मिथुन लग्न
साथियों, इस पोस्ट में हम यह जानेंगे की मिथुन लग्न में जन्म लेने वाले जातकों की शारीरिक रचना कैसी होती है, स्वभाव कैसा होता है, उनकी शिक्षा, उनकी रुचियां, उनकी जीवन शैली कैसी होती है और उनके जीवन के आजीविका के क्या साधन हो सकते हैं। आइए जानते है मिथुन लग्न | मिथुन लग्न के जातक | मिथुन लग्न विश्लेषण
मिथुन जातक और बुध ग्रह
यदि जातक ने मिथुन लग्न में जन्म लिया हो तो वह आमतौर पर गोरे रंग का होता है। मिथुन बुध की स्वराशि है तथा बुध को बुद्धि और वाणी का कारक माना गया है। अंततः मिथुन लग्न में जन्मे जातक भी बुद्धिमान एव वाचाल हो तो कोई आश्चर्य नहीं, बल्कि बुध के नैसर्गिक गुण तो उनमें होंगे ही।
यह जातक पूरी ऊंचाई लिए हुए भी शरीर से भारी नहीं होते, पर फिर भी इन्हें दुबला पतला नहीं कहा जा सकता। इनका रंग खुला हुआ तथा चेहरा भरा हुआ होता है तथा बाल काले और पतले होते हैं। इनके सुंदर नेत्र, छोटी अस्थिर नाक।
आकृति
मिथुन लग्न वाला जातक सामान्यता लंबे कद वाला और सीधा, स्पष्ट व सक्रिय होता है। उसका माथा चौड़ा, आंखें साफ रंगत वाली काली, नाक थोड़ी मोटी तथा उसके सिर में घने बाल होते हैं, बाल घुंघराले होते हैं। चेहरा पतला और ठोड़ी के पास कुछ गहराई लिए होता है। कभी-कभी मिथुन लग्न के जातक का कद बहुत लंबा हो जाता है। वह अधिक बली नहीं होता। छोटे कद का मिथुन जातक कठिनाई से ही मिलता है। कुल मिलाकर मिथुन लग्न वाले जातकों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है।
मिथुन लग्न वालों की एक विशेष पहचान है कि जब वे चलते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है कि इनकी कमर कुछ झुकी हुई है, क्योंकि यह कुछ आगे को झुककर चलते हैं।
मानसिक प्रवृत्ति
मिथुन जातक अस्थिर बुद्धि वाले होते हैं। उनके मूड बहुत जल्दी-जल्दी बदलते हैं। वह किसी एक काम को अधिक दिन तक नहीं कर सकते और प्रारंभिक कठिनाइयों से ही हताश हो जाते हैं। उन्हें यदा-कदा आकस्मिक रूप से हताशा के दौरे भी पडते हैं। वह जीवन भर अपनी पिछली गलतियों पर सिर धुनते रहते हैं। वह कभी शांत नहीं रहते और अक्सर उनमें बेचैनी छाई रहती है। वैसे वह अध्ययनशील, तीव्र बुद्धि वाले और विनोदप्रिय भी होते हैं।
स्त्री/ पुरुष में आसक्त, इधर की खबर उधर और उधर की खबर इधर पहुंचाने वाला, मधुर वाणी और नरम व्यवहार वाला, गीत संगीत विद्या में कुशल तथा राज्य सरकार से पीड़ित होता है।
मौलिक विचार वाले, तीष्ण बुद्धि, प्रसन्नचित्त, विनोदी स्वभाव, चपल, मधुर एवं स्पष्टवक्ता, तार्किक, लज्जाशील, दूरदर्शी, खेलों के शौकीन, बड़ी शीघ्रता से किसी को मित्र बनाने वाले होते है। इनमें बुद्धि और भाव दोनों ही प्रबल रूप में होते हैं।
आजीविका
ऐसे जातक अधिक बात करने वाले और लच्छेदार भाषण देने में पटु होते हैं। विद्या व्यसनी होने के कारण ऐसे जातकों का ज्ञानार्जन की और विशेष झुकाव होता है। साहित्य के प्रति इनकी विशेष अभिरुचि होती है।
ऐसे जातक वकील, तार्किक, कलाकार, जज, परामर्शदाता, नीतिज्ञ अथवा कारोबार में लाभ प्राप्त करने वाले होते हैं।
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सामान्य प्रवृत्ति
मिथुन जातक अति सक्रिय होते हैं। वह यांत्रिक विज्ञान, गणित, ज्योतिष आदि में पारंगत हो सकते हैं।कुंडली में ग्रहों के शुभाशुभ प्रभावों के कारण वे जुआरी, दूत कर्म करने वाले, बिचौलिए आदि भी बन सकते हैं और चकमेंबाज, विश्वासघाती और ठग भी बन सकते हैं। सामान्यतः सभी प्रकार के काम कर लेते हैं, लेकिन किसी भी काम में विशेष दक्ष होने में रुचि नहीं लेते। वह बहुत चालाक होते हैं और बातचीत में निपुण तथा साहित्यिक भाषा की और भी रुझान रखते हैं। मिथुन जातक अधिक दौड़ भाग वाले कामों जैसे – बिचौलिए, बिक्री एजेंट, कमीशन एजेंट ,आदि के रूप में अधिक सफल रहते हैं।
ऐसे जातक एक कार्य से कभी संतुष्ट नहीं होते, एक साथ कई कई कार्य प्रारंभ करने में इनकी रुचि रहती है। फलत इनके कार्यों को पूरा होने में प्राय देरी हो जाया करती है। जितना परिश्रम करते हैं उतना लाभ इन्हें प्राप्त नहीं होता। इसलिए इनमें हीन भावना भर जाती है। अस्थिर मति होने के कारण यह किसी कार्य में दक्ष भी नहीं हो पाते। ऐसे जातक किसी कार्य विशेष में दक्ष हो ऐसा अपवाद रूप में ही हो सकता है।
भाग्योदय
इनका भाग्योदय, 22, 32, 35, 36 एव 42वें वर्ष में होता है।
स्वास्थ्य
मिथुन लग्न के जातकों को नशे की लत, निमोनिया, ज्वर, दमा, श्वास के रोगों के अलावा मानसिक रूप से हताशा आदि का शिकार बनने का खतरा भी बना रहता है।
इनको मूत्र स्थली, गुर्दा, गुप्त रोग एवं कमर संबंधी रोगों की संभावना रहती है।
इन व्यक्तियों के लिए शनि, बुध, शुक्र, शुभ तथा सूर्य, बृहस्पति अशुभ होते हैं।
प्रेम व मित्रता इनकी मेष, मिथुन और कुंभ लग्न वालों के साथ खूब जमती है।
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विशेष:मिथुन लग्न | मिथुन लग्न के जातक | मिथुन लग्न विश्लेषण
मिथुन लग्न के स्त्री/पुरुष को विपरीत लिंगियों से मेलजोल अधिक सुहाता है। इसलिए अक्सर मिथुन स्त्री/पुरुष स्त्रियों को रिझाने वाले व्यवहार करते है। हिजड़ों से भी उनका मेलजोल रहता है। आत्मनियंत्रण कमजोर हो तो वह निजी जीवन में सभी नैतिक मर्यादा लांग सकते हैं।