धनु राशि
धनु राशि अंग्रेजी में (Sagittarius)
राशि का स्वामी – बृहस्पति ग्रह
राशि चिन्ह – धनुष लिए हुए महिला
राशि के अक्षर – ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
दिनांक – 21 नवंबर से 20 दिसंबर तक
धनु राशि स्वाभाव
धनु राशि पुरुष जाति राशि है, यह राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है, इसका रंग सुनहरा है, स्वामी ग्रह ब्रहस्पति है, अग्नि तत्व राशि है, सुवर्ण वर्ण , द्विस्वभाव, क्षत्रिय वर्ण, दिन में बलि, पित्त प्रकृति, दृंढ शरीर वाली, कलाप्रिय, सवेंदनशील है।
इस राशि का स्वाभाव दयावान, गरिमामय, और अधिकार के साथ रहना है। धनु राशि से व्यक्ति की जंघाओं का विचार किया जाता है।
इस राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने मान सम्मान को बहुत अधिक महत्त्व देते है।
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धनु जातकों की प्रकृति और स्वभाव
धनु राशि का प्रतीक धनुर्धारी है, ठीक उसी प्रकार धनु राशि के जातकों का स्वाभाव भी होता है, वे एक धनुर्धारी की तरह अपने लक्ष्य को लेकर चलते है, अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना और उसी पर केंद्रित होकर उसे प्राप्त करना उनका स्वाभाव होता है।
धनु जातक स्वतंत्र होकर अपने कार्य और विचारों को अंजाम देना चाहते है, उसमें वह किसी भी तरह की रोकटोक पसंद नहीं करते,
धनु जातक बुद्धिमान होते है, उत्साही व्यक्तित्व के होते है, खुले दिल के और स्पष्टवादी होते है।
अपने इसी व्यक्तित्व की वजय से वे चाहते है, की लोग उनके साथ साफसुथरा व्यवहार करे, किसी भी तरह का विश्वासघात, छल कपट, और घूमी फिरि बातें वे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करते।
धनु राशि का द्विस्वभाव होने की वजह से, इसका असर धनु जातकों के स्वाभाव में भी देखने को मिलता है। वे कई बार निर्णय लेने में असमंजस में पड़ जाते है और झुंझलाहट और तनाव में आ जाते है।
धनु जातक अपनी बुद्धिमता से आर्थिक मामलों को बड़ी दूरदर्शिता से संचालन करते है। उनकी धर्म, कानून, गुप्त विध्या, ज्योतिष जैसे विषयों में अच्छी रूचि होती है।
वे जीवन को लेकर बड़े आशावादी होते है, जब प्रसन्न होते है, तो उनके चेहरे पर उत्साह और ख़ुशी अलग ही दिखती है। उन्हें सामाजिक चकाचोंद पसंद नहीं आती, बल्कि वे प्रकृति में आनंद लेना चाहते है। वे ऐसे स्थानों में रहना चाहते है, जहां प्रकृति का वास हो, ना की भीड़ भरे शहरों में।
धनु जातक जो भी कार्य को अपने हाथ में लेते है, वे तब तक चैन से नहीं बैठते जब तक की उसे पूरा न कर ले, बुद्धिमान होने की वजय से उनके मस्तिष्क में कई तरह के विचार उमड़ते रहते है, अगर वे राजनीती के क्षेत्रों से है, तो निरंतर उनकी नीतियां बदलती रहती है। अगर उन्हें लगता है की किसी निति से उन्हें लाभ नहीं मिलेगा तो वे तुरंत उसमें बदलाव कर देते है।
वैसे धनु राशि के जातक बड़े ही विनम्र स्वाभाव के होते है, लेकिन जब चिढ़ जाते है, तो उग्र भी हो उठते है। सामाजिक तौर पर अच्छा सम्मान प्राप्त करते है, इसकी वजय है उनकी बुद्धिमानी, सत्य, शांति और न्याय के पक्षधर होना। इसी वजय से वे जन आदर्श भी बन जाते है और अच्छी लोकप्रियता हासिल कर लेते है।
धनु जातक बहुत मौलिक विचारों के होते है, अपने कार्य स्थलों पर यह सबके प्रिये होते है। इनका मस्तिष्क हर समय सक्रिय और केंद्रित रहता है,
यह नियम और सिद्धांतो का सम्मान करने वाले होते है, कानून और व्यवस्था का समर्थन करते है और चाहते है की सभी को कानून और व्यवस्था के अनुसार चलना चाहिए।
धनु जातक बड़े ही उदार और भावुक होने की वजय से लोग इनसे अनुचित लाभ लेने का प्रयास भी करते है।
लेकिन गुणों के साथ साथ इनके कुछ अवगुण भी होते है, जैसे की इनका अभिमानी स्वाभाव, बड़ी जल्दी चिढ़ जाना, किसी को भी कुछ भी बोल देना, दूसरों की भावनाओं की क़द्र ना करना, कटु शब्द बोल देना।
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आर्थिक स्तिथियां
धनु जातक अपने ज्ञान और बुद्धि से अपने कार्यो को बहुत कुशलता से करते है, और अपने ज्ञान के बल पर अच्छी रणनीति से अपने कार्यो को करते है।
धनु जातक अच्छे संपादक, लेखक, प्रकाशक, छपाई कार्यो से जुड़े हुए हो सकते है,
किसी संसथान में अच्छे साहूकार, मैनेजर, व्यवस्थापक, राजनितिक कार्यकर्ता हो सकते है,
जैसा बताया की धनु जातक अच्छे लेखन और प्रकाशक, पुस्तक विक्रेता, के क्षेत्रों से जुड़े हुए भी मिल सकते है।
शिक्षा के क्षेत्रों से जुड़े हुए, अध्यापक, प्रोफेसर, लेखाकार, लिपिक, रजिस्टरार, आदि क्षेत्रों से जुड़े हुए मिलते है।
धनु जातक अच्छे व्यवसाय और नौकरियों से जुड़े हुए मिलते है और जीवन में अच्छा धन भी कमाते है, लेकिन फिर भी वह अपने जीवन में अच्छा धन और संपत्ति नहीं जोड़ पाते, क्योंकि विलासी जीवन जीना और खुला खर्च करना उनका स्वाभाव होता है, यही वजय है की धनु जातक अपना धन गवां बैठते है।
मित्र, प्रेम और वैवाहिक जीवन
धनु जातकों के बहुत से मित्र होते है, मित्रों में वे अच्छे लोकप्रिय होते है, मित्रों में वह अच्छे सलाहकार के रूप में जाने जाते है, और मित्रों की समस्याओं को लेकर हर वक्तः उप्लब्ध रहते है।
धनु जातकों को स्त्रियों से दोस्ती करना अच्छा लगता है, बहुत जल्दी उनकी स्त्रियों से मित्रता हो जाती है, ऐसा उनका आकर्षक व्यक्तित्व, बुद्धिमानी और खूबसूरत मुस्कुराहट की वजय से होता है।
इनका विवाह भी अचानक ही होता है, और इनका वैवाहिक जीवन साधारण बोला जा सकता है। धनु राशि के जातकों के एक से अधिक विवाह भी देखे जा सकते है।
स्वास्थय
धनु राशि के जातक ज्यादातर ब्रोंकाइटिस, साइटिका, टांगो में पक्षाघात, नसों के दर्द से पीड़ित हो सकते है, जिगर रोगों के प्रति भी उन्हें सतर्क रहना चाहिए।
इन्हें नसों के रोगों की बीमारियां हो सकती है, इन्हें अपनी शारीरिक ऊर्जा को बचा कर रखना चाहिए, उम्र के साथ साथ इनका मोटापा बढ़ता जाता है, इसलिए इन्हें अपने जीवन में गरिष्ट या तेल युक्त भोजनों से दूर रहना चाहिए।
अपने जीवन में योग और व्यायाम को नियमित रूप से शामिल रखना चाहिए।
सावधानियां
धनु जातकों को स्नायु, रक्त और जिगर की बीमारियां होने की अधिक संभावनाएं रहती है, जिसका बचाव यह केवल अपने जीवन के रहन सहन, और खानपान में बदलाव करके कर सकते है,
इन्हें शराब, तंबाखू, गुटखे, पान मसालों से दूर रहना चाहिए, मानसिक तनाव से दूर रहना चाहिए, मौसम के अनुसार अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए, और लोगों के प्रति ज्यादा भावुकता से बचना चाहिए।
धनु राशि वालों को कौन सी अंगूठी पहनना चाहिए?
धनु राशि के जातकों के लिए पीला पुखराज रत्न बहुत उनत्तिवर्धक रत्न होता है। धनु जातकों के लिए पुखराज भाग्य वृद्धि के द्वार खोलता है, पारिवारिक सुख समृद्धि लाता है, कारोबार और आर्थिक स्तिथियों को बहुत मजबूत करता है, धन लाभ करवाता है, विद्यार्थियों में ज्ञान की वृद्धि और उच्च शिक्षा करवाता है, विदेश में सेटलमेंट या विदेश यात्रा करवाता है।
पीला पुखराज धनु जातकों के जीवन में बहुत से सुखद बदलाव लाता है। इसलिए धनु जातकों को पीला पुखराज जरूर धारण करना चाहिए। इन्हें पुखराज रत्न को सोने या अष्टधातु की अंगूठी में बनवाकर गुरुवार के दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए।
धनु राशि के लिए भगवान कौन है?
धनु जातकों को भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। भोले बाबा का दूध से अभिषेख करें, नित्य शिव चालीसा पाठ करने से इनके जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है। सुख शांति और उनत्ति आती है।
सोमवार के दिन धनु जातकों को भोलेनाथ के नौमुखी रुद्राक्ष की पूजा करके शिवलिंग का स्पर्श करवाकर जरूर धारण करना चाहिए, इससे उनके जीवन में कभी कष्ट नहीं आएगा।
धनु राशि के लिए कौन से ग्रह शुभ है?
धनु राशि के जातकों के जीवन में मंगल और सूर्य बहुत शुभ ग्रह की भूमिका निभाते है। अगर धनु जातक हनुमान जी के दर्शन करते है, हनुमान चालीसा का पाठ करते है जो उनके जीवन में कभी भी कर्ज नहीं रहता, दुश्मन उन्हें कभी भी नुकसान नहीं पंहुचा पाएंगे, अगर उन पर कोई कोर्ट मुक़दमे है तो उनमें भी विजय प्राप्त होगी।
धनु राशि के जातकों के जीवन में सूर्य उनत्ति और प्रसिद्धि का कारक होता है। उन्हें नित्य सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से उनकी आर्थिक उनत्ति के साथ साथ सामाजिक मान सम्मान और प्रसिद्धि भी बढ़ेगी।
धनु जातकों को इनके शुभ ग्रहों मंगल और सूर्य का रत्न धारण करने से विशेष सफलता की प्राप्ति होती है। इन्हें मंगलवार को तांबे या सोने की अंगूठी में लाल मूंगा और रविवार को तांबे या सोने की अंगूठी में माणिक्य धारण करना चाहिए।
धनु राशि के लिए लकी कलर कौन सा है?
इस राशि के जातकों के लिए पीला, केसरिया और उनसे मिलते जुलते रंग बहुत शुभ होते है। इस रंग के कपडे पहनकर शुभ कार्यो में जाने से उनके सफलता के चान्सेस बहुत अधिक बढ़ जाते है।