गोमेद रत्न की जानकारी

गोमेद राहु ग्रह की कमजोरियों और राहु की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए धारण किया जाता है, आइये जाने गोमेद रत्न की जानकारी और लाभ

NameColor
ColourBrown
OriginShri Lanka, India, Africa

गोमेद रत्न की जानकारी/गोमेद(हसोनाइट)

हसोनाइट को ही गोमेद कहा जाता है, हसोनाइट गोमेद राहु का रत्न है, राहु के शुभ प्रभावों के लिए इस रत्न को धारण किया जाता है। हसोनाइट गोमेद हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग में उपलब्ध है।

हेसोनाइट गोमेद राहु ग्रह का रत्न

गोमेद जिरकोनियम का सिलिकेट नमक है। इसमें थोड़ी मात्रा में अन्य दुर्लभ मोर्टिज़ भी पाए जाते हैं। गोमेद लगभग सभी रंगों में उपलब्ध है। यह हरे, सुनहरे, पीले और गहरे रंगों में सबसे आकर्षक है। इसके अलावा यह भूरे, हल्के भूरे और ब्रांडी रंग में भी उपलब्ध है।
गोमेद या हेसोनाइट के नाम से जाने जाने वाले रत्नों के गुण एक-दूसरे से इतने भिन्न होते हैं कि उनके गुणों के आधार पर तीन भेद किए गए हैं। उच्च वर्ग, मध्य वर्ग और निम्न वर्ग, तीनों प्रकार के गोमेद की कठोरता, घनत्व, कहाता, ऑप्टिकल विशेषताएँ और थर्मल व्यवहार अलग-अलग हैं।

गोमेद रत्न की प्राप्ति का स्थान.

साइनाइट चट्टान में गोमेद प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। वैसे गोमेद एक ही जगह से अधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं होता है। अब तक मिले सबसे बड़े गोमेद रत्न का वजन 25 पाउंड था।

श्रीलंका से प्राप्त गोमेद रत्न सर्वाधिक सुन्दर होता है। वहां का रंगहीन गोमेद आज भी ‘तुरा हीरा’ के नाम से प्रसिद्ध है। पहले इन्हें हीरा माना जाता था.

हीरे जड़ित लाल रंग का खूबसूरत गोमेद दक्षिण अफ्रीका की किम्बर्ली खदानों में पाया जाता है। खूबसूरत नीले और नीले-हरे गोमेद भारत और श्रीलंका में भी पाए जाते हैं। उनमें द्विवर्णवाद है, और इस प्रकार वे दो रंग बैंगनी और पीले दिखाई देते हैं।

गोमेद किसे धारण करना चाहिए?

निम्नलिखित व्यक्तियों के लिए गोमेद धारण करना लाभकारी बताया गया है।

जिन लोगों का लग्न मिथुन, तुला, कुंभ या वृषभ है उनके लिए गोमेद पहनना लाभकारी होता है।

जिन कुंडलियों में राहु 1,4,7,10 या एकादश भाव में स्थित हो उनके लिए गोमेद पहनना लाभकारी होता है।

यदि जन्म कुंडली के दूसरे, तीसरे, नौवें या ग्यारहवें भाव में राहु स्थित हो तो गोमेद पहनना लाभकारी माना जाता है।

यदि जन्म कुंडली में राहु अपनी राशि (मिथुन) के छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद पहनना लाभकारी होता है।

यदि जन्म कुंडली में राहु अपनी नीच राशि यानि धनु राशि में स्थित हो तो व्यक्ति के लिए गोमेद धारण करना लाभकारी होता है।

मकर लग्न के जातकों के लिए गोमेद धारण करना लाभकारी होता है।

यदि जन्म कुंडली में राहु श्रेष्ठ भाव का स्वामी हो, सूर्य से दृष्ट हो या सूर्य के साथ हो या सिंह राशि में हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।

राहु राजनीति का प्रमुख कारक है इसलिए जो लोग राजनीति से जुड़े हैं, या राजनीति में जाना चाहते हैं। इनके लिए गोमेद पहनना बहुत लाभकारी बताया गया है।

यदि जन्म कुंडली में राहु शुक्र और बुध के साथ स्थित हो तो गोमेद धारण करना लाभकारी होता है।

कुछ ज्योतिषियों के अनुसार जुआ, सट्टा, लॉटरी, शेयर बाजार आदि करने वाले लोगों के लिए गोमेद लाभकारी माना गया है।

वकालत, न्याय, राज्यपक्ष आदि की उन्नति के लिए गोमेद धारण करना सर्वोत्तम माना जाता है।

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FAQ…

क्या राहु की महादशा में गोमेद धारण करना चाहिए।

राहु एक छाया ग्रह है, इसकी अपनी कोई राशि नहीं है, यदि राहु लग्न, तृतीय, चतुर्थ, पंचम, षष्ठ, नवम, दशम, एकादश भाव में स्थित हो तो राहु की महादशा में गोमेद धारण करना लाभकारी होता है। .

गोमेद का उपरत्न

गोमेद एक सस्ता रत्न है इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि गोमेद के स्थान पर ‘उपरत्न’ न धारण करें। यदि किसी कारणवश गोमेद उपलब्ध न हो तो उसके स्थान पर गोमेद रंग का रत्न धारण कर सकते हैं।

गोमेद धारण करने की विधि

शनिवार के दिन गोमेद रत्न को अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाकर शाम को विधि-विधान से गोमेद रत्न की पूजा-अर्चना करके गोमेद रत्न की अंगूठी मध्यमा उंगली में धारण करनी चाहिए

गोमेद रत्न का वजन

गोमेद का वजन 6 कैरेट से कम नहीं होना चाहिए।

राहु मंत्र

‘ॐ रां राहवे नमः’ का जाप 108 बार करना चाहिए।


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