, धुन्दला और सुन्न पन्ना अच्छा नहीं माना जाता,
- खुरदुरा और गड्ढों वाला पन्ना बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है,
- पन्ने में किसी भी तरह की दरार नहीं होनी चाहिए,
- पन्ना एक ही रंग होना चाहिए, कहीं हल्का हरा और कहीं से गहरा हरा नहीं होना चाहिए,
- पन्ने में अगर पीली धारियां होंगी तो ऐसा पन्ना धारण करने से संतान को कष्ट मिलता है,
- लाल धब्बों वाला पन्ना सुख और संपत्ति के लिए अत्यंत हानिकारक होता है
Emrald रत्न धारण करने के लाभ
पन्ना धारण करने से वाक शक्ति बढ़ती है, बौद्धिक क्षमता का विकास होता है, दृष्टि तेज होती है, सौन्दर्य बढ़ता है, शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है, दमा, सन्निपात, अपच, बवासीर रोगों में राहत मिलती है, बल बढ़ता है, अगर कोई स्त्री पन् शिशु के जन्म के समय धारण करें तो कष्टरहित प्रसव होता है,
कारोबार, नौकरी में बढ़ोतरी, धन लाभ, सरकारी कार्यों में लाभ, प्रसिद्धि, कला क्षेत्रों तरक्की और प्रसिद्धि, प्रेम विवाह में सफलता, उच्च शिक्षा योग, रेलवे, बैंकिंग, शिक्षण संसथान, लेखाविभागों, शेयर मार्किट, चार्टेड अकाउंटेंट, इन्शुरन्स आदि क्षेत्रों बहुत लाभ मिलता है।
पन्ना भूतों और आत्माओं से रक्षा करने के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
कहा जाता है कि कोर्ट में जज को प्रभावित करने के लिए पन्ना विशेष रूप से सक्षम माना जाता है।
पन्ना रत्न प्रेमियों और पति, पत्नी और पत्नी में अच्छे संबंधों के लिए भी प्रसिद्ध है। यदि प्रेमी और पति-पत्नी में प्रेम की कमी हो तो पन्ना रत्न धारण करने से संबंध प्रगाढ़ होते हैं और उनमें प्रेम का उदय होता है।
पन्ना रत्न छात्रों के लिए भी बहुत अच्छा और महत्वपूर्ण रत्न होता है और शिक्षा में पन्ना का विशेष योगदान होता है। अतः पन्ना रत्न धारण करने से विद्यार्थियों को शिक्षा में विशेष लाभ मिलता है।
पन्ना नेत्र रोग और ज्वरनाशक के लिए बहुत अच्छा होता है। पन्ना अस्थमा के रोगों के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
पन्ना धारण करने से शरीर को शक्ति मिलती है और वीर्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
पन्ना व्यक्ति को शांत और स्वस्थ रखता है।
ज्योतिष अनुसार Emrald रत्न धारण
मिथुन लग्न के जातकों के लिए पन्ना अत्यंत भाग्यशाली रत्न होता है, मिथुन जातकों को पन्ना धारण करने से जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ और उनत्ति प्राप्त होती है,
कन्या लग्न के जातकों के लिए भी पन्ना धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है, वैसे भी बुध ग्रह की मूल राशि कन्या ही है, इसलिए कन्या जातकों को उनके स्वामी ग्रह का रत्न बहुत शुभ फलदाई रहता है, कन्या जातकों को पन्ना जीवन भर धारण करना चाहिए,
जिन जातकों की जन्मकुंडली में बुध मीन राशि में बैठा हो उन जातकों को पन्ना धारण करने से लाभ मिलता है,
जिन जातकों की कुंडली में बुध धन भाव (द्वितीय) का स्वामी होकर नवम भाव में बैठा हो, उन जातकों के लिए पन्ना धारण करना बहुत लाभदायक माना गया है,
यदि जन्म कुंडली में बुध सप्तम भाव का स्वामी होकर धन भाव (द्वितीय) में बैठा हो, अगर बुध नवम भाव का स्वामी होकर चतुर्थ भाव में बैठा हो, यदि बुध नवम भाव (भाग्येश) होकर छठे भाव में बैठा हो तो पन्ना धारण करना लाभकारी होता है,
बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो और बुध शुभ भाव का स्वामी हो तो पन्ना आवशय धारण करना चाहिए,
यदि जन्म पत्रिका में बुध 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 भाव का स्वामी हो और बुध स्वयं छठे भाव में विराजमान हो तो पन्ना धारण करना श्रेष्ठ माना गया है,
यदि बुध ग्रह मंगल, शनि, राहु, केतु की युति में है तो पन्ना धारण करना लाभकारी माना
गया है,
यदि बुध पर शत्रु ग्रह दृष्टि दे रहे हो तो पन्ना धारण करना चाहिए,
व्यापारियों, कारोबारियों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, बैंक कर्मियों, रेलवे, इन्शुरन्स, शिक्षण संस्थानों, वाणिज्य कार्य, गणित, एकाउंट्स आदि कार्यों से जुड़े व्यक्तियों को पन्ना जरूर धारण करना चाहिए।
लग्न के अनुसार पन्ना रत्न किसे धारण करना चाहिए
मेष लग्न में बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है, दोनों अशुभ भाव है, इसलिए मेष लग्न के जातकों के लिए पन्ना नुकसानकारी होता है,
वृषभ लग्न के जातकों की कुंडली में बुध धन भाव यानि की द्वितीय भाव और पाँचवे भाव का स्वामी बनता है, जो की बहुत लाभकारी है , इसलिए वृषभ लग्न के जातकों को पन्ना जरूर धारण करना चाहिए,
मिथुन लग्न की कुंडली में बुध प्रथम और चतुर्थ भाव का स्वामी बनता है, जो की बहुत लाभकारी है, इसलिए मिथुन लग्न के जातकों को पन्ना सदैव रक्षा कवच के रूप में धारण करना चाहिए,
कर्क लग्न की कुंडली में बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी होता है, इन भावों को ज्योतिष में बिलकुल भी शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए कर्क लग्न के जातकों को पन्ना कभी भी नहीं धारण करना चाहिए,
सिंह लग्न की कुंडली में बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है, दूसरा भाव धन लाभ देने वाला है ग्यारहवां भाव लाभ और तरक्की देने वाला है, इसलिए सिंह लग्न के जातकों को बुध की महादशा में पन्ना रत्न धारण करना चाहिए,
कन्या लग्न की कुंडली में बुध खुद लग्न का स्वामी है, साथ ही बुध दसवें भाव का स्वामी है, इसलिए कन्या लग्न के जातकों के लिए पन्ना बहुत भाग्यशाली और उनत्तिवर्धक रत्न है, कन्या लग्न के जातकों को उत्तम श्रेणी का पन्ना जीवनभर धारण करना चाहिए,
तुला लग्न की कुंडली में बुध नवम भाव और बारहवें का स्वामी बनता है, तुला लग्न में बुध की मूल राशि कन्या बारहवें भाव में विराजमान होती है जो की ठीक नहीं है,
लेकिन बुध की दूसरी राशि मिथुन भाग्य स्थान की स्वामी है और साथ ही तुला लग्न का स्वामी शुक्र, बुध का परम मित्र भी है, यही देखते हुए तुला जातकों को पन्ना और हीरा एक साथ धारण करने से बहुत लाभ मिलता है,
वृश्चिक लग्न में बुध आठवें भाव और ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है, जिसे बिलकुल भी शुभ नहीं माना गया है, इसलिए वृश्चिक लग्न के जातकों को पन्ना बिलकुल भी नहीं धारण करना चाहिए,
धनु लग्न में बुध सातवें भाव और दसवें भाव का स्वामी बनता है, दोनों ही भाव कारोबार की दृष्टि से लाभदायक है, इसलिए धनु जातक बुध की महादशा में पन्ना धारण कर सकते है,
मकर लग्न में बुध की मूल राशि कन्या नवम भाव की स्वामी बनती है, इसलिए मकर जातकों के लिए पन्ना बहुत भाग्यवर्धक रत्न है, पन्ना धारण करने से मकर जातकों को धन लाभ, उनत्ति और तरक्की प्राप्त होती है,
कुम्भ लग्न में बुध की मिथुन राशि पांचवें भाव की स्वामी बनती है और बुध की मूल राशि कन्या आंठवे भाव की स्वामी बनती है, इसलिए उचित यही होगा की कुम्भ लग्न के जातक जन्म कुंडली में बुध ग्रह की स्तिथि को देखते हुए ही बुध की महादशा में पन्ना धारण करें,
मीन लग्न में बुध चतुर्थ भाव और सप्तम भाव का स्वामी होता है, साथ ही मीन लग्न में बुध को केन्द्राधिपति दोष लगता है, इसलिए अगर मीन लग्न में बुध प्रथम, द्वितीय, पंचम, नवम, दशम और एकादश भाव में विराजमान है, तभी बुध की महादशा में पन्ना धारण किया जा सकता है।
पन्ना के उपरत्न
पन्ना एक मूलयवान रत्न है, कभी कभी ऐसा भी होता है की हर व्यक्ति पन्ना धारण नहीं कर सकता, इसलिए जो व्यक्ति पन्ना धारण करने में असमर्थ है और वे बुध के लाभ भी लेना चाहते है,
तो ऐसी स्तिथि में बुध के उपरत्न हरा तुरमलिन या पेरिडॉट रत्न धारण किया जा सकता है, इन दोनों में से कोई भी रत्न धारण करने से बुध के समस्त लाभ प्राप्त होते है।
पन्ना धारण विधि
पन्ना बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में चांदी की अंगूठी में बनवाकर धारण करना चाहिए, शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक उपासना और बुध मंत्रो (ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः – 9000 बार ) का जाप करके कनिष्ठा ऊँगली में पन्ना धारण करना चाहिए।