दोस्तों इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गोमेद क्या है, गोमेद रत्न का मूल्य, गोमेद का क्या उपयोग होता है और गोमेद कहां-कहां पाया जाता है।
गोमेद क्या है
गोमेद – राहु (यूरेनस) का रत्न
गोमेद के अन्य नाम:-
हिन्दी – गोमेद संस्कृत – गोमेद, गोमेदक, पिंग स्फटिक, राहुरत्न
उर्दू और फ़ारसी – ज़िरकोनिया
अरबी – जरकुन
अंग्रेजी – जिरकॉन
गोमेद किस ग्रह का रत्न है
राक्षस ग्रह राहु जिसे ज्योतिषशास्त्र में बिना अस्तित्व वाला छाया ग्रह माना जाता है, गोमेद इसी छाया ग्रह राहु का रत्न है। गोमेद को गोमेदक या अंग्रेजी में हैसोनाइट भी बोला जाता है। राहु छाया ग्रह होने के बावजूद भी बहुत विनाशकारी ग्रह है। यह एक ऐसा ग्रह है जो सूर्य को भी अपने प्रभाव से दूषित कर देता है। राहु कालसर्प ग्रह का निर्माण भी करता है।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अशुभ या नीच का है तो वह व्यक्ति के जीवन को बहुत कष्टकारी बना देता है और बड़ी विचित्र बात है की ज्यादातर व्यक्तियों की जन्म कुंडली में राहु अयोगकारक ही पाया जाता है। ऐसा नहीं है की यहाँ आपको राहु के नाम से डराया जा रहा है, यह कटु सत्य है।
राहु का रत्न गोमेद राहु से जनित इन्हीं दोषों और क्रूर प्रभावों को कम या शांत करने के लिए धारण किया जाता है। गोमेद राहु की ही तरह काफी शक्तिशाली रत्न है, गोमेद धारण करने से राहु के अनिष्ट प्रभावों से काफी हद तक शांति प्राप्त होती है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु के अशुभ प्रभाव है तो गोमेद रत्न धारण करना काफी आसान और प्रभावकारी उपाय है।
गोमेद रत्न
गोमेद भूरे, गहरे भूरे या हल्के भूरे रंग का रत्न है। गोमेद रत्न में राहु की ऊर्जा समाहित रहती है, यही कारण है की राहु के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए इस रत्न को धारण किया जाता है।
श्रीलंका, ब्राजील, अफ्रीका और भारत में गोमेद रत्न की प्राप्ति होती है। श्रीलंका का गोमेद जिसे सिलोनी गोमेद के नाम से पुकारा जाता है इस गोमेद को सबसे अच्छा गोमेद माना जाता है।
ब्राजील और अफ्रीका से प्राप्त होने वाले गोमेद काफी सुन्दर भूरे, पारदर्शी और चमकदार गोमेद होते है। विदेश में इसे गोमेद नहीं बोला जाता वहां गोमेद को हैसोनाइट बोला जाता है। गोमेद केवल हिंदी नाम है।
हमारे देश भारत में भी गोमेद निकलता है। उड़ीसा, गया और भी कुछ राज्यों में गोमेद निकलता है, उड़िसा का गोमेद भूरा और अर्ध पारदर्शी होता है जबकि गया का गोमेद गहरा भूरा जो काला टाइप का दिखता है।
गोमेद रत्न का मूल्य
आइये पोस्ट के अनुसार इसका शीर्षक “गोमेद रत्न का मूल्य” के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
सबसे पहले तो आप यह जान लें की किसी भी रत्न की कीमत उसकी क्वालिटी के अनुसार आंकी जाती है। अगर गोमेद का रत्न पूर्ण पारदर्शी और चमकदार है तो उसका मूल्य अधिक होगा। कम पारदर्शी और कम चमक वाला गोमेद रत्न कम कीमत का होगा।
जैसा की बताया सिलोनी गोमेद और विदेश में पाया जाने वाला गोमेद (हैसोनाइट) उच्च क्वालिटी के होते है जिनकी कीमत आज के बाजार में 500/- रूपए प्रति कैरट से 1200/- रूपए प्रति कैरट तक की हो सकती है।
भारत में पाया जाने वाला ओडिसा का गोमेद 100/- से 250/- रूपए प्रति कैरट तक की कीमत रखता है। गया का गोमेद जो काला पड़ता सा दिखलाई देता है उसकी कीमत 30/- से 50/- रूपए प्रति कैरट तक की होती है।
गोमेद रत्न कौन धारण कर सकता है
जिन व्यक्तियों की राशि या लग्न वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ हो उन जातकों के लिए गोमेद रत्न लाभदायक होता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण हो रहा हो उन व्यक्तियों को भी कालसर्प दोष निवारण और शांति के लिए गोमेद रत्न धारण करना चाहिए।
अगर व्यक्ति के जीवन में राहु की महादशा चल रही हो तो कुंडली में राहु की स्तिथि को देखते हुए गोमेद रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
लग्न कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में राहु होने पर गोमेद रत्न धारण करने से लाभ प्राप्त होता है। अगर जन्म कुंडली में राहु छठे या आठवें भाव में राहु बैठा है तो कुंडली के अध्यन्न के बाद गोमद धारण करके राहु दोषों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
राजनीती, वकालत, न्यायधीश, शेयर मार्केट में अचानक सफलता या लाटरी जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्ति के लिए राहु का रत्न गोमेद धारण करना चाहिए।
गोमेद महत्वपूर्ण क्यों है?
गोमूत्र के रंग के समान इस रत्न का रंग होने के कारण इसका नाम गोमेद रखा गया है। इसमें गोमूत्र की आभा भी पाई जाती है।
गोमेद को राहु ग्रह का रत्न माना जाता है। गोमेद को कई नामों से जाना जाता है। गोमेद का रंग भूरा लाल, गोमूत्र, भूरा और कुछ काला पाया जाता है।
गोमेद रत्न का जन्म
गोमेद ज्यादातर साइनाइट नामक चट्टानों में पाया जाता है। गोमेद बहुत कीमती रत्न नहीं है। लेकिन इसकी बढ़िया क्वालिटी अच्छी कीमत रखती है।
गोमेद सबसे अधिक कहाँ पाया जाता है?
नवग्रहों में गोमेद को राहु के रत्न का दर्जा दिया गया है। गोमेद भारत में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्लोरिडा, कश्मीर, कुल्लू, शिमला, बिहार और उड़ीसा में पाया जाता है।
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गोमेद रत्न की अन्य जानकारी
गोमेद रत्न एक तरह से हीरे का जुड़वा भाई है क्योंकि रंगहीन गोमेद(सफ़ेद) और हीरे में इतनी समानता होती है कि उन्हें पहचानना अक्सर मुश्किल होता है। इसके हीरे जैसे गुणों के कारण यह एक अनमोल रत्न बन गया है।
अंग्रेजी में इसे जिरकॉन कहते हैं। जब इसके क्रिस्टल को विशेष रूप से पॉलिश किया जाता है, तो इसके रंगहीन क्रिस्टल आमतौर पर हीरे जैसे लगते हैं।
गोमेद कई रंगों जैसे लाल, भूरा-हरा, नारंगी, पीला, नीला और रंगहीन भी होता है। यह तत्व जिरकोनियम का एक जिरकोनियम सिलिकेट है। इसका रासायनिक सूत्र Zr(SiQ4) है। इसमें ज़िरकोनियम ऑक्साइड (ZrQ2) 67.2 और सिलिकॉन ऑक्साइड 32.8 प्रतिशत होता है। इसमें बहुत द्वैतवाद है।
गोमेद की चमक अदम्य है। इसकी कठोरता और विशिष्ट गुरुत्व के कारण इसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
- प्रथम- गोमेद की कठोरता 7.5 से 8 तथा गुरुत्व 4.9 है
- दूसरा – गोमेद की कठोरता 6.5- और गुरुत्व 4-4.5 है
- तीसरा- कठोरता और गुरुत्व इन दोनों के बीच में है।
गोमेद तीनों रूपों में उपलब्ध है: पारदर्शी, अर्ध-पारदर्शी और अपारदर्शी।
वजन में भारी, स्निग्ध, एकरूप, स्पष्ट, चमकदार, केसरिया रंग का, गोमूत्र की आभा वाला, फैला हुआ, सुंदर, चमकीला, हल्का पीला रंग, शुद्ध, सुडौल और कोमल, चमकदार गोमेद उत्कृष्ट होता है .
रूखा, परतदार, दागदार, अभ्रक, रेखाएँ, गड्ढ़े, चीर-फाड़ वाले धब्बे, जाले वाली काली-सफेद बिंदियाँ, सुन्न, रेशेदार, अपारदर्शी और बुलबुले जैसे चिह्नों वाला गोमेद दूषित होता है।
गोमेद के क्रिस्टल एक प्रिज्म के आकार में होते हैं। इन्हें तोडऩे पर ये समान अपूर्ण रत्नों में टूट जाते हैं।
साधारण गोमेद सभी प्रकार की आग्नेय चट्टानों में बिखरे हुए रूप में पाया जाता है। यह अक्सर ग्रैनोडायराइट, साइनाइट और मोनोज़ोनिट के साथ भी पाया जाता है।
यह अक्सर नेफेलियन साइनाइट के साथ पाया जाता है। यह आमतौर पर क्रिस्टलीय चूना पत्थर, गनीस और शिस्ट आदि में भी पाया जाता है।
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गोमेद पानी में भी पाया जाता है, गोल चिकने पत्थरों में घिस जाता है, और तलछट में पाया जाता है, कभी-कभी नदियों, नदियों और तटीय रेत में सोने के साथ भी प्राप्त होते है।
ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्लोरिडा में गोमेद तटीय रेत में पाया जाता है। श्रेष्ठ गोमेद श्रीलंका में झरनों (मटुरा) की रेत और यूराल पर्वत और ऑस्ट्रेलिया में सोने की बजरी से पाया जाता है। नॉर्वे में, यह नेफलाइन साइनाइट के साथ पाया जाता है। इसके बड़े-बड़े रत्न मेडागास्कर में पाए जाते हैं।
गोमेद कीमती पत्थर के रूप में भारत में उपलब्ध नहीं है, केवल केदारनाथ के पास गढ़वाल में, त्रावणकोर के एरानियाल तालुक के अप्पियोड में क्रमशः लाल और भूरे सफेद रंग के कुछ रत्न पाए जाते हैं। लेकिन इन जगहों पर शायद ही कभी रंगहीन गोमेद पाए जाते हैं।
बर्मा में मोगोक क्षेत्र और श्रीलंका से उत्तम गुणवत्ता वाले गोमेद रत्न पाए गए हैं। श्रीलंका के मटुरा क्षेत्र में पाए जाने वाले गोमेद हीरे के समान होते हैं कि उनका नाम “मटुरा हीरा” है और लंबे समय तक, व्यापारियों ने इसे हीरे के नाम से लोगों को बेचा।
हीरो में इस्तेमाल की गई लगभग सभी नक्काशियों में जिरकॉन (गोमेद) भी उकेरा गया है। इसके लिए सबसे लोकप्रिय तराश (ब्रिलियंट तराश) है। जिससे इसकी खूबसूरती पूरी तरह से निखर कर सामने आती है।
गोमेद रत्न के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग क्या हैं?
गोमेद को विशेष रूप से राहु के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए धारण किया जाता है, ऐसा शास्त्रों में लिखा गया है।
गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है, इसलिए गोमेद राहु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। गोमेद रत्न धारण करने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है।
ऐसा माना जाता है कि गोमेद धारण करने वाले व्यक्ति को शत्रु से कोई खतरा नहीं होता है और उसके शत्रु नष्ट हो जाते हैं। गोमेद धारण करने वाले व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, इसीलिए कोर्ट कचहरी, मुकदमेबाजी आदि के मामले में गोमेद को विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
कहा जाता है कि यदि कुंडली में राहु (यूरेनस) प्रतिकूल हो तो व्यक्ति को निम्न रोग हो सकते हैं –
मनुष्य में साहस की कमी, हीनता और आत्महत्या की भावना उत्पन्न होती है, भूत-प्रेत का भय, पेट में कीड़े, जोड़ों को हिलाने-डुलाने में असमर्थता, दर्द, दस्त, मेट्राइटिस, मिर्गी, खसरा, चेचक, कुष्ठ रोग।
जब कुंडली में राहु (यूरेनस) कमजोर हो तो अंगूठी में गोमेद धारण करने से उपरोक्त सभी रोग और परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
गोमेद रत्न धारण विधि
गोमेद रत्न की अंगूठी को पंचधातु या अष्टधातु की अंगूठी में बनवाकर शनिवार की शाम को सूरज ढलने के बाद मध्यमा उंगली में धारण किया जाना चाहिए। गोमेद रातम को धारण करने से पूर्व उसकी विधि विधान यानि की गोमेद की अंगूठी को पूजा स्थल पर रखकर अपने कुलदेवता या इष्ट देव की पूजा करने के बाद राहु मन्त्र “ॐ रां राहवे नमः” का 18000 की संख्या में जाप करने के बाद ही धारण करना चाहिए।
Faq. – सामान्य प्रश्न..
गोमेद रत्न क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है?
गोमेद राहु (यूरेनस) रत्न है। राहु के बुरे प्रभाव को दूर करता है।
गोमेद के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग क्या हैं?
राहु (यूरेनस) के बुरे प्रभावों को ख़त्म करना
क्या गोमेद एक असली रत्न है?
हाँ
क्या गोमेद रत्न हीरे से भी दुर्लभ है?
नहीं, यह आसानी से मिल जाता है
गोमेद कीमती है या अर्द्ध कीमती?
कीमती, राहु (यूरेनस) का रत्न
गोमेद किस रंग का सबसे कीमती होता है?
ग्लोडन ब्राउन
गोमेद रत्न सबसे अधिक कहाँ पाया जाता है?
भारत में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्लोरिडा, कश्मीर, कुल्लू, शिमला, बिहार और उड़ीसा।
साथियों उम्मीद है की “गोमेद रत्न का मूल्य” शीर्षक पोस्ट से आपको गोमेद रत्न के बारे में काफी कुछ जानकारी प्राप्त हुई होगी।
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