कुंभ राशि का करियर
कुंभ राशि का करियर के बारे में जाने तो यह जो भी काम करते है उसमें पूरी स्वतंत्रता चाहते है। यह समय के बदलाव के साथ अपने लिए नया करियर चुनना पसंद करते है। अगर इनकी रूचि देखि जाये तो इनका रुझान प्रौद्योगिकी और विज्ञानं क्षेत्रों की तरफ अधिक रहता है। इनके कार्यों में बहुत से बदलाव देखे जा सकते है जिससे ये हमेशा कुछ अलग और नया करने की चाह में रहते है।
इनके कार्यक्षेत्र अध्यापन और शिक्षण, विज्ञान के क्षेत्र, इंजीनियर, सामाजिक संसथान, राजनीती, एस्ट्रोलॉजी-वास्तुशास्त्री, जीव विज्ञान, गणित, समाजशास्त्र, फार्मा, दवा विक्रेता, गणित, फिल्म-वीडियो लाइन, डॉक्टर, वैज्ञानिक, न्यायालय से जुड़े हुए, टेक्निकल कार्य, सेना-पुलिस-प्रशासन में पदस्थ, कारोबारी, नौकरी में उच्च पद, शोधकर्ता, पुरातत्व विभाग, कला क्षेत्र हो सकते है।
सामान्य गुण व स्वभाव
कुंभ राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति एक तरफ विशाल हृदय ,दानवीर ,ईश्वर भक्ति करने वाले ,दूसरों की भलाई करने वाले हो सकते हैं। तो दूसरी तरफ वह मानवता से गिरे हुए ,धोखेबाज ,भ्रष्टाचारी ,आराम पसंद एवं विलासी जीवन के आदि भी हो सकते हैं।
यद्यपि इनके स्वभाव में कभी-कभी दार्शनिक झलक भी दिखाई देती है और इनमें कवि बनने के गुण भी रहते हैं। इनमें से बहुत से लोग सहज ही अपने काम से संपत्ति वान करोड़ों की संपदा के स्वामी भी बन जाते हैं। कुंभ राशि के लोगों का स्वभाव कुछ ऐसा रहता है कि जब यह किसी काम की ठान लेते हैं तो उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं।
कुंभ राशि का स्वामी शनि को माना गया है। अंततः इस मास में जन्मे लोगों के स्वभाव और चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती हैं-:
सामान्य चरित्र
इस माह में जन्म लेने वाले व्यक्ति अत्यंत संवेदनशील प्रवृत्ति के हो सकते हैं। यह जिन से प्यार करते हैं ,जिनको अपना समझते हैं उनके प्रति पूरी तरह समर्पित एवं निष्ठावान बने रहते हैं। इनमें एक विशेष गुण भी रहता है कि यह लोग अपनी सूक्ष्म ग्रही अंतत प्रेरणा से अपने संपर्क में आने वाले लोगों की वास्तविक मंशा उनके वास्तविक उद्देश्य को शीघ्र ही भांप सकते हैं।
यद्यपि वह अपनी राय को किसी के सामने प्रकट होने नहीं देते और मंशा जानकर भी उसकी मदद के लिए तत्पर हो जाते हैं। इसी के कारण उन्हें आगे चलकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह लोग अपने संपर्क में आने वाले लोगों से शीघ्र प्रभावित होते हैं। अंततः इन्हें अपने साथियों और अपने मित्रों के चुनाव में पर्याप्त सावधानी रखनी चाहिए। यह लोग दानी ,दयालु प्रवृत्ति और परोपकारी स्वभाव के हो सकते हैं। इनका दूसरों के काम आना दूसरों के कष्टों में मदद करना स्वभाव रहता है।
यह तार्किक बुद्धि वाले और कई बार स्वार्थी प्रवृत्ति के भी बन जाते हैं। यह दूसरों के लिए श्रेष्ठ सलाहकार सिद्ध होते हैं। यह लोग दायित्व पूर्ण पदों पर रहकर औरों को लाभ पहुंचाने वाले भी होते हैं। इनकी एक अन्य विशेषता है कि यह स्वयं को अवसर और परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेते हैं ,तथा समय अनुसार अपनी गुप्त शक्तियों को प्रकट करके सबको आश्चर्यचकित कर देते हैं। यह अपने आत्मविश्वास और संवेदनशीलता को नियंत्रण में रखकर किसी भी पद को पाने में सफल हो जाते हैं।
परोपकार के क्षेत्र में भी इन्हें विशेष सफलताएं मिलती है। यह लोग मानव कल्याण संबंधी कोई विशेष कार्य करके अपने नाम को अमर कर लेते हैं। जनहित तथा राष्ट्रहित के कार्यों एवं आलोचनात्मक कार्यों में यह विशेष रूचि लेते हैं। यह ललित कला ,संगीत सभी तरह के सार्वजनिक मनोरंजन के कार्यो में रूचि रखते है एव बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है।
स्वास्थ्य
फरवरी माह में जन्मे लोगों को जोड़ दर्द और पक्षाघात जैसे जीण रोगों की संभावना अधिक रहती है। इनके अलावा इन लोगों को अमाशय यकृत एवं पित्त से संबंधित रोगों की संभावना भी अधिक बनी रहती है। इनके कई रोग तो ऐसे रहते हैं जिनका निदान कर पाना भी योग्य चिकित्सकों के लिए कठिन कार्य बन जाता है। वृद्धावस्था में इन लोगों को रक्त की कमी ,सिर तथा पीठ में दर्द ,मूत्राशय ,गुर्दों के रोग ,चोट ,मोच ,हड्डी टूटने का खतरा भी अक्सर बना रहता है। शक्तिवर्धक दवाओं का सेवन करते रहना इनके शौक में सम्मिलित रहता है।
कुंभ राशि का करियर/आर्थिक स्थिति
इन लोगों के भाग्य में आकस्मिक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इनके लिए बिजली कंपनी ,ट्रस्ट ,बीमा कंपनी ,बैंक ,उड्डयन विभाग ,अनुसंधान के कार्य ,रेलवे आदि क्षेत्रों में विशेष उन्नति की संभावनाएं रहती हैं। इनसे इन्हें उत्तम आर्थिक लाभ मिलते हैं। कभी कभी इन्हें अप्रत्याशित लाभ मिलने की संभावना भी रहती है। यह लोग जीवन में एक बार अवश्य ही शीर्ष शिखर पर पहुंचने में कामयाब होते हैं।
यद्यपि लापरवाही बरतने या समझदारी से काम ना लेने पर इन्हें आर्थिक हानि और जीवन में बार-बार उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।
फरवरी के महीने में पैदा हुए लोगों के लिए भाग्यशाली रत्न।
21 जनवरी से 18 फरवरी का महीना कुंभ राशि के क्षेत्र में आता है। कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। शनि की यह सौम्य राशि मानी गई है। जबकि शनि की दूसरी राशि मकर को क्रूर राशि के रूप में स्वीकार किया गया है। इसलिए माह जन्म लेने वाले लोगों के स्वभाव व्यवहार एवं कार्य क्षमता में अनेक तरह के विभेद देखे जाते हैं।
इनका भाग्यशाली रत्न
21 जनवरी से 18 फरवरी कुंभ जातकों के लिए, अमेथिस्ट रत्न नामक एक पत्थर को भाग्यशाली रत्न या भाग्यशाली जन्म का रत्न माना जाता है। अमेथिस्ट रत्न पहनने से न केवल उनके बौद्धिक ज्ञान में वृद्धि होती है, बल्कि व्यापार आदि में भी बड़ी सफलताएँ मिलती हैं। इस रत्न की मदद से उन्हें घुड़दौड़, दौड़, लॉटरी और इसी तरह की अन्य योजनाओं में सफलता मिलती देखी गई है।
नीलम रत्न बैंगनी रंग का एक सुंदर रत्न है। पिछले हजारों वर्षों से भगवान की पूजा के लिए माला बनाकर नीलम रत्न का भी उपयोग किया जा रहा है। प्राचीन काल से कई यूरोपीय देशों में नीलम रत्न रतन को सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
लंबी यात्राओं पर जाने वाले सभी लोगों को घर से निकलने से पहले रक्षा कवच के रूप में Amethyst gemstone अवश्य पहनाया जाता था। Amethyst gemstone लोगों को शराब की बुरी लत से दूर रखने के लिए धारण करवाए जाते थे। यह रत्न व्यक्ति को कठिन परिश्रम करने वाला भी बनाता है।
Amethyst gemstone में बौद्धिक क्षमता निखारने के गुण भी रहते है इसलिए बौद्धिक कार्य करने वाले लोगों तथा कवि ,लेखक ,साहित्यकार ,अध्यापन करने वाले और वकालत का पेशा करने वाले लोगों को यह शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कराने में मदद करता है। संसार भर के अनेक जाने-माने वकील और कूटनीतिज्ञ Amethyst gemstone धारण करके बड़े-बड़े मुकदमें जीत चुके हैं। संसार में अनेक साहित्यकार और लेखकों ने Amethyst gemstone की मदद से दुनिया भर में नाम कमा चुके हैं।
Amethyst gemstone कुंभ राशि का करियर और दूसरों से मदद दिलाने ,सम्राट ,मंत्री बनाने ,उचे पद तक पहुंचाने की विशेष क्षमता रहती है। इसलिए प्राचीन समय से ही बड़े-बड़े लोग इस रत्न को अपने शरीर पर धारण करते रहे हैं। राजवंश के लोग तो प्राय Amethyst gemstone का लॉकेट या अंगूठी बनवाकर अपने हाथ यहां गले में धारण किया करते थे।
Amethyst gemstone बौद्धिक ज्ञान ही नहीं बल्कि यह व्यापार आदि में भी भारी सफलताएं प्रदान करता है। इसकी सहायता से घुड़दौड़ ,रेस ,लाटरी और इसी प्रकार के अन्य योजनाओं में सफलता मिलते देखी गई है।
प्राचीन काल में यूनानीयों का गहरा विश्वास था कि Amethyst gemstone से निर्मित प्याले में शराब पीने से नशे का प्रभाव नहीं होता। प्राचीन यूनानी स्त्रियां भी इस रत्न की मदद से अपने मर्दों की वफादारी प्राप्त करने के लिए ,इसे सदैव अपने पास रखती थी।
Amethyst gemstone के विषय में पुराने समय से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि यह रत्न विषैले पदार्थ के प्रभावों से भी बचाता है ,इसलिए इस पत्थर से बने प्यालों में कोई विषैली दवा या विषाक्त भोजन करने पर उसका विषैला प्रभाव समाप्त हो जाता है।
Amethyst gemstone को बहुमूल्य रत्नों में सम्मिलित करके इसको चमत्कारिक रत्न माना है ,जो धारण करता को बल ,बुद्धि ,विद्या के साथ-साथ धन संपत्ति प्रदान करता है। जिनका मस्तिक से सदैव बेचैन रहता है मानसिक उत्तेजना के कारण जिनकी नींद उचट जाती है या जिनका रक्तचाप सदैव सामान्य से अधिक बना रहता है ,जो लोग बात बात पर गुस्सा करने लगते हैं ,अगर ऐसे लोगों को Amethyst gemstone जड़ित अंगूठी धारण करवा दी जाए तो यह बहुत उपयोगी रहता है।
Amethyst gemstone धारण करने से सारे कष्ट शीघ्र दूर होते हैं। Amethyst gemstone व्यक्ति की कामवासना को भी सामान्य बनाए रखता है। यह जादू टोना बुरी नजर चोरी आदि के झूठे आरोप और मुकदमे बाजी की परेशानी से भी सुरक्षित रखता है। यह रत्न राज दरबार में मान सम्मान दिलाता है। सैनिकों को यह युद्ध भूमि में घायल होने से बचाए रखता है।
Amethyst gemstone के संबंध में यह सभी प्राचीन मान्यताएं काफी हद तक सत्य पाई गई हैं। जो लोग प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं ,कोयला ,खदान आदि का व्यापार करते हैं अथवा जो लोग अपना होटल आदि चलाते हैं ,उनके लिए Amethyst gemstone धारण करना अत्यधिक लाभप्रद रहता है।
Amethyst gemstone सभी राशि वालों के लिए शुभ रत्न माना गया है Amethyst gemstone को धारण करने का एक तंत्रोक्त विधान भी है। इस विधान के अनुसार सर्वप्रथम बीज मंत्र का उच्चारण करते हुए अश्विनी नक्षत्र में Amethyst gemstone खरीदना चाहिए, फिर पुनर्वसु नक्षत्र में 31 रत्ती का Amethyst gemstone चांदी की अंगूठी में जड़वाकर एवं पूजा पाठ करते हुए गंगाजल ,दही से अभिषेक करके ,चेतना संपन्न करके ,अपने शरीर पर धारण करना चाहिए। इस प्रकार Amethyst gemstone अपना पूर्ण प्रभाव दिखाता है।