Blue sapphire नीलम The gemstone of shani इन हिंदी

Blue sapphire नीलम

NameBlue sapphire नीलम
Shri Lanka, India, Africa, AmericaDark and Light Blue
OriginShri Lanka, India, Africa,America

शनि ग्रह का रत्न Blue sapphire नीलम है, जब जन्म कुंडली में शनि पीड़ित और कमजोर हो तो नीलम धारण करना चाहिए।

Blue sapphire नीलम के अन्य नाम – नील, इंद्रनील, नीलमणि, नीलम।

भौतिक गुण –

  • कठोरता – 9
  • गुरुत्वाकर्षण – 4.03

Blue sapphire नीलम की उत्पत्ति का स्थान

कश्मीर, बर्मा, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, अफ्रीका

सबसे अच्छा नीलम गहरे नीले रंग का होता है, ऐसे नीलम में ही शनि के सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलता है।

१२ राशियाँ

सर्वोत्तम नीलम की विशेषताएँ –

यह खूबसूरत नीले रंग का होता है
यह पूरी तरह से पारदर्शी और चमकदार होता है
यह स्पर्श करने के लिए चिकना और दड़कदार लगता है
नीलम के अंदर से नीली किरणें निकलती दिखाई देती हैं

नवग्रहों में सबसे कठोर, प्रभावशाली और न्यायप्रिय पाप ग्रहों में शनि का स्थान सबसे पहले आता है, अधिकांश लोगों की जन्म कुंडली में देखा गया है कि शनि केवल प्रतिकूल प्रभाव में होते है, अधिकांश लोगों को शनि की वजय से जीवन में काफी संघर्ष करते देखा गया है

भाग्यशाली रत्न

शनि के प्रभाव

वैसे तो कुंडली में कुछ जगहों पर शनि की उपस्थिति भी बेहद फायदेमंद होती है, लेकिन ऐसे संयोग अपवाद के तौर पर ही देखे जाते हैं।

और जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि की अनुकूल स्थिति होती है, ऐसे लोगों को अच्छी प्रगति करते देखा गया है।

शनि की ढैय्या और साढ़े साती में लोगों को हमेशा भय बना रहता है, यदि शनि कुंडली में शुभ प्रभाव देने वाला हो तो सब कुछ ठीक हो जाएगा, नहीं तो व्यक्ति को जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

शनि ग्रह का रत्न “नीला नीलम” है, जन्म कुण्डली में जहां शनि कमजोर है, पीड़ित है, वहां नीलम धारण करने से स्थिति को अनुकूल बनाया जा सकता है।

ज्योतिष के नियमों के अनुसार जिसकी कुंडली में शनि ग्रह कमजोर है, वह नीलम के प्रभाव को बढ़ाने और उसे अनुकूल बनाने के लिए नीलम धारण कर सकता है।

शनि बहुत क्रूर और उग्र ग्रह है, इसलिए नीलम धारण करने से पहले जन्म कुंडली में शनि की स्थिति, ग्रह मित्रता, दशा आदि देख लेना चाहिए।

शनि का रत्न Blue sapphire नीलम कब धारण करें

  • जिस जातक की जन्म कुंडली में शनि प्रधान हो उसे नीलम धारण करना चाहिए।
  • इसके अलावा जिन लोगों का जन्म तुला, वृष, मकर या कुम्भ लग्न में हुआ हो,
  • वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ राशि के जातक नीलम धारण कर सकते है,
  • शनि पर सूर्य की दृष्टि हो,
  • शनि की साढ़ेसाती चल रही है,
  • किसी भी ग्रह की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही हो,
  • यदि शनि छठे या आठवें भाव के स्वामी के साथ हो तो ऐसे लोगों को शनि का रत्न नीलम धारण करना चाहिए

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