पीला पुखराज Yellow sapphire रत्न
पीला पुखराज Yellow sapphire ब्रहस्पति का रत्न है, इस रत्न में ब्रहस्पति के संपूर्ण लाभ विद्यमान् रहते है, पीला पुखराज Yellow sapphire एक शुभ रत्न माना जाता है, धन और ज्ञान प्रदान करनेवाले रत्न में बहुत से चमत्कारी प्रभाव रहते है,
देवों के देव ब्रहस्पति का यह रत्न कभी भी कष्ट नहीं देता, यह रत्न सदा अपनी शुभता ही प्रदान करता है, जिन व्यक्तियों को धन सम्बंधित, शिक्षा और विवाह में अड़चने आ रही हो उन व्यक्तियों के लिए पीला पुखराज Yellow sapphire रत्न बहुत शुभ और भाग्यशाली रत्न साबित हो सकता है।
Name | Yellow sapphire |
Colour | Light & Dark Yellow |
Origin | Shri Lanka, Africa |
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पीला पुखराज Yellow sapphire रत्न के अन्य नाम
- पीला पुखराज
- पुष्पराज
- गुरु रत्न
- जर्द
- येल्लो टोपाज
पीला पुखराज Yellow sapphire के भौतिक गुण
- कठोरता – 8
- अपेक्षित घनत्व – 3.50 से 3.53
पीला पुखराज Yellow sapphire के रंग
वैसे तो पुखराज लगभग सभी रंगो में पाए जाते है जैसे की सफ़ेद, नीला, गुलाबी, ब्रांडी, हरा, भूरा, पीला आदि और भी अन्य रंगो में,
लेकिन हम यहाँ केवल ब्रहस्पति के रत्न पीला पुखराज Yellow sapphire की बात कर रहे है, जो की केवल पीले रंग का होता है,
ब्रहस्पति का रत्न पीला पुखराज Yellow sapphire हल्दी के रंग, केसर के रंग, निम्बू के छिलके जैसा रंग, सोने जैसे रंग और हल्का पीला रंगो का होता है, जिसमें ब्रहस्पति के प्रभाव रहते है,
शुद्ध पुखराज रंगहीन यानि की सफ़ेद होता है, लेकिन पीला पुखराज बृहस्पति का रत्न माना जाता है। पुराने दिनों में, पीला पुखराज रत्न के नाम से केवल क्राइसोलाइट और सिट्रीन बेचे जाता था।
पीला पुखराज Yellow sapphire के प्राप्ति स्थान
पीला पुखराज Yellow sapphire अक्सर ग्रेनाइट, नीस और पिगमेंटाइट चट्टानों में पाया जाता है। सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला पीला पुखराज Yellow sapphire ब्राजील की खदानों से प्राप्त होता है।
इसके अलावा, Yellow sapphire श्रीलंका, रेडिसिया, मैक्सिको, जापान आदि में पाया जाता है।
पीला पुखराज के गुण
- पीला पुखराज खूबसूरत पीले रंग का होता है
- पीला पुखराज पारदर्शी और चमकने वाला चमकदार रत्न है
- पीला पुखराज छूने से बहुत चिकना और भारी होता है
- पीला पुखराज एकदम पारदर्शी और पानीदार होता है
- पीला पुखराज के किनारे चिकने होते है,वे खुरदुरे नहीं होते
- पीला पुखराज में कभी कभी एक चमकती हुई अभ्रक भी दिखती है
पीला पुखराज के दोष
अगर पीले पुखराज की इतनी विशेषताएं है तो उसके कुछ दोष भी होंगे जो पीला पुखराज Yellow sapphire को दोषयुक्त बनाएंगे, जिन्हें धारण करने से लाभ के स्थान पर केवल नुकसान ही होंगे और ऐसे पुखराज को कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।
सुन्न या बुझा हुआ पीला पुखराज
जिस पुखराज में चमक नहीं होती, ऐसे पुखराज को सुन्न या बुझा हुआ बोला जाता है, ऐसा पीला पुखराज धारण करने से स्वास्थय को नुकसान होता है।
चीर वाला पुखराज
जिस पुखराज में चीर होता है, यानि की उसके ऊपरी भाग में एक लंबी फटी जैसी लक़ीर होती है वह पुखराज धारण करने लायक नहीं होता है, ऐसा पुखराज पारिवारिक और रिश्तेदारों, भाई-बंधुओ, अडोसी-पड़ोसियों और मित्रों से विरोध और झगड़े उत्पन्न करवाता है।
अभ्रक या दूधक युक्त पुखराज
जो पुखराज पूरी तरह से अभ्रक से ढक जाता है, यही की उसके ऊपर पूरी तरह से सफ़ेद चमकीली चद्दर आ जाती है, ऐसा पुखराज दुर्घटना में चोट पहुँचाने वाला होता है।
जाल वाला पुखराज
जिस पुखराज में मकड़ी के जाले जैसा जाल भरा रहता है ऐसा पुखराज भी धारण करने योग्य नहीं होता है, ऐसा पुखराज संतान के लिए हानिकारक होता है।
काले धब्बें वाला पुखराज
ऐसे पुखराज जिनमें काले धब्बें दिखते हो, ऐसे पुखराज अनिष्टकारी होते है।
सफ़ेद धब्बें वाला पुखराज
ऐसे पुखराज जिनमें सफ़ेद धब्बें दिखलाई देते हो ऐसे पुखराज मृत्युकारक माने गए है।
लाल धब्बें वाला पुखराज
जिन पुखराजों में लाल धब्बें पाए जाते है, ऐसे पुखराज धन-धन्य को ख़त्म कर देते है।
खड्डे वाला पुखराज
जिस पुखराज में कही भी खड्डा होता है, ऐसा पुखराज धारण करने से व्यक्ति के पास धन ख़त्म हो जाता है।
दुरंगा पुखराज
जिस पुखराज का पीला रंग एकसमान नहीं होता है, कही पीला या कही और कोई रंग ऐसा पुखराज धारण करने वाले व्यक्ति को रोग प्रदान करता है।
ज्योतिष के अनुसार पीले पुखराज के लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का गुरु शुभ स्थिति में होता है वह हमेशा खुशियों से भरा रहता है। इसके विपरीत कमजोर और अशुभ बृहस्पति के कारण अनेक प्रकार के विघ्न और कष्टदायक स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
ऐसे में पुखराज रत्न को जन्म कुंडली का ठीक से विश्लेषण करके धारण करने से कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है कि यदि आप कमजोर बृहस्पति की स्थिति में शुद्ध पुखराज धारण करते हैं तो यह बहुत ही शुभ और कल्याणकारी होता है।
जिन लड़के-लड़कियों के विवाह में बाधा आ रही है, अगर वे लड़के-लड़कियां पुखराज धारण करते हैं तो विवाह के योग बनते हैं।
पति-पत्नी का पुखराज धारण करने से आपसी प्रेम बढ़ता है और जीवन में वैवाहिक सुख आता है।
पुखराज धारण करने से कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं। यदि कोई व्यक्ति गुरु पुष्य नक्षत्र के पहले दिन सोने की अंगूठी में पुष्य नक्षत्र में नियमों के अनुसार और ग्रहों की स्थिति को देखने के बाद पीला पुखराज Yellow sapphire को धारण करता है, तो व्यक्ति को अपने जीवन में कई लाभ प्राप्त होते हैं।
कारोबार और धन लाभ की दृष्टि से भी पीला पुखराज Yellow sapphire धारण करने से कारोबार में उनत्ति और धन लाभ होता है,
विद्यार्थियों और ऐसे विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा या किसी विषय में विशेषज्ञ की उपाधि लेना चाहते है, उन स्टूडेंट्स को लिए पीला पुखराज सफलता प्रदान करता है, बुद्धिजीवियों के लिए भी पुखराज अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
पीला पुखराज कौन धारण कर सकता है
जिन जातकों की जन्म कुंडली में ब्रहस्पति शुभ और प्रधान हो ऐसे व्यक्तियों को पुखराज जरूर धारण करना चाहिए,
धनु और मीन लग्न के जातकों का तो स्वामी रत्न है पुखराज, इसलिए इन दोनों लग्नों के जातकों को पीला पुखराज ताउम्र धारण करना चाहिए,
जन्म कुंडली में अगर ब्रहस्पति की उपस्तिथि पंचम, षष्ठम, अष्ठम या द्वादश भाव में हो तो जन्म कुंडली का विश्लेषण करके पुखराज जरूर धारण करना चाहिए,
अगर कुंडली में ब्रहस्पति की उपस्तिथि मेष, वृष, सिंह, वृश्चिक, तुला, कुंभ और मकर राशियों में हो तो पुखराज धारण करना लाभकारी होता है,
अगर कुंडली में मकर राशि का ब्रहस्पति हो, यानि की नीच का बृहस्पति हो तो कुंडली का विश्लेषण करके पुखराज जरूर धारण करना चाहिए,
- यदि कुंडली में ब्रहस्पति द्वितीय भाव (धन स्थान) का स्वामी होकर भाग्य स्थान (नवम भाव),
- चतुर्थ भाव (माता और सुख) का स्वामी होकर एकादश भाव (लाभ स्थान) में बैठा हो,
- सप्तम भाव (विवाह और कारोबार) का स्वामी होकर धन भाव (द्वितीय स्थान),
- भाग्य स्थान (नवम भाव) का स्वामी होकर चतुर्थ भाव (माता और सुख),
- दशम भाव (करोबार,उनत्ति,प्रसिद्धि) का स्वामी होकर पंचम भाव (संतान और सुख) भाव में बैठा हो तो पीला पुखराज धारण करने से अत्यंत लाभकारी प्रभावों की प्राप्ति होती है,
महादशा और अन्तर्दशा में भी पुखराज धारण करना बहुत लाभकारी होता है,
किसी लड़की के विवाह में बेवजय विलम्ब हो रहा हो, और कारण भी समझ से परे हो तो ऐसे में बच्ची को तुरंत पुखराज धारण करवाना चाहिए,
पुखराज धारण करने से मन में उत्पन्न होने वाले पाप विचार ख़त्म होते है, मन आध्यात्म की और बढ़ने लगता है, मन की शांति प्राप्त होती है।