संगे यशब (जैस्पर,Agate)
संगे यशब क्वार्ट्ज की प्रकार का एक साफ पारदर्शक रत्न है। सफेद, हरा, मटियाला कई प्रकार में पाया जाता है। संगे यशब कठोर रत्न होता है और इसको रत्नों में काफी बढ़िया और कारगर समझा जाता है।
गुण और लाभ
संगे यशब हृदय, मस्तिष्क और आमाशय को शक्ति देता है। वहम होना, दिल अधिक धड़कना, घबराहट, बेचैनी,अनजाना सा डर लगना जैसी परेशनियों में इसका लॉकेट बनवाकर हृदय के स्थान पर धारण करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है। शरीर के भीतर के घावों को भरने में बहुत लाभप्रद होता है। संगे यशब का स्वभाव सर्द शुष्क होता है।
सबसे बढ़िया संगे यशब सिसली द्वीप (इटली) की एक नदी में मिलता है। संगे यश रत्न को जवाहरात की दुनिया में बहुत ऊँचा दर्जा दिया गया है,जवाहरात और कीमती पत्थरों के विशेषज्ञ इसको तीसरी आंख कहते हैं। ऐसा प्रचलित है की संगे यश रत्न की सहायता से छुपे वह दबे खजाने में गुप्त भेद हजारों मील होने वाली घटनाओं और दृश्यों को आंखों से देखा जा सकता है।
यूरोप में इस रत्न के बारे में अद्भुत और आश्चर्यजनक बातें और कहानियां प्रचलित हैं। इसके धारण करने से डर वह भय दूर हो जाता है। बच्चे दांत सरलता से निकाल लेते हैं। दांत मजबूत हो जाते हैं। मनुष्य बहादुर बनकर ऐसे ऐसे काम कर सकता है कि संसार चकित रह जाता है।
संगे यशब को microscope से देखने पर बहुत बारीक धारियां दिखाई देती हैं।
1 इंच के रत्न में 17000 धारियां microscope यंत्र से देखकर गिनी गई।
संगे यशब विभिन्न रंगों जैसे दूध जैसा सफेद, पीलाहट युक्त सफेद, गोरापन लिए सफेद, लाली युक्त सफेद,मटमैला,काई के समान हरा आदि रंगों में मिलता है। इसकी धारियां बिल्कुल सीधी, लहरिया रूप में एक दूसरे के समानांतर होती हैं।
जिस संगे यशब में काली और सफेद धारियां होती है उनको सुलेमानी पत्थर और जिनमें भूरी और सफेद धारियां होती हैं उनको सारडॉनिक्स(sardonyx) और लाल व सफेद धारियां होने पर लाल संगे यशब कहते हैं। जितनी सुंदर धारियां होती हैं उतना ही अधिक मूल्यवान समझा जाता है।
पुराने ग्रंथो में लिखा है और पुरानी मान्यता है की सिसली द्वीप (इटली) का संगे यशब बिच्छू, मकड़े के कांटे डंक को भरने और दर्द में बहुत लाभप्रद होता है।
भारतीय संगे यशब में भी यही गुण बताए गए हैं।
ये संगे ysb कहा milega