रत्न सूची / नवरत्न
नवरत्न और 84 रत्न सूची में नवग्रहों के 9 रत्न और 84 उपरत्न शामिल है जिनके अपने अपने प्रभावशाली और चमत्कारी प्रभाव है।
1.माणिक्य
माणिक्य एक खूबसूरत लाल रंग का रत्न है। इस रत्न में सूर्य ग्रह की शक्ति विद्यमान रहती है। अंग्रेजी भाषा में माणिक के को “Ruby” बोला जाता है।
जिस तरह सूर्य को ग्रहों का राजा बोला जाता है, उसी तरह माणिक्य को रत्नों का राजा बोला जाता है।
जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति को देखते हुए, सूर्य को बलवान करने के लिए माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है। खूबसूरत लाल रंग, गहरे गुलाबी रंग का माणिक्य बहुत कीमती होता है। माणिक्य कालापन लिए या गहरे लाल रंग के भी पाए जाते हैं।
माणिक्य को सूर्यरत्न भी बोला जाता है। अरब के लोग माणिक्य को लाल बादक्शा कह कर पुकारते थे। माणिक्य कोरंडम जाति का रत्न है।
गहरे गुलाबी रंग के माणिक्य को सबसे उत्तम माना जाता है। जिस व्यक्ति को माणिक्य फल जाए उस व्यक्ति को व्यवसाय में लाभ मिलता है, वह व्यक्ति प्रसिद्धि पाने लगता है, उसके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती बढ़ने लग जाती है, मानसिक रूप से वह व्यक्ति मजबूत हो जाता है, उस व्यक्ति को सरकारी क्षेत्रों से लाभ मिलने लग जाता है।
माणिक्य को सीधे हाथ को अनामिका ऊँगली में रविवार को सूर्योदय के पश्चात धारण करना चाहिए।
2.पन्ना
“Emerald” जिसे हिंदी में पन्ना बोला जाता है। यह बुध ग्रह का रत्न है।
जब भी किसी जातक की कुंडली में बुध बलहीन हो जाता है, तब उस जातक को पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है। पन्ना हरे रंग का रत्न होता है। यह रत्न हल्के हरे से लेकर गहरे हरे रंग में पाया जाता है।
पन्ना नवरत्नों में से एक रत्न है। सुंदर, साफ सुथरा, दाग धब्बों रहित, गहरे हरे रंग का पन्ना सबसे उत्तम क्वालिटी का माना जाता है। पन्ना रत्न बहुत कोमल होता है, थोड़ी सी चोट लगने पर भी यह टूट सकता है।
पन्ना एक मूल्यवान रत्न है। पन्ने की क्वालिटी उसके रंग रूप और दाग रहित होने के अनुसार की जाती है।
बुध का रत्न होने के कारण पन्ने में बुध के प्रभाव रहते हैं। पन्ना धारण करने से व्यक्ति की बुद्धि बढ़ती है, व्यापार के लिए बहुत लाभकारी है, आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है, विद्यार्थियों के लिए तो यह बहुत ही लाभदायक रत्न है। बुद्धि का रत्न होने की वजह से यह विद्यार्थियों को शिक्षा में बहुत लाभ देता है, इसके अलावा पन्ना धन लाभ भी कराता है।
पन्ना रत्न को बुधवार के दिन सूर्यउदय होने के पश्चात शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए। पन्ना रत्न को सीधे हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करना चाहिए।
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3.मोती
“Pearl” जिसे हिंदी में मोती बोला जाता है, मोती चंद्र ग्रह का रत्न है।
जब किसी जातक की कुंडली में चंद्र शीर्ण हो जाता है, तब मोती धारण करने की सलाह दी जाती है।
चंद्र को ग्रहों की माता बोला जाता है। मोती कई रंगों में प्राप्त होते हैं जैसे कि, पीला, हल्का नीला, हल्का गुलाबी, काला, आसमानी, क्रीम कलर का और सफेद रंग का।
मोती जमीन की गहराइयों से निकलने वाला खनिज रत्न नहीं है, यह एक जैविक रत्न है और इसकी उत्पत्ति समुद्र में सीप के अंदर होती है।
मोती सीप के अंदर रहने वाले कीड़े द्वारा निर्मित किया जाता है। मोती गोल, चपटा ,दबा हुआ, कई तरह के रूपों में प्राप्त होता है।
संस्कृत में इसे मुक्ता बोला जाता है। सबसे श्रेष्ठ और चंद्र के लिए कारगर रत्न सफेद मोती को माना जाता है।
कुछ विद्वान हल्के गुलाबी रंग के मोती को भी काफी लाभदायक मानते हैं। मोती धारण करने से कुंडली में चंद्र के कमजोर प्रभावों को शक्ति मिलती है। जिससे व्यक्ति मानसिक शांति प्राप्त करता है हर प्रकार की सुख, कारोबार में सुख, और धन लाभ प्राप्त करता है।
मोती को सीधे हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण किया जाता है। मोती को सोमवार सूर्य ढलने के पश्चात धारण करना चाहिए।
4.पुखराज
बृहस्पति का रत्न पीला पुखराज जिसे अंग्रेजी में ‘Yellow topaz‘ बोला जाता है।
पीला पुखराज मूल्यवान रत्नों की श्रेणी में आता है। पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न होता है। पुखराज को संस्कृत में पुष्पराज बोला जाता है।
बृहस्पति ग्रह को देवताओं का राजा बोला जाता है, उसी प्रकार नवरत्नों में पीले पुखराज का भी महत्व है।
साफ सुथरा, शुद्ध पीले रंग का, किसी भी तरह के दाग रहित, त्रुटि रहित, पीला पुखराज सबसे उत्तम श्रेणी का माना जाता है। वैसे तो पुखराज कई रंगों में आता है, जैसे – सफेद, नीला, हल्का पीला, गुलाबी इत्यादि लेकिन बृहस्पति ग्रह से संबंधित रत्न पीला पुखराज ही होता है।
पीला पुखराज धारण करने से ही बृहस्पति के लाभ प्राप्त होते हैं। जिस किसी की जन्म पत्रिका में बृहस्पति कमजोर है, पीड़ित है, ऐसे जातक को पीला पुखराज धारण करने से जीवन में सफलता मिलती है, उच्च शिक्षा प्राप्त होती है, धन लाभ होता है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, और विदेश जाने के योग बनते हैं।
पीले पुखराज को बृहस्पति के दिन सूर्योदय के पश्चात शुभ मुहूर्त में तर्जनी उंगली में पूर्ण विधि विधान से पूजा पाठ करके धारण करना चाहिए।
5.हीरा
“Diamond” जिसे हिंदी में हीरा बोला जाता है, शुक्र ग्रह का रत्न होता है।
हीरा शुक्र ग्रह की प्रभावशाली रश्मियों का संचालन करता है। हीरा एक बहुत कीमती और मूल्यवान रत्न है। इसकी कीमत लाखों में होती है।
इतिहास में बड़े और कीमती हीरों के कई किस्से कहानियां मौजूद हैं। हीरा एक बहुत ही खूबसूरत, चमकने वाला और कठोर रत्न है।
हीरे कई रंगों में प्राप्त होता हैं, जैसे सफेद, गुलाबी, लाल, पीला, नीला, काला, इत्यादि हल्के नीले और सफेद रंगों को सबसे श्रेष्ठ हीरा माना जाता है। इसके साथ ही हीरे को नवरत्नों में भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
1 कैरेट से ऊपर का हीरा मिलना मुश्किल हो जाता है और इसके साथ ही उसकी कीमत भी बहुत अधिक बढ़ जाती है।
हीरा धारण करने से जातक की पौरूष शक्ति बढ़ती है, व्यक्ति सांसारिक सुखों की प्राप्ति करता है, ऐश्वर्यवान जीवन जीता है, सभी प्रकार के सुख भोगता है, काम सुख भोगता है।
हीरे को शुक्रवार के दिन मध्यमा उंगली में सूर्योदय के पश्चात शुक्र मंत्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए।
6.लाल मूंगा
नवग्रहों में सेनापति ग्रह मंगल का रत्न “Red Coral” जिसे हिंदी में लाल मूंगा बोला जाता है।
मंगल को ग्रहों का सेनापति बोला जाता है, उसी प्रकार मंगल ग्रह के रत्न लाल मूंगा धारण करने से व्यक्ति बलवान हो जाता है, मानसिक शक्ति बढ़ जाती है।
किसी जातक की जन्मपत्रिका में मंगल कमजोर अवस्था में है, जिससे व्यक्ति डरा हुआ, सहमा हुआ रहता है, कोई भी निर्णय नहीं ले पाता, शत्रु परेशान करते हैं, आत्मविश्वास की कमी हो जाती है, तब ऐसे में सेनापति ग्रह मंगल का रत्न लाल मूंगा धारण करने से यह समस्त दोष दूर होते हैं।
लाल मूंगा धारण करने से आत्मविश्वास जागता है, मनोबल बढ़ता है, दुश्मनों को परास्त करता है, कारोबार में दिलेरी से निर्णय लेता है, और सफलता प्राप्त करता है।
लाल मूंगा कई रंगों में प्राप्त होता है। सफेद। गुलाबी। सिंदूरी। लाल आदि लेकिन मंगल ग्रह का प्रभावशाली रत्न लाल मूंगा ही होता है।
मंगल के समस्त प्रभाव पाने के लिए जातक को केवल लाल रंग का मूंगा ही धारण करना चाहिए।
मूंगा जमीन से निकलने वाला खनिज नहीं है, यह समुद्र में की गहराइयों में प्राप्त होने वाला एक प्रकार की समुद्री जड़ है, जिसे समुद्र के जीव ही निर्मित करते हैं। लाल मूंगा एक तरह से कैल्शियम का रूप ही होता है।
लाल मूंगे को प्रवाल भी बोला जाता है, संस्कृत में विद्रुम बोला जाता है।
लाल मूंगा धारण करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक बल बढ़ जाता है, समाज में उसका दबदबा बनता है।
लाल मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन, सूर्योदय के पश्चात पूर्ण विधि विधान से तर्जनी ऊँगली में धारण करना चाहिए।
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7.नीलम
शनि ग्रह का रत्न “Blue Sapphire” , ब्लू सफायर को हिंदी में नीलम बोला जाता है।
नीलम शनि ग्रह का रत्न है और शनि ग्रह के इस रत्न को रत्नों में सबसे जल्दी प्रभाव देने वाला रत्न माना गया है। नीलम एक ऐसा रत्न है, जो तुरंत ही अपने प्रभाव दिखाता है।
फायदा होने पर यह लाभ देने लग जाता है और अगर आपके लिए नुकसान कारी है, तो यह तुरंत ही आपको किसी ना किसी तरह के नुकसान देने लग जाएगा या आपको चोट तक पहुंचा सकता है।
नीलम नीले रंग का रत्न होता है, यह हल्के नीले आसमानी से लेकर गहरे नीले रंग में प्राप्त होता है। अच्छे सुंदर साफ-सुथरे गहरे नीले रंग का नीलम सबसे उत्तम माना जाता है।
नीलम धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिष से अवश्य परामर्श कर लेना चाहिए। नीलम हमेशा जन्मपत्रिका के सुष्म निरीक्षण करने के बाद ही धारण करना चाहिए।
शनि का रत्न नीलम शनिवार के दिन संध्या के समय विधि विधान से पूजा करते हुए शनि मंत्रों का जाप करके मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
8.गोमेद
राहु का रत्न गोमेद रतन भूरे रंग का होता है। गोमेद रत्न को छाया ग्रह राहु प्राप्त प्रभावों के लिए धारण किया जाता है।
गोमेद को अंग्रेजी में “Zircon” और “Hassonite” बोला जाता है। गोमेद रत्न अपने प्रभाव काफी जल्दी देता है।
गोमेद राहु का ऐसा रत्न है, जिसे बहुत ही सोच समझकर धारण करना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर कुंडली में राहु के नुकसानकारी प्रभाव ही रहते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में राहु शुभ फल देने वाला है तो, वह जातक अचानक ही जीवन में काफी उन्नति, तरक्की और धन लाभ प्राप्त करता है।
अच्छा सुंदर, साफ सुथरा, भूरे रंग का गोमेद सबसे उत्तम माना जाता है। गोमेद को नवरत्नों में भी स्थान प्राप्त है।
गोमेद शनिवार के दिन संध्या के समय चांदी की अंगूठी में जड़वा कर राहु ग्रह के मंत्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए।
9.लहसुनियां
केतु का रत्न लहसुनियां, इसे बिल्ली की आंख भी बोला जाता है, क्योंकि इस रत्न में एक चमकदार धारी होती है, जिसे देखने से यह रत्न बिल्ली की आंख जैसा लगता है, इसीलिए इसे बिल्ली की आंख और अंग्रेजी में “cat’s eye” बोला जाता है।
केतु का रत्न लहसुनियां छाया ग्रह केतु के प्रभावों के लिए पहना जाता है। यह रत्न केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, केतु भी एक ऐसा ग्रह है जो अपने प्रभाव अचानक ही देता है।
अगर किसी की जन्मपत्रिका में केतु शुभ प्रभावों में है, तो वह जीवन में अचानक उन्नति, तरक्की, धन लाभ प्रदान करता है। शुभ केतु आध्यात्म की ओर भी ले जाता है।
राहु की ही तरह केतु का रत्न भी बहुत सोच समझकर ही धारण करना चाहिए, क्योंकि केतु ग्रह भी ज्यादातर जन्म कुंडलियों में अपने अशुभ प्रभाव ही देता है। इसलिए केतु का रत्न जन्म कुंडली के अच्छे निरीक्षण के बाद ही धारण करना चाहिए।
केतु का रत्न शनिवार के दिन, संध्या को, चांदी की अंगूठी में धारण जड़वाकर मध्यमा उंगली में, केतु के मंत्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए।
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उपरत्नों के वर्ग में जिन रत्नों को रखा गया है, उनका संक्षिप्त परिचय एव रत्न सूची इस प्रकार है :-
रत्न सूची / उपरत्नों का क्रम
1.सुनहैला (Citrine)- सुनहैला सोने के रंग के समान सुनहरे रंग का पारदर्शी रत्न होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बृहस्पति ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है। इसे पुखराज का उपरत्न माना गया है। इसकी अंगूठी और मालाएं आदि भी बनती है
2.कटैला (Amethyst)- यह हल्के बैंगनी रंग का चमकीला तथा पारदर्शी रत्न होता है। इसे शनि ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है। इसे नीलम के उपरत्न के लिए भी धारण किया जाता है। अंगूठी में धारण करने के साथ-साथ इसकी मालाएं भी बनती है
3.स्फटिक (Rock Crystal)- सफेद बिल्लौर को स्फटिक(rhinestone, crystal) भी बोला जाता है। यह सफेद चमकदार तथा पारदर्शी रत्नीय पत्थर होता है। इसे शुक्र ग्रह के लाभ प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता यही। अंगूठी में धारण करने के अतिरिक्त इस की मालाएं मूर्तियां तथा श्री यंत्र आदि भी बनाए जाते हैं।
4.दाना फिरंग (Malachite)- यह गहरे हरे रंग का रत्न होता है तथा इस पर हल्के हरे रंग की धारियां होती है। गुर्दे की तकलीफ और गुर्दे के दर्द में राहत और उपचार के लिए इसे धारण किया जाता है इसलिए अंग्रेजी में इसे kidney stone भी कहा जाता है।
5.फिरोजा (Turquoise)- यह फिरोजी और आसमानी रंग का खूबसूरत रत्न होता है, इसपर धारियां भी पाई जाती है। यह अपारदर्शी उपरत्न होता है। बुध ग्रह की शांति के लिए फिरोजा रत्न को धारण किया जाता है, इसके अलावा accident और बुरी नजर से बचने के लिए भी इसे धारण किया जाता है
6.जबरजद्द (Peridot)– यह तोते के रंग के समान रत्न होता है। यह बहुत खूबसूरत और मुलायम रत्न होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बुध ग्रह के शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है।
7.तुरमली (Tourmaline)– यह रत्न हरा, गुलाबी, लाल,सफ़ेद, नीला आदि कई रंगों में प्राप्त होता है। तुरमली रत्न को रंगों के आधार पर ग्रहों की शांति के लिए धारण किया जाता है। सबसे अधिक हरी तुरमली का महत्व है, इसे बुध ग्रह के लिए धारण किया जाता है, और शिक्षा को लेकर विद्यार्थियों के लिए यह बहुत लाभकारी रत्न है।
8.ओपल (Opal)– ओपल एक सफ़ेद रंग का रत्न है, इसके ऊपर बहुत खूबसूरत रंगीन छींटे होते है। ओपल काफी नरम रत्न होता है, जरा सी चोट से ही टूट जाता है। इसे शुक्र के शुभ प्रभावों के लिए धारण किया जाता है।
9.संगसितारा (Goldstone)– यह गहरे गेरूए रंग का रत्न होता है, यह रत्न पारदर्शी नहीं होता, इसको केवल केबोकोन तराश में काटा जाता है। इस रत्न के ऊपर सुनहरे रंग के धब्बे होते है। इस रत्न को धारण करने से किस्मत खुलती है, इसीलिए इसे लक्की स्टोन भी बोला जाता है। अंगूठी में धारण करने के आलावा इसकी माला भी धारण की जाती है।
10.जरकन (Zircon)– जरकन जिसे अमेरिकन डायमंड भी बोला जाता हैं, यह एक सफेद और हीरे की तरह दिखने और चमकने वाला रत्न होता है। यह सभी रंगों लाल, पीले,नीला,गुलाबी,हरा,कला,सफ़ेद, अन्य कई रंगों में तराशा जाता है। यह प्राकर्तिक रत्न नहीं है, यह बेल्जियम ग्लास होता है, जिसे कई रंगों में ढाला जाता है। यह ग्लास विशेषतौर पर रत्नों के अनुसार ही ढाला जाता है। जरकन (अमेरिकन डायमंड) का विशेष तौर पर अर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
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11.मांहेमरियम (Fortification Agate)
12.लाजवर्त (Lapis Lazuli)
13.तामड़ा (Garnet)
14.चंद्रकांत मणि (Moon stone)
15.गनमैटल (Hematite)
16.मकनातीस (Loadstone)
17.काला स्टार (Malanite)
18.टाइगर (Tiger eye)
19.मरगज (Jade)
20.ओनेक्स (Onyx)
21.हकीक (Agate)
22.सुलेमानी (Sulemani Onyx)
23.हकीक यमनी (Sardonyx)
24.बैरुज (Aquamarine)
25.धुनेला (Smoky Quartz)
26.सजरी (Moss Agate)
27.होलदिली (Heliodor)
28.अलेग्जैंडर (Alexandrite)
29.लाडली (Spinel Ruby)
30.रोमनी (Romni)
31.नरम (Spinel)
32.लुधिया (A Kind of Marbel)
33.सिंदुरिया (Pink Sapphire or Pink Corundum)
34.नीली (Sodalite or Aiolite)
35.पीतोनियां (Blood Stone)
36.बासी (Bamboo Stone)
37.दुर्रे-नजफ़ (Door-e-Najaf)
38.आलेमासी (A kind of Agate)
39.जजेमानी (A Variety of Onyx)
40.सीवार (Sivar)
41.तुरसावा (A kind of Zircon)
42.अहबा (Rhodonite)
43.आबरी (Abri)
44.कुदरत (Kudrat)
45.चित्ती (Chatoyant)
46.संगसन (White Jade)
47.लारु (A kind of Marble)
48.मार्बल (Marble)
49.कसौटी (Basanite)
50.दारेचना (Braunite)
51.हकीक गलबहार (A variety of Agate)
52.हालन (Sand Stone)
53.मुवे-नजफ़ (Move-Najaf, Floor Stone)
54.कहरवा (Amber)
55.झरना (Jharna)
56.संगबसरी (A kind of Antimony)
57.दाँतला (Achroite)
58.मकड़ा (Spider Stone)
59.संगिया (A kind of Gypsum)
60.गुदड़ी (A variety of Marble)
61.सिफरी (Amazonite)
62.कांसला (A variety of Turmaline)
63.हदीद (Eye Agate)
64.हवास (Hawas)
65.सींगली (Mysore Star)
66.ढेडी (A kind of Marble)
67.गौरी (A Kind of Agate)
68.सिया (Black Marble)
69.सीमाक (Porphyry)
70.मूसा (Jet)
71.पनघन (A variety of Agate or Sard Pebble)
72.अमलिया (A variety of Marble)
73.डुर (Epidote)
74.तिलियर (Tiliyar)
75.खारा (Tektites)
76.फ़ात जहर (A kind of soft stone)
77.सेलखड़ी (Gypsum)
78.जहर मोहरा (Serpentine)
79.रवात (Jasper)
80.सोन मक्खी (Marcasite)
81.हजरते-ऊद (Mazrat-e-ud)
82.सुरमा (Antimony)
83.पारस (Philosophers Stone)
84.रेनबो (Rainbo Quartz)