कर्क राशि के जातक कैसे होते हैं|कर्क राशि के लक्षण

कर्क राशि में जन्म लेने वालों का भाग्य फल

कर्क राशि चौथे क्रम की राशि है, इस राशि को अंग्रेजी में Cancer बोला जाता है।
कर्क राशि के जातक बड़े भावुक किस्म के होते है। इनका स्वाभाव कुछ शर्मीला होता है, लेकिन बड़े बुद्धिमान और ज्ञानी होते है। इनको जीवन में आगे बढ़ना और तरक्की करते रहना पसंद है। कर्क जातक बड़े कल्पनाशील होते है, और साहित्य में इनकी अच्छी रूचि होती है।

कर्क राशि उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करती है, कर्क राशि एक सौम्य राशि है तथा कफ प्रकृति वाली होती है। बहु संतान एवं चरण वाली होती है, कर्क राशि एक स्त्री जाति है। जलचरी, रात्रिबली तथा समोदयी है। कर्क राशि स्वभाव से शर्मीली होती है। हमेशा उन्नति के लिए प्रयासरत रहती है तथा समय की पाबंद होती है।

शरीर में कर्क राशि का विचार वक्षस्थल और गुर्दे से किया जाता है।

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कर्क राशि का ग्रह

कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है। चंद्रमा ग्रह एक स्त्री जाति, श्वेत वर्ण, जलीय तथा पश्चिम दिशा का स्वामी ग्रह है। चंद्रमा मन का स्वामी, चित्र वृत्ति, शारीरिक स्वास्थ्य, संपत्ति, राजकीय अनुग्रह, माता पिता और चतुर्थ भाव का कारक होता है।

चंद्रमा द्वारा कफ जनित रोग, जलीय रोग, मूत्र से संबंधित रोग, मानसिक रोग, स्त्रियों के रोग, उदर रोग तथा मस्तक से संबंधित रोगों का विचार किया जाता है।

चंद्रमा रक्त का स्वामी है तथा वातश्लेष्मा इसकी धातु है। चंद्रमा लग्न कुंडली में चतुर्थ भाव में बली हो जाता है तथा मकर राशि से 6 राशियों में चेष्टा बली होता है।

चंद्रमा जब चतुर्थ भाव में होता है, तब यह अपना पूर्ण फल प्रदान करता है, लेकिन चंद्रमा कमजोर नहीं होना चाहिए।

कर्क राशि का रत्न मोती

कर्क राशि का स्वामित्व चंद्र ग्रह करता है, इसलिए कर्क राशि का रत्न मोती होता है। कर्क राशि के जातक को अपने जीवन में उनत्ति, प्रसिद्धि, और धन के लिए मोती आवश्य धारण करना चाहिए। अगर किसी कारणवश मोती न धारण कर सके तो चंद्र के उपरत्न जैसे- सफेद मूंगा, मूनस्टोन, दूधिया हकीक धारण कर सकते है।

मोती अन्य रत्नों की तरह खनिज रत्न नहीं है, मोती समुद्र की गहराई से प्राप्त होने वाला एक जैविक रत्न है। मोती समुद्र में सीप के अंदर पाया जाने वाला रत्न है, जिसे एक कीट ‘घोंघा’ द्वारा निर्माण किया जाता है।

सीप के अंदर ‘घोंघा’ द्वारा बनाया गया मोती किसी भी आकार का हो सकता है, जैसे गोला, लंबा, बटनकार, चपटा आदि। लेकिन गोल और चमकदार मोती को ही अच्छा और श्रेष्ठ माना जाता है। ज्यादातर मोती बसरा, जापान, चीन, और श्रीलंका देशों में पाया जाता है।
मोती कई रंगो में प्राप्त होता है, जैसे- सफेद, नीला, गुलाबी, काला इत्यादि, लेकिन सफ़ेद मोती सबसे उत्तम और शुभ माना जाता है। कुछ ज्योतिषीय विद्वान गुलाबी मोती को श्रेष्ठ और सुखदायक मानते है।

अपनी सुंदरता और चंद्र का रत्न होने से मोती को नवरत्नों में स्थान प्राप्त है। सुन्दर, गोल, चमकदार मोती को धारण करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है और ऐसे मोती का मूल्य भी अधिक होता है।

मोती को अन्य रत्नों की तरह तराश कर सुन्दर रूप नहीं दिया जाता है, मोती अपना सुन्दर रूप प्राकर्तिक तरीके से ही पाता है। इसलिए सीप के अंदर से बेडौल मोती ज्यादा प्राप्त होते है, और गोल और सुडौल मोती कम प्राप्त होते है।

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कर्क राशि के जातक कैसे होते हैं

कर्क राशि में जन्म लेने वाले जातकों को जीवन में ऐसे लोगों के संपर्क में आने से आर्थिक लाभ होता है, जो कि अलग तरह और छुपे हुए व्यापार करते हैं। कर्क राशि के जातक ज्यादातर ऐसे सूत्रों से धन प्राप्त करते हैं, जो कि अप्रत्याशित होते हैं और इस तरह के व्यापार व्यवसाय के साधनों से यह धनवान बनते हैं।

कर्क जातक अपने जीवन में बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाते हैं और बड़े-बड़े सपने देखते हैं। जनसेवा के लिए यह लोग बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाते हैं और जन कल्याण के लिए यह बड़े-बड़े आदर्शों को स्थापित रखते हैं।

कर्क राशि के जातक बड़े ही कोमल हृदय के होते हैं, अगर किसी कार्य में इनका कोई विरोध या आलोचना करें, तो इनके मन को भारी आघात पहुँचता है। फिर भी यह किसी तरह का विरोध नहीं करते और शांत रहते हैं।

कर्क राशि के जातकों की विशेषता यह होती है कि, इनकी स्मरण शक्ति बहुत ही तीव्र होती है, ज्ञानी होते हैं और इनके दिमाग में कई तरह के ज्ञान का भंडार रहता हैं।

कर्क राशि के जातकों पर वरुण देव और चंद्र का विशेष प्रभाव रहता है और इनके प्रभाव से कर्क राशि के जातकों के जीवन में अनचाहे और विशेष परिवर्तन आते रहते हैं।
कर्क जातक सीधे-साधे होते हैं इसलिए इनको ऐसे व्यक्ति जो छल करते हैं या ऐसी कंपनियां जो कम पूंजी लगाकर बड़ी आमदनी का प्रलोभन देती है या ऐसी कंपनियां जो बड़े-बड़े ऑफर्स प्रदान करती हैं, इनको ऐसे लोगों और कंपनियों से विशेष सतर्क रहना चाहिए।
कर्क जातकों को धन से संबंधित लेनदेन के मामलों में भी विशेष सतर्क रहना चाहिए। किसी भी तरह के पेपर, एग्रीमेंट्स आदि को बगैर पढ़े-समझे हस्ताक्षर नहीं करने चाहिए और विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।

कर्क जातक उत्तम मनोविश्लेषण हो सकते हैं। इनकी रूचि गुप्त और रहस्मय विद्याओं में हो सकती है। अगर यह सोच समझकर, सतर्क रहकर अपना धन किसी अच्छी कंपनियों और एसोसिएशंस में लगाते हैं तो इन्हें काफी धन लाभ होता है।

ऐसा देखा गया है कि कर्क जातकों को खोजकर्ताओं के रूप में, भूमि और खानों से संबंधित कार्यों में विशेष और अत्यधिक सफलता प्राप्त होती है।

कर्क जातक अपने कार्यों को लेकर बहुत परिश्रमी और उच्च दर्जे के उद्यमी होते हैं। भाग्य के मामले में इनका भाग्य कभी अच्छा और कभी बुरा दोनों तरह का प्रभाव देता है। शेयर से संबंधित व्यापार में ज्यादातर यह नुकसान ही उठाते हैं।
कर्क जातकों को अधिवक्ता या कानून से संबंधित किसी भी प्रकार के व्यवसाय में विशेष सफल होते हुए देखा गया है।

कर्क राशि के लक्षण

कर्क जातकों में एक बुरी प्रवती भी होती है और वह है सट्टा लगाने की इनकी तीव्र इच्छा। जिसकी वजह से यह अपने कई वर्षों के कठोर परिश्रम से जमा किये हुए धन को भी गंवा बैठते हैं।

अगर कर्क जातक एक निश्चित योजना बनाते हुए चलें, तो यह जीवन में अच्छी सफलता पा लेते हैं। कर्क जातकों के जीवन में व्यवसाय को लेकर और आर्थिक स्थिति को लेकर काफी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। अगर यह अपने जीवन में किसी भी तरह के सट्टेबाजी के कार्यों से दूर रहे, तो यह अपने जीवन में अच्छा धन बचा लेते हैं। इनके जीवन में ऐसे कई मौके आते हैं जिसमें इनका झुकाव सट्टेबाजी की तरफ जाता ही है। इन्हे यह सब चीजों से दूर ही रहना चाहिए।

कर्क जातक स्वभाव से बहुत ही स्नेह करने वाले होते हैं, किंतु यह लोग कभी भी उसको प्रदर्शित नहीं करते। इसी वजह से उन्हें रुखा और भावहीन स्वभाव का समझ लिया जाता है।

कर्क जातक बहुत ही कल्पनाशील व्यक्ति होते हैं, जिसकी वजह से यह लोग एक अच्छे कलाकार, लिखने वाले लेखक, नाटककार और संगीतकार होते हैं और इन क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हैं।

कर्क राशि के जातक अपने जीवन में अच्छा बड़ा व्यापार या उद्योग की भी स्थापना करते हैं।

कर्क जातक पारिवारिक रीति-रिवाजों और परंपराओं को बहुत मानने वाले होते हैं।

कर्क जातकों का स्वास्थय

कर्क जातकों की शारीरिक परेशानियां देखी जाए तो इन्हें गैस, पेट की सूजन, पाचन अंगों की परेशानी, अंदरूनी फोड़े, जलोदर के शिकार हो सकते हैं। रक्त संचार में गड़बड़ी, बहुत जल्दी इन्फेक्शन होना, फेफड़ों आदि की कमजोरी हो सकती है।

कर्क राशि की स्त्रियां

कर्क राशि की स्त्रियां बहुत ही भावुक स्वभाव की होती है। बहुत ही नाजुक हृदय की होती है। इन्हें हर समय कोई ना कोई चिंता लगी रहती है। इनका मन हर समय किसी ना किसी बात को लेकर चिंता में रहता है। यह कुछ संकोची स्वभाव की होती है और ज्यादा मिलनसार नहीं होती।

वैसे यह अपने कार्यों में निरंतर क्रियाशील रहती है और इनपर चंद्र का प्रभाव होने की वजह से बड़ी-बड़ी बातें और बड़े-बड़े विचार बनाने की प्रवृत्ति इनमें होती है।

कर्क राशि की स्त्रियां अपने मन की बात किसी को नहीं बताती। कर्क स्त्रियां बहुत ही विवेकशील और अपने कार्य में दक्ष होती हैं। अगर यह किसी तरह का व्यापार करती है, तो इनमें एक कुशल व्यापारिक बुद्धि होती है और धन कमाने के लिए हमेशा प्रयासरत एवं लालायित रहती है।

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कर्क राशि की स्त्रियां बोलचाल में बहुत ही मधुर होती है। इनको क्रोध तो बहुत ही कम आता है और बड़े ही कोमल हृदय की होने की वजह से इनमें दया और सहानुभूति कूट-कूट कर भरी होती है।
कर्क स्त्रियों की स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है, पुरानी से पुरानी बातें भी इन्हें याद रहती है। इनमें एक यह विशेषता होती है कि यह किसी भी वस्तु को खराब नहीं जाने देती। घर में पड़ी हुई पुरानी से पुरानी वस्तुओं को भी यह फिजूल नहीं समझती और उनको किसी ना किसी काम में लेती हैं।
पुरानी और ऐतिहासिक वस्तुओं को संग्रह करने का इनमें शौक रहता है।

कर्क राशि की स्त्रियां बहुत ही आदर्श पत्नी बनती है। इन्हें अपने घर से बहुत अधिक स्नेह होता है। भोजन बनाने में यह काफी एक्सपर्ट होती है और बड़े शौक से बनाती हैं।
अगर कोई व्यक्ति अपना जीवनसाथी कोई नौकरी करने वाली स्त्री चाहता है, तो कर्क राशि की स्त्रियां बहुत ही अच्छी पत्नी साबित होती है और ऐसे जातकों को कर्क राशि की स्त्रियों से विवाह करना चाहिए। कर्क राशि की स्त्रियों में केवल और केवल स्नेह और प्यार की भूख होती है।

कर्क जातक /सावधानियां

कर्क राशि में जन्म लेने वाले जातकों पर चंद्र ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। चंद्र एक स्त्री ग्रह , ठंडा और कफ करक ग्रह है, इस कारण कर्क जातक जातकों का शरीर कुछ नाजुक और कमजोर रहता है।

इस कमजोरी को कर्क जातक अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के द्वारा काबू में रख सकते हैं।
शारीरिक रूप से कुछ कमजोर होने की वजह से कर्क जातकों को अधिकतर अनियमित भावनाओं और निराशा की कल्पना से उत्पन्न रोग होते हैं। किसी पर भी प्रकार की चिंता करना, मायूसी, तथा भविष्य को लेकर एक भय बना रहना, इन सब से कर्क जातकों को दूर रहना चाहिए, क्योंकि यही कारण है जिनकी वजह से इनका स्वास्थ्य बिगड़ता है।

कर्क जातक/भाग्यशाली रत्न

सफेद मोती व चंद्रकांत मणि

कर्क जातक /शुभ रंग

हल्का हरा सफेद क्रीम कलर

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