मिथुन राशि के जातक कैसे होते हैं,मिथुन राशि का करियर

मिथुन राशि

मिथुन राशि, राशि क्रम की तीसरी राशि, मिथुन राशि को अंग्रेजी में जैमिनी बोला जाता है।
मिथुन राशि के जातकों का स्वाभाव आत्मविश्वासी रहता है, आत्मविश्वास इनमे खूब रहता है। स्वाभाव से बड़े हँसमुख होते है, व्यंग प्रिय होते है, बातों के बड़े वाकपटु होते है, और निःसंदेह अच्छे ज्ञानी होते है। मिथुन जातक विशेष तौर पर विपरीत लिंग की तरफ आकर्षित रहते ही है।

मिथुन राशि में जन्म लेने वालों का भाग्य फल

मिथुन राशि एक वायु तत्व राशि है, उष्ण राशि है, महाशब्दकारी राशि है, पुरुष जाति, हरित वर्ण, चिकनी, शूद्र, और पश्चिम दिशा का प्रतिनिधित्व करती है, मध्यम सन्नति वाली राशि होती है, शिथिल शरीर तथा विषमोदयी राशि है। मिथुन राशि स्वभाव से शिल्पी तथा विद्याध्ययनी है। मिथुन राशि से शरीर के कंधों तथा बाज़ुओं का विचार किया जाता है।

मिथुन राशि का ग्रह बुध है। बुध को एक नपुंसक जाति का ग्रह माना जाता है। यह श्याम वर्ण का होता है। उत्तर दिशा का स्वामी होता है। त्रिदोष प्रकृति तथा पृथ्वी तत्व वाला ग्रह माना जाता है।

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बुध ग्रह ज्योतिष शास्त्र, चिकित्सा विद्या, शिल्प, कानून की शिक्षा, व्यवसाय, कुंडली में चतुर्थ स्थान तथा दशम स्थान का कारक होता है। दोनों ही स्थान, एक विद्या और दूसरा व्यवसाय का कारक होते है। इसलिए मिथुन जातकों पर विद्या और व्यवसाय का विशेष प्रभाव रहता है।

बुध ग्रह द्वारा गुप्त रोग, संग्रहणी, वात रोग, श्वेत कुष्ठ रोग, बुद्धि भ्रम, विवेक, शक्ति, जीभ, तथा बुद्धिमानी आदि का विचार किया जाता है।

मिथुन राशि के जातक कैसे होते हैं

मिथुन राशि के जातकों की शारीरिक रचना

मिथुन राशि के जातक शारीरिक रूप से देखने में बहुत हष्ट पुष्ट और तगड़े नहीं होते है। ज्यादातर यह दुबले पतले और लंबे ही होते हैं। यह अपने शारीरिक बल के अलावा अपनी बौद्धिक क्षमता के भरोसे ही जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

मिथुन राशि के जातकों का व्यक्तित्व

मिथुन राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति इतने आकर्षक होते हैं कि जो भी इनसे मिलता है वह इनका प्रशंसक बन जाता है। अथवा इनसे मोहित हो जाता है।

मिथुन राशि के जातकों की बौद्धिक क्षमता और व्यक्तित्व ऐसा होता है कि दूसरे लोग इन्हें बड़े ही आदर्श की और सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।

मिथुन जातक को समझना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि यह दोहरी मानसिकता वाले होते हैं और दोहरी मानसिकता होने की वजह से इन के चरित्र को समझ पाना बड़ा मुश्किल होता है ,मिथुन जातक स्पष्ट वक्ता, अविष्कारक, तथा हमेशा ऊर्जा और स्फूर्ति से भरे हुए रहते हैं।

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मिथुन जातक अपने दोहरे व्यक्तित्व की वजय से हमेशा असमंजस में रहते है, अगर यह अपनी एक एक सोच और बात अडिग रहें तो इन्हें जीवन में बहुत शानदार सफलता मिल सकती है।
इनका स्वभाव है ऐसा होता है कि यह लोग कभी भी अपने किसी भी कार्य से पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं होते। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह लोग अपने ही कार्यों में कमी निकालते रहते हैं।

मिथुन जाति के लोग अगर किसी आंदोलन से जुड़ते हैं, तो उसमें अपनी प्रमुख भूमिका बना लेते हैं। मिथुन राशि के जातक स्वभाव से कुछ मतलबी किस्म के होते हैं, और हर एक कार्य को अपने मतलब से ही करते हैं।

इनकी मानसिक कार्य क्षमता इतनी तीव्र होती है कि एक समय में इन्हें विभिन्न दिशाओं में अभिव्यक्ति चाहिए। मिथुन जाति को की बौद्धिक क्षमता बहुत ही अति प्रभावशाली और बहुमुखी होती है। पढ़ने लिखने में और अपनी बौद्धिक क्षमता में बहुत तेज होने की वजह से यह बहुत बुद्धिमान और तीव्र विचारों वाले होते हैं।

बुद्धि की क्षमता में यह लोग अपने प्रतिद्वंदी को हमेशा पीछे छोड़ देते हैं। हमेशा अपना प्रभाव दूसरों पर डाल देते हैं।

मिथुन राशि के जातकों का स्वभाव

स्वभाव के मामले में मिथुन जातक बहुत ही भावुक किस्म के व्यक्ति होते हैं। मन से यह लोग अशांत प्रकृति के होते हैं। इन्हें देश-विदेश में घूमने का अच्छा मौका मिलता है और अपने व्यक्तित्व बौद्धिक क्षमता के बल पर यह अजनबीयों को भी अपनी और बड़ी जल्दी आकर्षित कर लेते हैं। अगर इनके पास अच्छा धन होगा तो यह दूर-दूर घूमते रहते हैं। इन्हें एक शहर से दूसरे शहर घूमने में बड़ा आनंद आता है। मिथुन जातकों की मानसिक कार्य क्षमता बहुत तीव्र होती है।

मिथुन जातक बचपन से ही बहुत अध्ययनशील होते हैं, विद्या से इन्हें बड़ा प्रेम होता है। हर वक्त यह कुछ ना कुछ पढ़ते और सीखते रहते हैं। इनके दिमाग में हमेशा नए नए विचार चलते रहते हैं। बातचीत में तो यह इतने चतुर होते हैं कि यह अपने सामने किसी की नहीं चलने देते। अगर मिथुन जातक किसी व्यापार से संबंधित है तो व्यापारिक बुद्धि भी इनमें खूब होती है।

मित्रों के साथ मिलना जुलना इन्हें बहुत अच्छा लगता है। इनके बहुत मित्र होते हैं और मिथुन जातक अपने मित्रों का बहुत आदर सत्कार करते हैं। उनके प्रति बड़े उदार रहते हैं।
लेकिन, इनका मित्र चाहे इनका कितना भी प्यारा क्यों ना हो, अगर वह इनके आस पास नहीं रहेगा तो मिथुन जातक उसे भूल जाते हैं। यह इनकी एक आदत ही होती है, इसलिए जो इनके आसपास रहेगा उससे इनका मेलजोल दिल से रहता है।

जब भी यह क्रोध या आवेश में अपना कोई अपने लिए कुछ गलत कर बैठते हैं। बाद में अपनी गलती को स्वीकारते हुए हमेशा पछताते हैं। मिथुन जातक हंसमुख होते हैं खूब घूमने फिरने के साथ हंसी खुशी में अपना जीवन बिताते हैं।

मिथुन राशि के जातकों की सफलता

जहां तक धन कमाने की बात की जाए तो मिथुन जातक जीवन में अधिक सफलता प्राप्त करते हैं।
अच्छे व्यापार करने वाले या आविष्कारक के रूप में इन्हें सफलता पाते हुए देखा गया है। इनके जीवन में उतार-चढ़ाव बहुत आते हैं। लेकिन इन उतार-चढ़ाव का इनके जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता। यह थोड़े ही समय में निराश हो जाते हैं, तो तुरंत ही कुछ ही समय में प्रसन्न हो जाते हैं।

मिथुन जाति के लोग जब सफल होते हैं, तो सफलता के क्षणों में अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ देते हैं। बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियों के पदों पर रहते हुए भी कई बार ऐसा होता है कि यह बड़े-बड़े पदों को सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं की अब इनकी रूचि इसमें समाप्त हो गई है।

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यह लोग जीवन में कई बार अपना दृष्टिकोण बदलते रहते हैं, लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर यह अपना भरोसा खो दें तो एक तरह से वह व्यक्ति इनके लिए मर जाता है।

मिथुन जातक चाहे किसी भी क्षेत्र में क्यों ना हो, चाहे वह व्यापार-व्यवसाय हो या नौकरी हो, इनके जीवन में उसको लेकर हमेशा परिवर्तन होते रहते हैं।

जीवन में धन बहुत कमाते हैं और इनकी आमदनी के साधन एक से अधिक रहते ही हैं।

मिथुन राशि के जातकों का पारिवारिक जीवन

अगर मिथुन जातकों का वैवाहिक जीवन देखा जाए, तो यह बहुत ज्यादा सफल नहीं होता है।

मिथुन राशि के जातक प्रेम प्रसंगों में भी बहुत जल्दबाजी करने वाले होते हैं और प्रेम प्रसंगों के मामले में इन्हें समझना भी बहुत ही मुश्किल है। यह अपनी प्रेमिका से कितने गहरे संबंधों में है, यह समझना हमेशा एक पहेली की तरह होता है। ज्यादातर यह अपने प्रेमी या प्रेमिका को धोखा ही देते हैं और इनके एक से अधिक प्रेम संबंध रहते ही हैं।
मिथुन जातकों के एक से अधिक परिवार भी हो सकते हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं मानना चाहिए कि हर मिथुन राशि के जातक के साथ ऐसा ही होगा।

मिथुन राशि के जातकों पर ग्रहों का प्रभाव

मिथुन राशि के जातकों पर सूर्य का अच्छा प्रभाव हो और साथ ही बुध का शक्तिशाली प्रभाव होने से इनमें बौद्धिक और मानसिक शक्तियां भरी रहती है।

मिथुन राशि के जातक चाहे स्त्री हो या पुरुष, यह लोग जीवन में कभी भी संतुष्ट नहीं रहते हैं। चाहे यह कितने भी सफल हो जाए फिर भी इन्हें कमी ही लगती है। विशेषकर धन कमाने को कमाने के मामले को लेकर तो यह कभी भी संतुष्ट नहीं होते।

मिथुन जातक/सावधानियां

मिथुन जातकों को अपनी इच्छाशक्ति को हमेशा मजबूत और दृंढ रखनी चाहिए।

अगर मिथुन जातक अपने जीवन में बार-बार बदलाव ना करें, बार-बार अपनी सोच को ना बदले, तो यह जीवन में बहुत ही शानदार कामयाबी हासिल कर सकते हैं।

हमेशा देखा गया है कि मिथुन जातक अपनी दोहरी मानसिकता की वजह से जीवन में काफी रुकावटें भी पैदा करते रहते हैं।

मिथुन राशि के जातकों को अपनी मानसिक स्थिति को लेकर के विशेष ध्यान रखना चाहिए।

अपने शरीर को लेकर भी इन्हें विशेष सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि पतले दुबले होने की वजह से इन्हें कई तरह के रोग हो सकते हैं।

मिथुन राशि का रत्न पन्ना

मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है, और बुध ग्रह विशेषकर बुद्धि, वाणी, और व्यवसाय का स्वामी होता है।
बुध ग्रह का रत्न पन्ना है, इसलिए पन्ना बुद्धि, वाणी, और व्यवसाय और धन प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है।
जिन व्यापारियों के पास धन नहीं रुकता है, उनके लिए पन्ना एक चमत्कारी रत्न है, उन्हें पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए।

पन्ना रत्न की विशेषता और धारण करने से लाभ।

जीवन में सफलता, धन प्राप्ति, बुद्धि, वाणी और व्यवसाय में उनत्ति के लिए मिथुन राशि के जातकों को पन्ना आवश्य धारण करना चाहिए, अन्यथा बुध का उपरत्न धारण करना चाहिए, जैसे- हरा ओनिक्स, हरी तुरमलिन, हरा हकीक, पैरिडॉट।

पन्ना रत्न बैरुज जाती का एक खनिज पत्थर है, इसकी रासायनिक संरचना पोटैशियम, सोडियम, लिमियम, शीशीयम आदि तत्वों द्वारा होती है। पन्ना एक ऐसा रत्न है, जो पूर्ण रूप से पारदर्शी नहीं होता है, यह रत्न अंदर से देखने पर मकड़ी के जाले समान दीखता है। इसकी संरचना ऐसी होती है की यह बगैर जाले के प्राप्त नहीं होता, जाल होना ही पन्ने की पहचान है।

पन्ना एक बहुत ही खूबसूरत, और नाजुक रत्न है, इसमें कुछ रूखापन भी रहता है, इसलिए पन्ने के व्यापारी अक्सर पन्ना रत्न को तेल में डुबोकर रखते है, क्योंकि बाहरी वातावरण के बदलावों से यह रत्न रुखा पड़ने लगता है।

पन्ना रत्न बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, और यह भारत, रूस, ब्राजील, पाकिस्तान, कोलम्बिया में पाया जाता। है
पन्ना धारण करने से बुध के सभी लाभ प्राप्त होते है, पन्ना मिथुन और कन्या राशि वाले जातकों को आवश्य धारण करना चाहिए, यह उनके लिए सफलता के दरवाजें खोलने वाला रत्न है।

मिथुन राशि के जातकों को पन्ना धारण करने से वैवाहिक जीवन आनंदित रहता है, सुंदर और आज्ञाकारी संतान की प्राप्ति होती है, बुद्धि, सफलता,धन वृद्धि देता है।

विद्यार्थियों के लिए तो यह एक चमत्कारी रत्न है, बुध ग्रह बुद्धि का देवता है, इसलिए अगर इस रत्न को विद्यार्थी धारण करते है तो उनकी बुद्धि बढ़ती है, और वह शिक्षा में अच्छी सफलता हासिल करते है। उनपर सदैव सरस्वती माता की कृपा बनी रहती है।
पन्ना रत्न को धारण करने से आँखों की दृष्टि भी बढ़ती है, और एक अलग बात, वो ये की दुश्मनों द्वारा किया गया षड्यंत्र कभी सफल नहीं हो पाता।

बुध का सम्बन्ध व्यक्ति की वाणी और जीभ से है, इसलिए इस रत्न के धारण से जिन व्यक्तियों में हकलाने की बीमारी है, उसमे भी पन्ना धारण से लाभ मिलता है।
मन की एकाग्रता बढ़ती है, मन शांत होकर मानसिक शांति प्रदान करता है, और धारणकर्ता संयमित रहता है।

ऐसी मान्यता है की अगर कोई प्रेमी अपनी प्रियतम को पन्ने का लॉकेट भेंट करता है, तो उसे प्रेम में अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है।

एक पुरानी मान्यता के अनुसार पन्ना रत्न धारण करने से शरीर बलिष्ट होता है, शरीर में बल और वीर्य की वृद्धि होती है।

पन्ना धारण करने की विधि

कभी भी पन्ना ३ कैरट या उससे ऊपर का ही धारण करना चाहिए, सोने, अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए,

बुधवार सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में, कच्चे दूध और गंगाजल से अंगुठी को शुद्ध करके, इष्ट देव का स्मरण करते हुए उनके चरणों में स्पर्श करे, फिर अपनी मनोकामना मांगते हुए, बुध देव को पूजा करे, बुध मन्त्र का जाप करे ( कम से कम १०८ बार) ओम ग्राम ग्रीम ग्रूम सह बुद्धाय नमः और अपनी कनिष्ठा ऊँगली में धारण करे।

पन्ना रत्न धारण किये गए दिन से ३ वर्ष तक अपना प्रभाव रखता है।

मिथुन जातक/भाग्यशाली रत्न

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