एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ एवं इसकी चमत्कारिक शक्तियाँ
रूद्राक्ष क्या है, आइये इस पोस्ट में जानते है की- एक मुखी रुद्राक्ष का क्या फायदा?, एक मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है?
एक मुखी रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए?
एकमुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शंकर का स्वरूप है। इसमें स्वय शिव विराजते है और इसको धारण करने वाला ब्रह्महत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है। एकमुखी रुद्राक्ष के लाभ एवं इसकी चमत्कारिक शक्तियाँ
इससे भक्ति और मुक्ति दोनों की प्राप्ति होती है। इसके दर्शन मात्र से ही पाप दूर हो जाते हैं। एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले के सर्व उपद्रव नष्ट होकर सर्व मनोरथ पूर्ण होते हैं। जिन्होंने एकमुखी रुद्राक्ष पा लिया उनके बड़े भाग्य हैं। वह हमेशा पवित्र रहते है और पापों से मुक्त रहते हैं। एकमुखी रुद्राक्ष परम तत्व का प्रकाशक है। इसे धारण करने से हृदय में परम तत्वों का प्रकाश होता है। यह दुर्लभ रुद्राक्ष किसी किसी भाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त होता है।
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एकमुखी रुद्राक्ष के लाभ एवं इसकी चमत्कारिक शक्तियाँ
एकमुखी रुद्राक्ष को परब्रह्मा कहा गया है। शास्त्रों में लिखा गया है, जहां एकमुखी रुद्राक्ष की पूर्ण विधि विधान से पूजा की जाती है, वहां लक्ष्मी अपना निवास करने लगती है, और उस स्थान को धन धान्य से परिपूर्ण कर देती है। सभी रुद्राक्षों में एकमुखी रुद्राक्ष को सर्वश्रेष्ठ माना गया है , एकमुखी रुद्राक्ष को सर्वकामनासिद्धि माना गया है,सभी कार्य पूर्ण होते है। एकमुखी रुद्राक्ष को फलदायक माना जाता है,जीवन में सभी फलों की प्राप्ति होती है और एकमुखी रुद्राक्ष को मोक्षदाता कहा गया है, जीवन में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या फायदा?
एकमुखी रुद्राक्ष धन लाभकारी,मनचाही कामना की पूर्ति करने वाला,समान दायक,सभी तरह के सुख देने वाला,और सूर्य तथा मंगल की दशा में होने वाले अनिष्टकारी प्रभावों को नष्ट करने में सक्षम है।
एकमुखी रुद्राक्ष का संबंध नौ ग्रहों में से सबसे पहले और मुख्य ग्रह सूर्य से है। कुंडली में सूर्य के अशुभ होने से जातक आंखों के रोग, शिरोपीड़ा, हड्डियों की कमजोरी आदि शारीरिक रोगों के अलावा आत्मिक स्तर पर सौभाग्य, आत्मविश्वास की कमी आदि अन्य रोगों से ग्रसित होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य की अशुभ दशा का समाधान होता है और धारक को सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। जातक जीवन में समस्त प्रकार की सफलता प्राप्त करता है।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से शासकीय विरोध या सरकारी रुकावटें और परेशानियाँ भी शांत होती है। एक मुखी रुद्राक्ष सामाजिक स्तर में उन्नति और नेतृत्व शक्ति को विकसित करता है।
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एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
अगर आप में साहस की कमी है तो एक मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए। अगर आपके अंदर नकारात्मक प्रभाव बहुत बढ़ गया है, तो आपको एक मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए,ऐसा करने से आपका मन शांत होते हुए आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगेगा।
अगर व्यक्ति के मन में बुरे विचार आते है और दूसरों के प्रति नफरत की भावना उत्पन्न होती है तो एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपके मन में प्रेम और स्नेह की भावना की उत्पत्ति होने लगती है।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है, प्रसिद्धि पाता है और धीरे-धीरे सामाजिक स्तर में मान सम्मान बढ़ने लगता है।
एक मुद्री रुद्राक्ष को धारण करने से आत्मविश्वास जागृत हो जाता है और आपके मन में यह विचार आता है कि आपको सर्वश्रेष्ठ बनना है, प्रसिद्ध होना है। इसलिए एक मुखी रुद्राक्ष को जरूर धारण करना चाहिए।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से इन्द्रिय वश में हो जाती है और शारीरिक रूप से भी मजबूती बढ़ने लगती है, इसलिए एक मुखी रुद्राक्ष को जरूर धारण करना चाहिए।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से ग्रहों की भी शांति मिलती है।
अगर कोई आपके खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है और आपने एकमुखी रुद्राक्ष धारण किया हुआ है ,तो उसका षड्यंत्र विफल हो जाता है।
सूर्य देव की कृपा पाने के लिए धारण करें अति दुर्लभ एकमुखी रुद्राक्ष
एकमुखी रुद्राक्ष सूर्य द्वारा संचालित होता है। दायीं आंख, हृदय, मस्तिष्क, अस्थि, भगन्दर,सनायु रोग,अतिसार ,अपेंडिक्स, मुखपाक, अग्निमंदता, विटामिन ‘ए’ विटामिन ‘डी’ रतौंधी आदि रोगों के निवारण के लिए एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने पर सहायक होता है।
एकमुखी रुद्राक्ष सूर्य के दोष के निवारण के लिए भी धारण करना चाहिए।
एकमुखी रुद्राक्ष को साक्षात ‘शंकर” कहते हैं।
एकमुखी रुद्राक्ष काजू दाना
एकमुखी रुद्राक्ष गोल रूप में और काजू जैसा दिखने वाला पाया जाता है,यह दोनों एकमुखी रुद्राक्ष श्रेष्ठ और अत्यंत लाभकारी होते है।
मोक्ष पाने का सबसे आसान उपाय है एकमुखी रुद्राक्ष।
ऐसा माना गया है की एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
रविवार को एकमुखी रुद्राक्ष की पूर्ण विधि विधान से पूजा और मन्त्र जप करके धारण करना चाहिए।
वैसे तो सभी प्रकार के 14 मुखी रुद्राक्षों को “ॐ नमः शिवाय” के मन्त्र द्वारा पूजा कर सकते है। लेकिन अगर विशेष रूप से एकमुखी रुद्राक्ष के लिए मन्त्र- “ॐ ह्रीं नमः” है।