6 मुखी रुद्राक्ष,6 मुखी रुद्राक्ष का महत्व,6 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

6 मुखी रुद्राक्ष,6 मुखी रुद्राक्ष का महत्व,6 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

आइये इस पोस्ट में हम बात करते है की 6 मुखी रुद्राक्ष के देवता कौन है और इनका क्या मंत्र है।

6 मुखी रुद्राक्ष किस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। 6 mukhi rudraksha benefits in hindi ,किस ग्रह के अशुभ प्रभाव होने पर छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। छह मुखी रुद्राक्ष का महत्व

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छ मुखी रुद्राक्ष के फायदे  / 6 मुखी रुद्राक्ष के फायदे 

6 मुखी रुद्राक्ष के स्वामी कार्तिकेय हैं। साथ ही ६ मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह का भी प्रतिनिधित्व करता हैं। शुक्र ग्रह कमजोर है पीड़ित है या दूषित हैं तो ऐसे में ६ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुक्र ग्रह प्रबल होकर सकारात्मक प्रभाव देने लगता है। 

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 6 मुखी रुद्राक्ष गणेश जी का भी प्रतीक माना गया है। लेकिन शास्त्रों में कहा गया है कि इस रुद्राक्ष के साक्षात देवता कार्तिकेय देवता है। 6 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय स्वरूप माना गया है। 

भगवान कार्तिकेय बल, शौर्य और पराकर्म के अधिपति देवता होते हैं। इसलिए 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के पराक्रम में वृद्धि होती है और वह बहुत ही पराक्रमी हो जाता है। 

chah mukhi rudraksha benefits

6 मुखी रुद्राक्ष मद मत्सर को नष्ट करने वाला होता है। मनुष्य की सोई हुई शक्तियां जागृत होती हैं। यह धारक को आत्म शक्ति, संकल्प शक्ति और ज्ञान शक्ति प्रदान करता है। 

माता गौरी का भरपूर आशीर्वाद साथ रहता है। यह व्यक्ति को वाकपुट बनाता है। 

इसका संचालक ग्रह शुक्र है। यह भोग विलास और सुख सुविधा का प्रतिनिधित्व करता है। गुप्तेंद्रिय, वीर्य, स्त्री, मुख, गला, कामवासना, प्रेम ,संगीत, भागीदारी, नेत्र रोग, यौन  रोग, मुख रोग, ग्रीवा रोग और जल शोधन आदि के निवारण के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने पर लाभ मिलता है। 

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छ मुखी रुद्राक्ष के लाभ

शिव महापुराण के अनुसार ६ मुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने से और नियमित पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। ६ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ नेतृत्व करने की क्षमता भी विकसित होती है। शरीर में आने वाले रोगों को दूर करते हुए स्वस्थ शरीर प्रदान करता है। 

छह मुखी रुद्राक्ष साक्षात स्वामी कार्तिकेय का स्वरूप है। यह व्याधि और शत्रुओं से रक्षा करता है। विद्या और सुख देता है। भ्रूण हत्या आदि से होने वाले पापों को नष्ट करता है। गर्भपात होने से बचाता है। महान लोगों से मिलन, सम्मान देता है। मुकदमा आदि विवाद में विजय देता है। एक्सीडेंट में सदा रक्षा करता है। 

छह मुखी रुद्राक्ष का महत्व

अगर आप ६ मुखी रुद्राक्ष को विधि विधान से पूजा करके धारण करते हैं, तो भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिसके फलस्वरूप जीवन में आने वाले सभी कष्ट अपने आप दूर हो जाते हैं। 

६ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मां जगदंबा, पार्वती सभी देवियां प्रसन्न होती हैं। 

आप चाहें तो रुद्राक्ष को 6 मुखी रुद्राक्ष को दाई भुजा पर भी धारण कर सकते हैं, हालांकि से गले में भी धारण किया जा सकता है।  शास्त्रों में ऐसा जिक्र है की अगर छ मुखी रुद्राक्ष को दाई भुजा में धारण किया जाये तो ब्रह्महत्या का दोष नष्ट होता है। ब्रह्म दोषों से मुक्ति मिलती है ,इसमें किसी तरह का कोई संदेह नहीं है। 

6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से विद्या की प्राप्ति होती है। विद्या प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है छ मुखी रुद्राक्ष। अगर 6 मुखी रुद्राक्ष विद्यार्थी धारण करते है तो उनकी बुद्धि का विकास होता है वाक् सिद्धि प्राप्त होती है। 

किस ग्रह के कमजोर होने पर छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। 

6 मुखी रुद्राक्ष इस रुद्राक्ष का संबंध शुक्र ग्रह से है। कुंडली में शुक्र ग्रह के अशुभ होने से जातक को जननांग से संबंधित रोग, गले के रोग, पुष्टता की कमी, जीवन में प्यार का अभाव, आदि का सामना करना पड़ता है। रुद्राक्ष को धारण करने से उक्त प्रकार के रोगों का शमन होता है

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छः मुखी रुद्राक्ष के लाभ

6 मुखी रुद्राक्ष के स्वामी कार्तिकेय हैं। साथ ही 6 मुखी रुद्राक्ष को शुक्र ग्रह का भी  प्रतिनिधित्व करता हैं। शुक्र ग्रह को धन प्राप्ति, प्रेम, संगीत , विलासिता आदि का ग्रह माना जाता है। 

इस रुद्राक्ष के प्रधान देव शुक्र देव हैं। छह मुखी रुद्राक्ष सभी रोगों को दूर करने की शक्ति रखता है इसको धारण करने से शरीर और रोग मुक्त हो जाता है 

कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है, पीड़ित है,तो छ मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह को प्रबल और सकारात्मक बनाने के लिए धारण किया जाता है। 

यदि आपकी कुंडली में शुक्र नीच का होकर बैठा है या फिर किसी नीच ग्रह के साथ, क्रूर ग्रह के साथ बैठा है, तो ऐसे में शुक्र ग्रह दुष्प्रभाव दे सकता है।  आपमें आकर्षण की कमी कर सकता है, आपको विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, वयापार में नुकसान होने की सम्भावना रहती है, सांसारिक सुखों की कमी हो सकती है।

छः मुखी रुद्राक्ष के लाभ

अगर आप लोगों के आकर्षण, धन प्राप्ति की अभिलाषा रखते हो तो आपको छः मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। छः मुखी रुद्राक्ष धन प्राप्ति में भी विशेष सहायक सिद्ध होता है

छः मुखी रुद्राक्ष आपके मानसिक परेशानियों में भी विशेष लाभदायक होता है। जिन व्यक्तियों को नजर जल्दी लगती है, यानी जिनको नजर दोष है। जिन व्यक्तियों को नजर जल्दी लगती है, यानी जिनको नजर दोष है। ऐसे व्यक्ति अगर 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करें तो उन्हें बुरी नजर,बाहरी हवा का प्रभाव नहीं पड़ता है। 

ऐसे व्यक्ति जिन्हें सभाओं में जाने से घबराहट होती है, जो किसी को संबोधित करने में हिचकते हैं, जिनमें कॉन्फिडेंस की कमी होती है, जिनको बात करने में झिझक होती है, उन व्यक्तियों को छह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। शिव रुद्राक्ष धारण करने से उनकी इस तरह की परेशानियां दूर होती है उनके शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है। 

6 mukhi rudraksha benefits in hindi

ऐसे लोग जो विवाह उपरांत संघर्ष कर रहे हो, अर्थात जिनका वैवाहिक जीवन प्रेम पूर्वक नहीं चल रहा है और आपसी सामंजस्य में परेशानियां आ रही हो, तो ऐसे व्यक्तियों को छह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। 

अगर आप विवाह करना चाहते हैं या कला से संबंधित क्षेत्र में तरक्की करना चाहते हैं तो छः मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपको जल्द से जल्द सफलता मिलने के अवसर बढ़ते हैं। 

शुक्र ग्रह से सम्बंधित जितनी भी भी परेशानियां हैं, विकार है, छ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से उनका शमन होता है और बल की प्राप्ति होती है। 

 प्रेम और संगीत कला क्षेत्रों से अगर आप जुड़े हुए हैं और अगर आपको कोई विशेष लाभ नहीं प्राप्त हो पा रहा है, तो आपको छ मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। जो व्यक्ति भी सुंदर ,फैंसी,कपडे आदि के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, जो व्यक्ति वित्त मामलों से जुड़े हुए हैं, जो व्यक्ति फिल्म, टीवी ,विज्ञापन  या पत्रकारिता जॉब से जुड़े हुए हैं, उन्हें 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से काफी लाभ प्राप्त होता है। 

शुक्र ग्रह के द्वारा अगर आपके जीवन में समस्याएं हैं जैसे कि, जनेंद्रिये सम्बंधित विकार हो ,कंठ में विकार हो ,यौन रोग, गुप्त रोग, मूत्र रोग ,आंतों संबंधित रोग, इन सभी रोगों से ग्रसित व्यक्ति भी अगर यह 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करता है ,तो उसे विशेष लाभ मिलता है। 

श्वास रोग ,रक्त दोष ,हृदय संबंधित रोगों के उपचार में भी छः मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है। इसे धारण करने के बाद धारक मानसिक तौर पर मजबूत हो जाता है और जोश से भरपूर हो जाता है। 

किसी भी तरह की संपत्ति और जायदाद से संबंधित समस्याओं से 6 मुखी रुद्राक्ष सुरक्षित रखता है। इस रुद्राक्ष में बहुत सी विशेषताएं है। 

किन राशियों के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष विशेष लाभकारी होता है। 

वृषभ और तुला राशि वालों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष विशेष लाभकारी होता है। 

रुद्राक्ष पहनकर क्या नहीं करना चाहिए?

6 मुखी रुद्राक्ष धारण करते आपको कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती है। रात को सोते समय उतार देना चाहिए। सुबह नित्य कर्मो से निवृत्त होकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। 

अगर घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो ऐसे में रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहिए। आपको रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके घर में नए शिशु का आगमन हुआ है, तो ऐसे समय में भी रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहिए। 

यदि आप मांसाहार का सेवन करते हैं, तो जिस समय आप मांसाहार का सेवन कर रहे हैं, उस समय आपको रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। 

6 मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें 

छः मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण किया जाता है। ६ मुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय “ऊं ह्रीं हूं नम: “ इस मंत्र का जाप करना चाहिए और इसको धारण करने के बाद प्रतिदिन 5 माला ओम नमः शिवाय का जाप करने से यह ६ मुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभदायक, फलदायक और उन्नति दायक सिद्ध होता है।

छः मुखी रुद्राक्ष को शुक्ल पक्ष में सोमवार के दिन स्नान आदि करके धारण करना चाहिए और मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।  मंत्र को उच्चारण करते हुए अगर आप 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं तो यह आपके जीवन में विशेष लाभ देता है। मंत्र का जाप नियमित रूप से करना चाहिए।  

छह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र

“ऊं ह्रीं हूं नम: “

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