मरगज (Jade)
मरगज बुध के रत्न पन्ना का उपरत्न है। कुछ रत्न कारोबारियों के पूछने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा की मरगज को ही जेड कहते हैं। पन्ना के स्थान पर मरगज बुधवार अश्लेषा या ज्येष्ठा नक्षत्र के योग में कनिष्ठा उंगली में धारण करना चाहिए। यह हरे रंग का होता है ,देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें अत्यंत सूछ्म दाने व रेखाए होती है।
मरगज को धारण करने से शरीर के आंतरिक रोगों से लाभ मिलता है। विशेषकर स्नायु रोगों को दूर करता है। मरगज धारण करने से स्नायु तंत्र मजबूत होता है, नसों की कमजोरी दूर होती है। गुर्दे मजबूत होते हैं। गुर्दे की प्रारंभिक बीमारी में भी बहुत असर करता है। रोगों से लड़ने की शक्ति पैदा होती है। मरगज धारण करने से स्वास्थ्य रक्षा होती है ,आयु में वृद्धि होती है ,बुद्धि और विवेक ठीक रहने की संभावना रहती है।
मरगज (Jade)
चीन के लोग सैकड़ों वर्ष से इस रत्न का बहुत सम्मान करते आये है और इसको कीमती पत्थर समझते हैं। चीन के लोग मनुष्य शरीर में विभिन्न रोगों ,उपद्रव और कष्टों के उत्पन्न होने पर इस रत्न को पानी में घिसकर पिलाते हैं। यह रत्न थकावट और कमजोरी को दूर करता है तथा आयु बढ़ाता है। मृत्यु के समय यदि यह रत्न पास हो तो चीनियों के विश्वास के अनुसार ,लाश में से बदबू पैदा नहीं होती।
वृक्क रोगों में यह ररत्न बहुत लाभकारी है। जेड स्पेनी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है शूल पत्थर (colic stone) ,क्योंकि प्राचीन काल में तीव्र पीड़ा (शूल) के रोगी को जेड पत्थर के प्रयोग से आराम आ जाता था ,इसलिए इस रत्न का यह नाम जेड पड़ गया।
इसका रंग हरा या पन्ना जैसा हरा , हरियाली लिए हुए सफेद और बिल्कुल सफेद भी होता है। बनफ़शी, हल्के नीले ,बैंगनी रंग के मरगज भी मिलते हैं। पन्ना जैसा हरे रंग का मरगज बहुत मूल्यवान समझा जाता है। बढ़िया रत्न में सफेद दाग होने पर उसकी क्वालिटी गिर जाती है।
चीन में विभिन्न प्रकार के मरगज के बने गले के हार 3000 पोंड तक में बिकते देखे गए हैं। केसरी या बनफ़शी रंग के मरगज मध्य मूल्य के समझे जाते हैं। समस्त बढ़िया प्रकार के मरगज को चीन के लोग खरीद लेते हैं। चीनी इसको बहुत लाभकारी, उपयोगी ,पवित्र और बहुमूल्य रत्न समझते हैं। चीनी भाषा में यू(yu) का अर्थ मरगज या बहुमूल्य रत्न है। वहां मरगज के अदभुत गुणों के बारे में अनेक बातें और कहानियां प्रचलित हैं। चीन के लोग मरगज रत्न पर बहुत सुंदर कशीदाकारी करके रंगीन आभूषण तैयार करते हैं।
हजारों वर्ष पुराने खंडहरों में कशीदाकारी की हुई मरगज की वस्तुएं और आभूषण मिले हैं। स्पेन के लोग वर्षों तक हरे मरगज को घटिया प्रकार का पन्ना समझते रहे हैं। 1900 ईस्वी मेँ मेक्सिको के हजारों वर्ष पुराने मंदिरों की खुदाई करने पर मरगज निकले। बड़े बड़े वैज्ञानिक इस परिणाम पर नहीं पहुंच सके कि मरगज हजारों वर्ष पहले मेक्सिको में कैसे पहुंच गए ,क्योंकि यह रत्न केवल बर्मा की कचीन पहाड़ी से निकलता है। मचीना बर्मा ही सारे संसार को आभूषणों के लिए मरगज सप्लाई करता है। इस नगर में चीनी व्यापारियों ने कार्यालय खोल रखे हैं और यहां से थोक माल खरीद कर चीन के बड़े बड़े नगरों में माल सप्लाई किया जाता है। कैंटन (चीन) बढ़िया मरगज का सबसे बड़ा केंद्र है।
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