कोहिनूर हीरा |विश्व प्रसिद्ध हीरे की कहानी

कोहिनूर हीरा और इस पोस्ट में हम संसार के कुछ प्रसिद्ध और ऐतिहासिक हीरों के बारे में जानेंगे।

संसार के प्रसिद्ध हीरो का वृतांत

कोहिनूर हीरा

कोहिनूर हीरा अपने मूल्य व गुणों के कारण संसार में सबसे प्रसिद्ध और संसार का सबसे अधिक मूल्यवान हीरा समझा जाता है। यह हीरा 1304 ईस्वी में गोलकुंडा की खानों से मिला था। सबसे पहले यह हीरा उस समय के मालवा के राजा के अधिकार में था। 200 वर्ष बाद मुगल बादशाहों के कब्जे में आ गया और 1739 ईस्वी तक मुगल बादशाहों के पास रहा।

कोहिनूर हीरा– हीरे को प्राप्त करने के लिए नादिरशाह ने दिल्ली पर आक्रमण किया ,यहां आने पर लूट में यह हीरा ना मिला तो वह बहुत हताश हुआ। अंत में उसे पता चला कि कोहिनूर हीरा मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीले ने अपनी पगड़ी में छुपा रखा है। उसने कुशलता से पराजित मुगल बादशाह और दूसरे नवाबों को आमंत्रित किया और भोज के समय मुगल बादशाह को अपनी पगड़ी के बदले पगड़ी बदलने को कहा। पराजित मुगल बादशाह इंकार ना कर सका।

क्या आप जानते है? आपका भाग्यशाली रत्न कौन सा है। 

नादिरशाह सैकड़ों ऊंठों और बैल गाड़ियों पर दिल्ली से लूटमार का सामान ,जवाहरात और कोहिनूर हीरा लेकर इरान पहुंचा और दिल्ली पर विजय पाने लूटमार का रुपया प्राप्त करने की खुशी में विशाल दरबार लगाया। जैसे ही वह कोहिनूर वाला ताज अपने बड़े बेटे के सिर पर रख रहा था कि किसी शत्रु ने गोली मार दी ,जिससे शहजादा उसी समय मर गया।
कहते हैं कि नादिरशाह ने अपने बेटे की लाश के साथ कोहिनूर को भी भूमि में दबा दिया। नादिर शाह की मृत्यु के पश्चात यह हीरा महाराजा रणजीत सिंह के अधिकार में आ गया।

उनकी मृत्यु के पश्चात यह हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार में चला गया। 1850 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसको इंग्लैंड भेज दिया और महारानी विक्टोरिया को भेंट स्वरूप दिया गया। 1852 ईस्वी में इसको काट कर 106 कैरेट का कर दिया गया।
तेरहवीं शताब्दी के प्रसिद्ध जौहरी ट्रेवनियर जिसने कोहिनूर हीरे को मुगल बादशाहों के दरबार में देखा था। उस समय कोहिनूर हीरे का वजन 900 कैरेट था। अब यह हीरा ब्रिटेन की सरकार की संपत्ति समझा जाता है। आजकल इसका मूल्य $4,20,000 के लगभग है और यह हीरा टावर ऑफ़ लंदन में सुरक्षित है। इसको कई लोग मुग़ल-ए-आज़म के नाम से भी पुकारते हैं।

लग्न अनुसार रत्न निर्धारण

पिट या रीजेंट हीरा

इस हीरे की कहानी भी बहुत भी रोचक और विचित्र है। यह हीरा गोलकुंडा की खानों में से 1700 ईसवी में मिला था। एक गुलाम ने खान से निकलने के समय उसको चुरा लिया। बाद में यह हीरा थामस पिट गवर्नर फोर्ट सेंट जॉर्ज मद्रास के अधिकार में चला गया। वह इस बहुमूल्य हीरे की चोरी हो जाने के डर से थोड़े थोड़े समय पश्चात अपना निवास स्थान बदल लिया करता था। उसने इस हीरे को कटवाकर 140 कैरेट का कर दिया। इस को नया रूप देने में 2 वर्ष लगे और $14000 वयय हुए।

1717 ईस्वी में पिट ने यह हीरा फ्रांस के रीजेंट को बेच दिया। इसी कारण इस हीरे का नाम उसके नाम पर (पिट)pitt या regent पड़ गया। सन 1792 ईस्वी में यह हीरा फ्रांस के बादशाहों के अधिकार में आ गया। फ्रांस की क्रांति में यह हीरा चोरी हो गया, परंतु बाद में मिल गया। आजकल यह हीरा लोअर के संग्रहालय में है। 1936 ईस्वी में इसका मूल्य 500000 पौंड था। अब इसका मूल्य और भी बढ़ गया है।

READ ALSO: GEMSTONES AND YOUR ZODIAC SIGN

आरलॉफ हीरा

यह भारतीय हीरा गुलाब के फूल के रूप में 193 कैरेट में तैयार किया गया था। यह हीरा त्रिचनापल्ली के किसी मंदिर में ब्रह्मा की मूर्ति की आंख में जड़ा हुआ था। एक फ्रांसीसी फौजी सिपाही ने उसको चुरा लिया और मद्रास में जहाज के एक कप्तान को बेच दिया। बाद में यह हीरा कई हाथों से गुजरकर ,अंत में इसको रूसी शहजादे आरलॉफ ने मलका कैथराइन के लिए खरीद लिया।

1935 ईस्वी में रूस की बालशोवक गवर्नमेंट ने इस हीरे को अम्स्टरडम भेजा। क्योंकि यह हीरा बहुत मूल्यवान था और कोई व्यक्ति इसको खरीद नहीं सकता था। इसलिए इस के टुकड़े-टुकड़े करके बेचने का फैसला किया परंतु पता चला है कि यह हीरा अभी भी रूस की गवर्नमेंट के पास सुरक्षित है।

शाह हीरा अर्थात पहाड़ों का चांद

यह हीरा 183 कैरेट का था। मुगल बादशाहों के अधिकार में रहने के पश्चात नादिरशा इस को लूट कर इरान ले गया। 1747 ईस्वी में नादिर शाह की हत्या के पश्चात ईरान सरकार ने दूसरे हीरो के साथ इस हीरे को भी बेच दिया। बाद में इसको रूसी शहजादे आर्लोफ ने खरीद लिया। 20 अगस्त 1942 ईस्वी को लंदन में यह हीरा 5200 पॉन्ड में बिका।

नीला हीरा या होप हीरा

यह हीरा हरियाली युक्त नीला था। इसको 1642 ईस्वी में प्रसिद्ध फ्रांसीसी जौहरी ने ट्रेवरनियर गोलकुंडा की खानों से खरीदा था और अधिक लाभ लेकर फ्रांस के बादशाह लुईस(चौदवे) को बेच दिया।

फ्रांस की क्रांति में यह हीरा दूसरे diamond के साथ चुरा लिया गया। परंतु 1830 ईस्वी में फिर मिल गया। इसको थामस होप बैंकर ने $90000 में खरीदा। थामस शॉप के मरने के पश्चात उसकी संतान में कई लोगों के पास यह हीरा रहा। जिनकी असामान्य परिस्थितियों में मौत हुई।

इसके बाद यह हीरा अमेरिका ,टर्की में पहुंच गया। फिर यह हीरा पेरिस की नीलामी में बिका। 1911 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक यह एक अमेरिकन स्त्री मेकालीन के अधिकार में रहा।
12 वर्ष के पश्चात एक अमेरिकन जौहरी बिनस्टिन ने $700000 में खरीदा। यह हीरा बहुत अशुभ समझा जाता है। फ्रांस की क्रांति के दिनों में यह हीरा फ्रांस की रानी मेरी एण्टाटेंट ने पहना हुआ था। इसको फांसी पर चढ़ा दिया गया।

उसके बाद एक दूसरे फ्रांसीसी ने इसको खरीदा उसकी भी मौत हो गई। बाद में सुल्तान अब्दुल हमीद की धर्मपत्नी ने पहना हुआ था, तो उसके पति ने उसको गोली मार दी।
एक दूसरा खरीदार मिस्टर हबीब समुद्र में डूब गया परंतु आज तक किसी ने इस हीरे का पुराना इतिहास और उसकी बदला लेने की भावना के बारे में जांच नहीं की।

READ ALSO: क्या आप भी BLOGGING में अपना करियर बनाना चाहते है।

स्टार ऑफ द साउथ

ब्राजील का यह हीरा 254 कैरेट का था और ब्राजील की खानों से एक हब्शी गुलाम ने खोजा था। जिस पर मालिक ने खुश होकर इस को आजादी दे दी और उसकी पेंशन निश्चित कर दी। इस हीरे को महाराजा गायकवाड ऑफ बड़ौदा ने खरीदा।

पुरीटोरिया

दक्षिण अफ्रीका की खानों में 1905 ईसवी में सबसे बड़ा और भारी हीरा जो 3025 कैरेट का मिला था। यह सफेद पारदर्शी बढ़िया क्वालिटी का हीरा था और $420000 में बिका था। इसको काटकर कई छोटे-छोटे हीरे बनाए गए। जिसमें से काफी हीरे इंग्लैंड के बादशाहो के ताजों में जुड़े हुए हैं।

Leave a Comment