मोती रत्न
इस पोस्ट में आप यह जानकारी प्राप्त कर सकते है की, मोती रत्न कौन पहन सकता है और किन कारणों में मोती धारण करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
मोती रत्न कौन पहन सकता है
मोती चन्द्रमा ग्रह का रत्न है, मोती अनेक प्रकार में उपलब्ध होता है, रंग रूप, आकर अनुसार इनमें विभिन्नता होती है, मोती सफ़ेद, गुलाबी, हल्का नीला, काला आदि रंगो में प्राप्त होते है।
मोती रत्न की उत्पत्ति समुन्दर या नदियों की गहराइयो में सीप अंदर होती है, इसके अलावा मोती कृत्रिम रूप से भी उत्पन्न किया जाता है।
अरब और इराक की खाड़ी से प्राप्त होने वाले मोती सर्वश्रेष्ठ माने जाते है, एव इनकी कीमत भी बहुत अधिक होती है।
मोती किसे धारण करना चाहिए
जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में चंद्र की महादशा चल रही हो, और चन्द्र शुभ होकर पाप ग्रहों से प्रभावित हो, उन जातकों को चंद्र का रत्न मोती धारण करना लाभकारी रहता है।
जिन जातकों की जन्म पत्रिका में चंद्र शुभ हो, लेकिन निर्बल अवस्था में हो उन जातकों के लिए भी मोती बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।
जिन व्यक्तियों को गुस्सा बहुत जल्दी, या बहुत गुस्सा आता हो, उन जातकों को भी चंद्र का रत्न मोती लाभ दे सकता है।
अगर किसी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में चंद्र जनित दोष हो, जैसे की कफ, खांसी-जुकाम, घबराहट, बेचैनी और मानसिक बीमारियां, तो उन व्यक्तियों के लिए भी मोती धारण करना लाभकारी होता है।
अगर मानसिक तनाव रहता हो, अनजाना सा डर लगता हो, जोर की आवाज से दिल घबरा जाता हो, निराशा, अनिद्रा हताशा हो तो ऐसे में मोती धारण करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के जातकों के लिए मोती शुभ रहता है।

मोती धारण के नियम
मोती कितने वजन धारण करना चाहिए, यह निर्धारित किया जाता है जातक की ऊंचाई और वजन के अनुसार,
सामान्य तौर पर स्त्रियों और बच्चों को ५ से ६ कैरट का मोती धारण करना चाहिए, और पुरुषों को ७ कैरट या उससे ऊपर का ही मोती धारण करना श्रेष्ठ रहता है।
हाथ मोती का ब्रासलेट भी धारण किया जा सकता है, इसके आलावा मोतियों की माला भी धारण की जा सकती है, स्त्रियों के लिए तो मोती की माला सुंदरता के साथ साथ चंद्र के लाभ भी प्रदान करती। है
कलात्मक अभिरुचि वाले व्यक्तियों, साहित्यकारों, कलाकारों, संगीतकारों के लिए मोती एक बहुत ही शुभ रत्न है, क्योंकि इन क्षेत्रों का कारक चन्द्र ही है,
इसलिए इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मोती निपुणता और प्रसिद्धि देता है।
जब भी मोती धारण करें, इस बात का विशेष ख्याल रखें, की मोती हमेशा उत्तम दर्जे का और सच्चा ही होना चाहिए।
मोती हमेशा चांदी की अंगूठी में ही धारण करे, शुभ मुहूर्त में, पूजा, मन्त्र जप करने के बाद ही मोती धारण करें।
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