जैस्पर रत्न
लाल जैस्पर रत्न क्वार्ट्ज़ समूह का ही एक रत्न है। जैस्पर कई रंगो में प्राप्त होता है, जैसे- सफ़ेद, भूरा, पीला, लाल आदि। इस रत्न पर धारियां और धब्बे पाए जाते है।
jasper भारत, रूस, अमरीका, फ्रांस, जर्मनी और इसके आलावा कई देशों में पाया जाता है।
इसका नाम ग्रीक शब्द पर पड़ा है, ग्रीक में jasper का मतलब होता है, धब्बों वाला पत्थर।
जैस्पर रत्न की कई किस्में आती है, जैसे- अकीक jasper, रिबैंड जैस्पर, ब्लड जैस्पर आदि।
लाल जैस्पर रत्न
लाल जैस्पर एक सुर्ख लाल रंग का रत्न है , जिसके ऊपर धारियां धब्बे होते है, इसे लाल रंग इसमें मौजूद आइरन ऑक्साइड की वजय से मिलता है। यह एक चिकना और बहुत खूबसूरत रत्न है।ज्योतिष शास्त्र में इस रत्न का अपना एक अलग महत्व और प्रभाव है। ऐसा माना जाता है की इस रत्न में दैवीय शक्तियाँ विद्यमान है।
jasper एक दुलर्भ उपरत्नों की श्रेणी में आता है। jasper रत्न की खासियत यह है की, इसमें सभी प्रकार के रोगों को दूर करने की क्षमता होती है, इसे धारण करने से व्यक्ति की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
यह रत्न शरीर के सातों चक्रों को संतुलित रखता है, और व्यक्ति में बोलने की क्षमता का विशेष रूप से विकास होता है।
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लाल जैस्पर रत्न, लाल समुद्र (Red Sea) से प्राप्त होता है। प्राचीन समय में मिस्र के लोग इसका इस्तेमाल यंत्र और मोहरें बनाने में किया करते थे। इस रत्न को वह लोग बहुत शुभ माना करते थे, धनवान लोग इसकी मोहरें बनाया करते थे, इन मोहरों को वह अपने गले या बाजू में लटकाया करते थे, और इसकी मोहरों को अपने पास रखने से वह सम्मानित व्यक्ति माने जाते थे।
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती थी तो उसकी मोहरें और ताबीज उस व्यक्ति की कब्र के साथ ही दफना दी जाती थी, जिससे की कोई दूसरा व्यक्ति उसका लाभ न उठा सके।
प्राचीन मिस्र के लोग रेड जेस्पर को किसी न किसी रूप में अपने शरीर पर जरूर धारण किया करते थे, उनका मानना था की लाल जैस्पर धारण करने से शरीर की खूबसूरती बरक़रार रहती है, व्यवहार में शिष्टता रहती है, और अगर आपको कोई रोग है, तो उस रोग का खत्म होना निश्चित है।
और अमरीका के लोगों का ऐसा मानना था की, अगर बारिश नहीं हो रही है, तो दो लाल जैस्पर को आपस में रगड़ने से बारिश आवश्य होगी, और युद्ध के दौरान अगर इस रत्न को धारण किया जाये तो आपके हौंसले आसमान छूते है, आपमें भरपूर बल बढ़ जाता है, और आप विजयी होकर लौटते है। अमरीकियों का मानना था की अगर यह रत्न आपके शरीर के स्पर्श में रहता है, तो आपकी जवानी बनी रहती है।
ऐसा माना जाता है की, लाल और हरे jasper में विशेष और अदभुत शक्तियां छुपी हुई होती है।
वह लोग इस रत्न को अपने पेट पर भी बांधा करते थे, उनका ऐसा मानना था की, इससे उन्हें पेट के रोग नहीं होते है, और न ही पेट में किसी तरह का रक्तः स्राव होता है।
यूनान और इटली जैसे देशो की खुदाई में jasper रत्न की अँगूठिया और जैस्पर जड़े हुए ताबीज प्राप्त हुए है।
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लाल जैस्पर के लाभ
लाल जैस्पर एक अत्यंत प्रभावशाली सुरक्षा रत्नों की श्रेणी में आता है, यह रत्न फिल्म और टीवी अभिनेताओं के लिए बहुत भाग्यशाली माना जाता है, क्योंकि इसका लाल रंग सूर्य ग्रह को प्रतिनिधित्व करता है, और सूर्य समाज में लोकप्रियता बढ़ाने वाला ग्रह है, इसलिए इसको धारण करने से सूर्य के लाभ और शुभ प्रभावों की प्राप्ति होती है।
लाल जैस्पर आपके आस पास की नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करता है, और यह आपको सुरक्षा प्रदान करता है। इस रत्न को अपने घर में आवश्य स्थापित करना चाहिए।
रात के अंधेरो से सुरक्षा प्रदान करने वाला है यह रत्न।
अगर आप संकोची स्वाभाव के है, या आपको किसी के सामने बोलने से डर लगता है, तो टाइगर रत्न के बाद इसी रत्न का नंबर आता है, जो आपमें जोश का संचार करता है और बोलने की शक्ति प्रदान करता है।
आपको मजबूत सोचने की शक्ति प्रदान करता है, आपकी प्रबंधकीय क्षमताओं को मजबूती प्रदान करता है, और आप निर्णय लेते हुए आगे बढ़ते है।
अगर आप किन्हीं समस्याओं में फसें हुए है, तो यह रत्न आपमें दृढ़ता के साथ उस समस्या ने निपटने की ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है। आपके आस पास सकारात्मक ऊर्जाओं का घेरा बनाता है।
आपके शारीरिक संतुलन को बनाये रखता है, जिससे आप शारीरिक रूप से मजबूत रहते है।
रेड जेस्पर के फायदे
- इस रत्न को धारण करने से आपके आस पास सकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव रहता है।
- आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, और आप अपने लक्ष्य को लेकर निडरता और जोश के साथ आगे बढ़ते है।
- काम करने का उत्साह बढ़ता है, आपमें साहस बढ़ता है।
- सामाजिक और पारिवारिक तौर पर आपमें नेतृत्व करने की क्षमता बढ़ती है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है, और समाज में मान सम्मान बढ़ता है।
- सरकारी कार्यों में, और सरकारी ठेकों में लाभ मिलता है।
- सरकारी पदों को लेकर लाभ मिलता है, सरकारी उच्च अधिकारियों से सहयोग प्राप्त होता है।
- आपके आस पास सहयोगियों और मित्रों से विश्वसनीयता मिलती है, और उनका सहयोग प्राप्त होता है।
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रेड जेस्पर के स्वास्थ्य लाभ
- जैसा अपने ऊपर पढ़ा, प्राचीन लोग भी इस रत्न को स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभकारी माना करते थे, और ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से भी इस रत्न में स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं को दूर करने की विशेष शक्तियां है।
- कमजोर दिल और कमजोर मानसिकता के व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत करता है, दृढ़ता प्रदान करता है।
- इस रत्न में सूर्य की ऊर्जा होने से यह शरीर में रक्तः की बीमारियों को ठीक करता है।
- यकृत की बीमारी में लाभकारी रहता है।
- व्यक्ति के आलस्य को ख़त्म करता है, उसमें ऊर्जा का संचार बढ़ाता है।
- आँखों की ज्योति के लिए भी बहुत लाभकारी रहता है।
- इसे धारण से व्यक्ति की जवानी लम्बे समय तक बनी।
- इस रत्न का धारणकर्ता संभोग में लम्बा यौन सुख प्राप्त करता है।
- रक्त की कोशिकाओं को मजबूत रखता है, और पेट के रोगों और पेट के रक्तश्राव को रोकता है।
- अगर किसी को कोई लम्बी और असाध्य बीमारी है, तो उसमे भी यह रत्न लाभकारी रहता है।
- इसको धारण करने से डपोक व्यक्ति भी लड़ने को तैयार हो।
- यह रत्न व्यक्ति को ऊर्जा से भर देता है, व्यक्ति थकान महसूस नहीं करता।
जन्म पत्रिका के अनुसर लाल जैस्पर
लाल जैस्पर को सूर्य का उपरत्न भी माना जाता है, इस रत्न को सूर्य के रत्न माणिक्य के विकल्प के अनुसार भी धारण किया जाता है। लाल जैस्पर में सूर्य की ऊर्जा विद्यमान रहती है, इसलिए जिन जातकों की जन्म पत्रिका में सूर्य निर्बल, या पीड़ित अवस्ता में है, उन व्यक्तियों को लाल जैस्पर धारण करना चाहिए।
ऐसे व्यक्तियों को लाल जैस्पर धारण करने से सामजिक सम्मान, आर्थिक उनत्ति और शारीरिक स्वस्थता मिलती है।
जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में सूर्य प्रतिकूल है, उन व्यक्तियों को लाल जैस्पर धारण करने से शारीरिक मजबूती और मानसिक एकाग्रता प्राप्त होती है।
अगर आप किसी खेलों से जुड़े है, और कुंडली में सूर्य कमजोर है, आप आगे नहीं बढ़ पा रहे है, तो ऐसे में इस रत्न के धारण से आपके अड़चनों के रास्ते खुलते है, और एक खिलाडी होने के नाते आपकी एकाग्रता और स्टैमिना बढ़ता है।
जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में सूर्य निर्बल होता है, पाप ग्रहों से दृष्ट होकर पितृ दोष निर्मित करता है, तो ऐसे जातकों को जीवन में सफलता नहीं मिल पाती और वह जीवन में निरंतर संघर्ष करते चले जाते है, और कई बार डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते है।
ऐसे जातकों के लिए लाल जैस्पर एक बहुत चमत्कारी रत्न साबित होता है, इस रत्न को धारण करने से एक तो उनका मनोबल बढ़ता है, और उनके भाग्य में भी वृद्धि होती है, आर्थिक परेशानियां ख़त्म होने लगती है, और सामाजिक स्तर पर उनका सम्मान बढ़ने लगता है।
लाल जैस्पर कौन धारण कर सकता है
लाल जैस्पर एक शुभ उपरत्न है, इस रत्न को कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है, इस रत्न के कई चमत्कारिक प्रभाव है, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को सफलता मिलती है, मनोबल बढ़ता है, नजर नहीं लगती, आर्थिक और सामजिक उनत्ति मिलती है।
इसलिए यह एक शुभ रत्न है, इसको धारण करने से लाभ ही प्राप्त होगा, इसके साथ साथ अगर किसी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में सूर्य कमजोर है, तो उस व्यक्ति को सूर्य का अतिरिक्त बल भी प्राप्त होगा।
लाल जैस्पर कब धारण नहीं करना चाहिए
अगर आपने शुक्र का रत्न हीरा या उपरत्न या शनि का रत्न नीलम या नीलम के उपरत्न धारण किये हुए है, तो ऐसे में इन रत्नों के साथ लाल जैस्पर धारण नहीं करना चाहिए।
लाल जैस्पर कब और कैसे धारण करें
लाल जैस्पर को सोने, ताम्बे या अष्टधातु की अंगुठी में बनवाकर धारण करना चाहिए। रविवार और ब्रहस्पतिवार को शुभ मुहूर्त देखकर धारण करना चाहिए, धारण करने से पहले अंगूठी या लॉकेट को गंगा जल से शुद्ध कर ले, पूजा के स्थान में रखे और अपने इष्टदेव की पूजा करते हुए, सूर्य मन्त्र का कम से कम १०८ बार जाप करे, और सूर्य देव और अपने इष्टदेव से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की मांग करते हुए धारण करे।
लाल जैस्पर बहुत मूलयवान रत्न नहीं है, यह रत्न लगभग 25 से 30, 50 रुपये प्रति कैरेट में प्राप्त हो जाता है, लेकिन इस रत्न के चमत्कारिक कार्य अदभुत है।
सूर्य मन्त्र
“ऊं घृणि: सूर्याय नम:”