3,6 मेष लग्न में बुध का फल

इस पोस्ट में हम जानेंगे 3,6 मेष लग्न में बुध का फल और मेष लग्न में जब बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है तब के परिणाम मिल सकते है।

3,6 मेष लग्न में बुध का फल

पन्ना नवग्रहों में बुध का प्रतिनिधित्व करता है। बुध का शुभ स्थिति में बैठना और अशुभ स्थिति में बैठना जातक पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालता है, इसलिए बुध के प्रतिकूल होने पर पन्ना अवश्य पहनना चाहिए। बुध की महादशा और अंतर्दशा में जातक को पन्ना धारण करना चाहिए।

मेष लग्न के जातकों को पन्ना रत्न नहीं पहनना चाहिए क्योंकि मेष राशि का स्वामी मंगल, बुध को अपना शत्रु मानता है, मेष लग्न में बुध तीसरे और छठे दोनों अशुभ भावों का स्वामी बनता है।

अत: मेष लग्न में पन्ना धारण करने से गले संबंधी रोग, रक्तचाप, रोग एवं पीड़ा, विवाद तथा नाभि से मूत्र नली तक चोट लग सकती है। क्रोध, उत्तेजना, विवाद और चोट, यहाँ तक कि जानवरों से चोट लगने का भय भी रहेगा। माता एवं स्त्री को कष्ट हो सकता है, पिता के लिए कुछ ठीक रहेगा।

यदि मेष लग्न में बुध तीसरे भाव में अपनी ही राशि (मिथुन राशि) में है, तो बुध की महादशा में पन्ना पहनना सफल और लाभकारी रहेगा।

मेष लग्न के तीसरे भाव में बुध

तीसरे स्थान में अपनी ही राशि में बुध के प्रभाव से जातक बहादुर एवं साहसी होगा, जातक अपने शत्रुओं पर अत्यधिक प्रभाव रखने वाला होगा, जातक अपने भाई-बहनों के सुख में कमी करेगा। यहां से बुध अपनी सातवीं दृष्टि नवम भाव पर डालेगा और अपनी बुद्धि व बल से भाग्य में वृद्धि करेगा।

मेष लग्न के छठे भाव में बुध

छठे भाव (कन्या राशि) में बुध उच्च का हो तो जातक शत्रुओं पर अपना विशेष प्रभाव रखने वाला होगा, अपने प्रयासों के बल पर बड़े-बड़े कार्य करने वाला होता है। जातक को खर्चों से जुड़ी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारता और उन परेशानियों से बाहर निकल आता है।

मेष लग्न के प्रथम भाव में बुध

मंगल का शत्रु बुध प्रथम भाव में मेष राशि में शारीरिक कष्ट देता है,व्यापार व्यवसाय में भी कोई ना कोई परेशानी देता है।

मेष लग्न के दूसरे भाव में बुध

मेष लग्न के दूसरे भाव में बुध होने से जातक की वाणी अच्छी होती है, जातक अच्छा वक्ता होता है, जातक कर्ज लेकर सफलता प्राप्त करता है और जातक कंप्यूटर या प्रिंटिंग के व्यवसाय से जुड़ा हुआ हो सकता है।

मेष लग्न के चौथे भाव में बुध

अगर मेष लग्न की कुंडली में बुध चौथे भाव में बैठा है तो जातक पर मकान और संपत्ति का कर्ज हो सकता है, जातक आपकी मेहनत से जमीन और वाहन लेता है। चतुर्थ भाव में बैठा बुध लोन लेकर कारोबार करवाता है।

मेष लग्न में पंचम भाव में बुध

मेष लग्न की कुंडली में पंचम भाव में बैठा बुध अच्छी विद्या देता है, जातक स्टडी लोन लेकर अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकता है। पंचम भाव में बैठा बुध अच्छी संतान देता है, जातक अच्छा व्यवसाय या नौकरी करता है और उसके जीवन में मांगलिक कार्य भी सिद्ध होते है।

मेष लग्न में सप्तम भाव में बुध

मेष लग्न के सप्तम भाव में बैठा बुध कारोबार में कर्ज करवा सकता है, व्यापार-कारोबार में मेहनत अधिक और कम सफलता की स्तिथि दे सकता है, कारोबार में साझेदारी में धोखा करवा सकता है, अगर सप्तम भाव में बुध अकेला बैठा है तो वह यौन शक्ति की कमी कर सकता है।

मेष लग्न में अष्ठम भाव में बुध

मेष लग्न की कुंडली हो और बुध अष्ठम भाव बैठा हो तो कर्ज होता है, अदालती विवाद हो सकते है, परिवार में कलह हो सकती है, बुध की महादशा में कारोबार में काफी परेशानियां और धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

मेष लग्न में नवम भाव में बुध

पन्ना रत्न की अंगूठी कैसे पहनें

बुधवार के दिन रेवती नक्षत्र के योग में आप लगभग 6 कैरेट वजन का पन्ना पहन सकते हैं।

पन्ना बुधवार के दिन दाहिने हाथ की कनिष्का उंगली में सोने या चांदी में धारण करना चाहिए। सुबह सूर्योदय के बाद स्नान करके अंगूठी को गंगाजल से पवित्र करके पूजा स्थान पर रखें, बुध मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद मन की इच्छा पूरी करने का संकल्प लेकर पन्ना की अंगूठी धारण करें।

यदि आप पन्ना धारण करने में असमर्थ हैं तो हरा तुरमलिन रत्न धारण कर सकते हैं।
बुध का बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!

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