तुरमली रत्न- टूरमैलीन के फायदे,जानकारी और उसके लाभ

तुरमली रत्न

आइये इस पोस्ट में जानते है , तुरमली रत्न- टूरमैलीन के फायदे जानकारी और उसके लाभ

तुरमली रत्न ब्राजील में मिलता है ,इसलिए इसको ब्राजील पन्ना भी कहते हैं। ब्राजील के आलावा भारत एव अन्य देशो में भी प्राप्त होताहै। तुरमली रत्न हरा ,नीला, लाल आदि कई रंगों में पाया जाता है।
तुरमली रत्न हरे रंग का होता है तथा बहुत कुछ गार्नेट से मिलता जुलता है। इनमें अंतर यह होता है कि गार्नेट का रंग लाल भूरा सा होता है जबकि तुरमली रत्न का रंग हरा होता है। इस रत्न में विद्युत शक्ति बहुत अधिक होती है।

तुरमली रत्न को धारण करने से चिंता दूर होती है ,मनुष्य में ज्यादा होने वाला दुख या आत्मग्लानि का भाव कम हो जाता है। इसको धारण करने से लोगों में आपसी प्रेम व्यवहार बढ़ता है। धारण करने वाले व्यक्ति के मन से भय दूर होता हैं।

कुछ लोगों का मत यह भी है कि तुरमली रत्न धारण करने से किसी प्रकार का एक्सीडेंट होने से पूर्व ही मन में एक्सीडेंट होने की जानकारी का संकेत हो जाता है। यह रत्न किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचा है।

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छात्रों एवं शिक्षा से सम्बंधित कार्य,दिमाग का काम करने वाले लोगों को जैसे शिक्षक, वैज्ञानिक ,वकालत करने वाले ,रिसर्च आदि करने वाले लोगों को इस रत्न को धारण करना चाहिए। वह छात्र छात्राएं जो पढ़ने में कमजोर हो उनको इस रत्न का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

लेखा विभाग में सेवा करने वाले, लेखक, अभिनेता ,कलाकार इनको इस रत्न को धारण करना उचित होता है। जो लोग समुद्री यात्राएं या दूसरी जल यात्राएं करते हैं उनको भी तुरमली रत्न को जरूर धारण करना चाहिए। उनके लिए यह रत्न रक्षा कवच का काम करता है।

कुछ देशों में ऐसी मान्यता है कि यदि वर-वधू अर्थात अपनी पत्नी-पत्नी इस रत्न को भेंट में देते हैं ,तो दोनों के जीवन में प्रसन्नता व प्रेम बना रहता है। इस रत्न को धारण से व्यक्ति पर जादू टोना का प्रभाव नहीं पड़ता है।

नेत्रों में सूजन ,मिर्गी ,उदर की बीमारी ,मूत्राशय में होने वाले रोगों को दूर करने के लिए इस रत्न को धारण करना चाहिए।

खिलाड़ियों ,भाषा प्रधान कार्य करने वाले ,कथा वाचक ,उपदेशक ,दलाल आदि को इस रत्न को धारण करने से विशेष सफलता व लाभ मिलता है। लिखित समस्त लाभ प्राप्त करने के लिए हरे रंग के तुरमली रत्न का प्रयोग करना ही उचित होता है।

व्यवसायियों के लिए भी तुरमली रत्न सफलता वह लाभ देता है। पन्ना के स्थान पर हरे रंग का तुरमली रत्न बुधवार को अश्लेषा या जयेष्ठा नक्षत्र के योग में कनिष्ठा उंगली में 5 से 6 रत्ती वजन का धारण करना उचित होता है।

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हरा तुरमली रत्न बुध का उपरत्न माना जाता है, और बुध ग्रह शिक्षा, वाकपटुता, बुद्धि, व्यापार का कारक है।

हरा तुरमली रत्न धारण करने से विशेषकर शिक्षा और व्यापार में लाभ मिलता है। इसे धारण करने से विद्यार्थियों की स्मरणशक्ति बढ़ती है, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा में अच्छी सफलता प्राप्त होती है।

अगर तुरमली रत्न को कोई व्यापार करने वाला व्यक्ति धारण करता है तो, उसके व्यापार में बढ़ोतरी होती है, और बढ़ोतरी के साथ धन लाभ भी बढ़ने लगता है।

ऐसा इसलिए होता है, क्योकि हरा तुरमली रत्न बुध की ऊर्जा को एक एंटीने की तरह आकर्षित करता है, जिससे धारणकर्ता को बुध ग्रह की ऊर्जा प्राप्त होती है,

और जब बुध ग्रह की ऊर्जा प्राप्त होगी, तो बुध ग्रह अपने जिन विशेष गुणों से भरपूर रहता है, उन गुणों का प्रभाव धारणकर्ता में भी संचार होने लगता है। इस तरह से तुरमली रत्न अपना कार्य करता है।

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टूरमैलीन क्या है

तुरमली रत्न एक ऐसा रत्न है, जिसको धारण करने के लिए कुंडली की विवेचना नहीं करनी पड़ती है, यह एक शुभता प्रदान करने वाला रत्न है, इसे कोई भी धारण कर सकता है, यह रत्न सर्वथा धारणकर्ता को लाभ ही प्रदान करता है। कभी भी नुकसान नहीं देता।

तुरमली रत्न बुध ग्रह की ऊर्जा से भरा रहता है, और बुध ग्रह की रश्मियों को अपनी ओरआकर्षित करता रहता है।

कोई भी रत्न धारण करने से पहले कई तरह के लोगों से होता हुआ, धारणकर्ता तक पहुँचता है और कई तरह के दूषित हाथों से होकर भी गुजरता है,
इसलिए तुरमली रत्न को कभी भी धारण करने से पहले उसकी बनी हुई अंगूठी को शुद्ध कर लेना अति आवश्यक होता है।

अंगूठी को शुद्ध करने के लिए गंगाजल सबसे अच्छा रहता है, उसके बाद विधिविधान से पूजा करते हुए, बुध मन्त्र का जाप करते हुए, बुधवार की सुबह शुभ मुहूर्त देखकर अंगूठी को धारण करना चाहिए।

तुरमली रत्न की अंगूठी को चांदी की धातु में बनवाना चाहिए, और तुरमली रत्न को सीधे हाथ की कनिष्ठा यानी छोटी उंगली या फिर अनामिका ऊँगली (Ring finger) में धारण करना चाहिए।

तुरमली रत्न को इन दोनों उंगलियों में से किसी भी ऊँगली में बिना किसी संकोच के अपनी सुविधाअनुसार धारण कर सकते है। इन दोनों ही उंगलियों में धारण करने से बुध अपने पुरे प्रभाव प्रदान करेगा।

काले टूमलाइन पत्थर लाभ

काले टूमलाइन या काला तुरमली ऐसा टूमलाइन रत्न होता है, जिसका रंग काला होता है, इस रत्न का इस्तेमाल विशेषतौर पर हीलिंग के उदेश्य से किया जाता है।

काले टूमलाइन में शक्तिशाली हीलिंग ऊर्जाओं का संचार रहता है, इसे व्यक्ति के जीवन की नकारात्मक ऊर्जाओं को ख़त्म करने के लिए किया जाता है,

इसके साथ ही अगर काले टूमलाइन का लॉकेट धारण किया जाये, तो इससे नजर दोष नहीं लगता और व्यक्ति बुरे प्रभावों से सुरक्षित रहता है।

अगर काले टूमलाइन को छोटे बच्चों के गले में लॉकेट के रूप में धारण कराया जाये तो बच्चों को किसी भी प्रकार की नजर नहीं लगती, और बच्चे जल्दी जल्दी बीमार नहीं पड़ते और न ही सुस्त होते है।

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तुरमली रत्न price

तुरमली रत्न एक उपरत्न की श्रेणी में आता है, तुरमली रत्न कई रंगो में प्राप्त होता है, जैसे की काला, हरा , गुलाबी ,सफ़ेद। हर रंग के तुरमली का अपना अलग अलग ज्योतिषीय प्रभाव रहता है।

जैसे काला तुरमली नजर दोष और नकारत्मक ऊर्जाओं से बचाता है, हरा तुरमली बुध ग्रह के प्रभाव देता है, गुलाबी तुरमली सूर्य ग्रह के प्रभाव देता है, और सफ़ेद तुरमली शुक्र गृह के प्रभावों को बढ़ाता है।

५ कैरट का काला तुरमली १५०० रूपए में प्राप्त हो जाता है।
एक अच्छा हरा ५ कैरट का तुरमली २५०० से ३००० रूपए में मिल जाता है।
गुलाबी,लाल और सफ़ेद तुरमली कम पाए जाते है, इसलिए इनकी कीमत भी अधिक होती है, यह ५ कैरट के रत्न १०,००० रूपये तक प्राप्त हो सकते है।

रत्न हमेशा विश्वसनीय स्थान से ही खरीदने चाहिए, क्योंकि बाजारों में डुप्लीकेट रत्नों की भरमार हुई पड़ी है।

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