जुलाई माह में पैदा होने वालों का भाग्यशाली जन्म रत्न:-
जुलाई का महीना कर्क राशि के क्षेत्र में आता है। कर्क राशि के स्वामी चन्द्र देव हैं। अंततः इस मास में जन्म लेने वाले लोगों में चन्द्र का प्रभाव देखने को मिलता है।
सामान्य गुण व स्वभाव:-
जुलाई महीने में जन्म लेने वाले लोग प्राय अपने घर में रहना ही पसंद करते हैं। उनको अपने घर से विशेष लगाव, प्रेम रहता है। यह लोग दूसरों की सेवा में भी रुचि लेते हैं। बातें बनाने की बजाय इन्हें अपने कर्म से उदाहरण प्रस्तुत करने में अधिक रुचि रहती है। वास्तव में यही लोग सही अर्थों में दूसरों की निष्काम सेवा करते हैं। यह लोग सब के हितैषी, विशाल हृदय और मानसिक रूप से बहुत विकसित होते हैं। यह ठोस काम करके दिखाते हैं।
कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा है, इस मास में जन्म लेने वाले लोगों के स्वभाव तथा चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती हैं:-
सामान्य चरित्र:-
इस माह में जन्मे लोग अत्यधिक परिश्रमी तथा उद्यमी स्वभाव के होते हैं। परंतु इनका भाग्य अत्यंत शुभ अथवा अशुभ हो सकता है। यह लोग शेयर अथवा सट्टा बाजार में अपने धन को दांव पर लगाते हैं,और प्राय हानि उठाकर घर बैठ जाते हैं। सीधे सच्चे व्यापार से इन्हें सफलता ,लाभ होता है। परंतु अपनी चटोरेपन की आदत के कारण इन्हें बारंबार हानि उठानी पड़ती है। इसी के कारण अनेक बार यह अपने व्यवसाय को भी नष्ट कर बैठते हैं।
यह किसी क्षेत्र में कभी आगे बढ़ते हैं और कभी पीछे हटते रहते हैं। इनके जीवन में भारी उतार-चढ़ाव के दौर आते रहते हैं। यदि यह लोग अपने बुरे समय के लिए धन बचा कर ना रखें तो प्राय परेशानियों में ही पड़ जाते हैं। यह लोग निश्चित योजना के अनुसार किसी लक्ष्य तक पहुंचकर अचानक ही उससे पीछे हटकर सबको आश्चर्यचकित कर देते हैं। फिर भी यह लोग उच्च पदों पर पहुंचने और प्रचुर मान सम्मान एवं यश प्राप्त करते हैं।
पारिवारिक जीवन में इन्हें बहुत कठिनाइयों तथा मानसिक संतापो का सामना करना पड़ता है। बाहरी लोगों की दृष्टि में यह लोग प्रसन्न रहते हुए भी भीतर ही भीतर घुटन भरी जिंदगी जीने पर विवश होते हैं। यह बड़े-बड़े आदर्श स्थापित करते हैं। परंतु जब उनका विरोध होता है, तब इनके मन में अत्यधिक गहरी चोट लगती है। तब यह लोग स्वय को अपने तक सीमित करने के विषय में सोचने लगते हैं।
यह लोग बड़ी बड़ी योजनाओं के स्वप्न देखने और दूसरों का मार्गदर्शन करने में निपुण होते हैं।आलोचना से इनका हृदय विदीर्ण हो जाता है। यह बड़े स्नेही स्वभाव के होते हैं ,तथापि उसका प्रदर्शन करना इन्हें अच्छा नहीं लगता। इन्हें अपने मित्र, परिवारजनों की परंपराओं तथा रीति-रिवाजों से विशेष लगाव रहता है। इसके बावजूद भी इन्हें रूखे स्वभाव वाला समझने की गलती हो जाती है।
ऐसे लोग उच्च कल्पना शक्ति संपन्न कलाकार ,लेखक ,अभिनयकर्ता अथवा संगीतज्ञ हो सकते हैं। कुछ लोग व्यवसाय के क्षेत्र में भी शीर्ष स्तर की सफलताएं प्राप्त करते हैं। इन्हें धर्म ,दर्शन तथा गुप्त विद्याओं में विशेष रूचि होती है।
स्वास्थ्य:-
इस माह में जन्मे लोगों को पाचन शक्ति की कमी के कारण अनेक प्रकार के उदर रोग जैसे गैस बनना ,उदर शोथ , मंदाग्नि आदि की शिकायत अक्सर बनी रहती है। इनकी इच्छा शक्ति अत्यधिक प्रबल होती है। इनका शरीर दुर्बल ही रहता है।
कमजोर जीवनी शक्ति के कारण इन्हें सर्दी ,जुकाम ,फेफड़ों की कमजोरी तथा गठिया जैसे रोगों के अतिरिक्त रक्त संचार संबंधी शिकायतें भी बनी रहती है। अंततः इन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति सदैव सचेत रहना आवश्यक है
आर्थिक स्थिति:-
इन लोगों को आकस्मिक रुप तथा विचित्र व्यक्तियों के संपर्क से आर्थिक लाभ हो सकता है .यह लोग अप्रत्याशित एवं आश्चर्यजनक तरीके से धन प्राप्त करते तथा धनवान बनते हैं .बड़ी कंपनियों ,एसोसिएशन ,सार्वजनिक संस्थानों ,पुरातत्विक वस्तुओं ,जहाजरानी ,तेल परिशोधन ,कोयला उत्खनन एवं विद्युत संबंधी कार्य तथा क्षेत्रों से इन्हें विशेष लाभ मिलता है .यह लोग अन्वेषक और खनिज वस्तुओं के व्यापार में विशेष सफल होते हैं .भूमि विकास के कार्यों में भी इन्हें अच्छा लाभ मिलता है .
इनका भाग्यशाली रत्न, Lucky Birthstone:-
जुलाई में पैदा हुए लोगों का भाग्यशाली रत्न यानी Lucky Birthstone, कंधारी अनार के रंग का माणिक यानी ruby माना गया है। भारत में तो वैसे ही माणिक्य का मूल्य ,महत्व और शक्ति हीरे से भी अधिक समझी जाती है। अंततः माणिक धारणकर्ता को धन ,यश ,सम्मान, पद ,प्रतिष्ठा और शांति सभी प्रदान करता है। पर यह धोखे के कामों से धनी बनाने में सहायता नहीं करता।
पश्चिम जगत के रत्न विशेषज्ञ ,कर्क राशि वालों के लिए भाग्यकारक रत्न माणिक को मानते रहे हैं। पूर्वी देशों विशेषकर भारत, बर्मा , चीन आदि देशों में पिछले हजारों वर्षों से भाग्य बदलने ,धन कमाने ,अधिक से अधिक मित्रों के साथ जुड़ने और जनसाधारण में लोकप्रिय बनाने में माणिक ने बहुत कीर्ति प्राप्त की है।
माणिक्य के संबंध में तो यहां तक कहा गया है ,कि इसे धारण रखने पर विष खा लेने पर माणिक्य का रंग तुरंत फीका पड़ जाता है। इससे निश्चित ही माणिक्य धारणकर्ता के प्राण बच जाते हैं। माणिक के बारे में कई पुरानी पुस्तकों में बहुत सी आश्चर्यजनक और विचित्र दंतकथा कहानियां पढ़ने को मिलती है। लोगों का विचार है कि माणिक्य धारण करने वाले के बुरे भाव दूर हो जाते हैं ,उसको मन की शांति प्राप्त होती है। और उसके रोग दूर होकर स्वस्थ शरीर प्राप्त होता है। माणिक्य धारण करने से व्यक्ति का मन आत्मविश्वास से परिपूर्ण प्रसन्न चित्र रहता है।