लाजवर्त रत्न| दुर्घटना,धन हानि,बुरी नजर से बचाए लाजवर्त

लाजवर्त रत्न के चमत्कार

क्या आपको “लाजवर्त रत्न” के चमत्कारों के विषय में जानकारी है, नहीं ! तो आइये आज इसी रत्न विशेषताओं के बारे में जानते है।

जैसा की सब जानते है, हमारे जीवन में ग्रहों का कितना प्रभाव है, ये ग्रह ही है, जो हमारे जीवन में सुख दुःख के कारण बनते है।
लेकिन, हमारे ऋषियों ने ग्रहों के प्रभावों के साथ साथ अपने पुराणों में यह भी वर्णन किया है की कैसे हम इन ग्रहों के प्रभावों से बच सकते है।

कैसा दिखता है लाजवर्त रत्न

इस चमत्कारी रत्न के बारे में जानकर आप भी अचंभित हो जायेंगे, अंग्रेजी में lapis lazuli बोले जाना वाला यह रत्न दिखने में एक साधारण सा रत्न दिखता है, यह अपारदर्शक होता है, गहरे नीले रंग का होता है, और इस पर सोने के छींटे पाए जाते है और कुछ हलकी नीली रंग की धारियां रहती है।

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ज्योतिष शास्त्र में प्रमुख रूप से 9 ग्रहों वर्णन है, और इन 9 ग्रहों के 9 रत्नों का वर्णन है, जैसे:-

  • बुध के लिए पन्ना
  • शुक्र के लिए हीरा
  • चंद्र के लिए मोती
  • बृहस्पति के लिए पुखराज
  • सूर्य के लिए माणिक्य
  • मंगल के लिए लाल मूंगा
  • केतु के लिए लहसुनियां
  • शनि के लिए नीलम
  • राहु के लिए गोमेद

और ८४ प्रकार के उपरत्नों का वर्णन मिलता है।

व्यक्ति अपनी जन्म पत्रिका में, ग्रहों की इन्हीं स्तिथियों अनुसार ९ रत्नों और उपरत्नों को धारण कर पीड़ा से मुक्ति पाता है और लाभ प्राप्त करता है।

आज हम बात करेंगे, इन्हीं उपरत्नों में से एक चमत्कारी रत्न लाजवर्त (lapis lazuli) की।

लाजवर्त रत्न की खासियत

लाजवर्त रत्न एक बहुत ही शुभ रत्न है, यह रत्न धारणकर्ता के जीवन में खुशियां लाता है, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में उनत्ति और बरकत आती है, उसके कष्ट और परेशानियां दूर होती है, उसपर आने वाले बुरे प्रभाव ख़त्म होते है और धारणकर्ता को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है,

लाजवर्त को एक शुभ रत्न का दर्जा प्राप्त है, इस रत्न को कोई भी व्यक्ति, बच्चा, स्त्री या बुजुर्ग धारण कर सकता है, यह रत्न चमत्त्कारी रूप से हर व्यक्ति को केवल लाभ ही देता है,
यह रत्न कभी भी बुरे प्रभाव नहीं देता, यह रत्न आपके चारों ओर सकारात्मक उर्ज़ा घेरा बनाये रखता है,
धारण करने वाले व्यक्ति को इस रत्न का बहुत सम्मान करना चाहिए, और कभी कभी शनिवार को इस रत्न की पूजा करने से तो इसके अत्यंत चमत्कारी प्रभाव देखने को मिल सकते है, इस रत्न में दैविये शक्ति का वास माना गया है और इस रत्न में शनि देव के प्रभाव भी विद्यमान रहते है।

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Lapis Lazuli

लाजवर्त को अंग्रेजी में Lapis Lazuli बोला जाता है, लाजवर्त अपनेआप में एक लाभकारी और चमत्कारी रत्न तो है ही साथ ही इस रत्न को नीलम के उपरत्न की जगह भी धारण करवाया जाता है,
ज्योतिषशास्त्र में लाजवर्त को अकासगंगा में टिमटिमाते सितारों के समान कहा गया है और इसे देखने से ऐसा प्रतीत भी होता है,

लाजवर्त गहरे नीले और हल्के नीले रंग में प्राप्त होता है, इसके ऊपर स्टील की तरह दिखनेवाले धब्बें या सुनहरे धब्बें होते है जिन्हें पाइराइट कहा जाता है।

लाजवर्त प्राचीन समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है, भारतीय प्राचीन संस्कृति और सिंधु घाटी की सभ्यता से ऐसे निशान मिले है जिनसे पता लगा की लाजवर्त का इस्तेमाल उस समय से चला आ रहा है और आज तक इसका उपयोग आभूषणों, रत्नों और मूर्तियों के रूप में होता चला आ रहा है, इस रत्न का बहुत सम्मान किया जाता रहा है।

लाजवर्त में समाई शक्तियों और चमत्कारी प्रभावों की वजय से ही इस रत्न को इतना सम्मान मिला और ज्योतिष शास्त्र में इसे विशेष स्थान प्राप्त हुआ।

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लाजवर्त रत्न के प्राप्ति स्थान

Lapis lazuli विश्व के बहुत से देशों में प्राप्त होता है, अच्छे लाजवर्त कैलिफ़ोर्निया, अफ़गा़निस्तान, साइबेरिया और म्यांमार से प्राप्त होते है।

लाजवर्त किसका जन्मरत्न है

लाजवर्त को फरवरी माह में जन्में व्यक्तियों का बर्थस्टोन माना जाता है, जिन व्यक्तियों का जन्म फरवरी महीने में हुआ हो उन व्यक्तियों को लाजवर्त धारण करने से विशेष लाभ होता है,
Lapis lazuli फरवरी माह में जन्में व्यक्तियों के भाग्य में विशेष उनत्ति करता है और उनके जीवन को सुरक्षित रखता है, जिन व्यक्तियों का जन्म फरवरी के महीने में हुआ हो उन व्यक्तियों को Lapis lazuli जरूर धारण करना चाहिए।

लाजवर्त रत्न के गुण

लाजवर्त रत्न में बहुत से गुण पाए जाते है, लाजवर्त रत्न में अद्भुत शक्तियां रहती है, यह रत्न ग्रहों के अशुभ प्रभावों को ख़त्म करता है, जातक के जीवन से नीरसता को ख़त्म करता है, शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है, नकारात्मक ऊर्जाओं को पास नहीं आने देता, व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा का संचार करता है, मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाता है, बुरी ऊर्जाओं, शक्तियों, बुरी नजर, भूत-प्रेत बाधा, जादू-टोने, किये कराये को पास नहीं आने देता।

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Lapis lajuli कौन धारण कर सकता है

लाजवर्त एक ऐसा रत्न है जिसे कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है, इस रत्न को धारण करने के लिए कुंडली की दशा देखने की जरुरत नहीं होती, यह रत्न हर धारणकर्ता को लाभ ही देता है,
इस रत्न में देवी देवताओं का वास और आशीर्वाद समाया है, हर वह व्यक्ति जो अपने जीवन में किसी परेशानी से गुजर रहा हो वह इस रत्न को धारण कर सकता है, उसे शांति और लाभ की प्राप्ति होगी,

Lapis lazuli को धारण करने से कारोबार से परेशान व्यक्तियों के कारोबार में बढ़ोतरी होने लगती है, नौकरी में उनत्ति होती है, आर्थिक स्तिथियां अच्छी होने लगती है, व्यक्ति का मनोबल बढ़ने लगता है, मानसिक सुख-शांति प्राप्त होती है, रुके हुए कार्य पूरे होते है,
पारिवारिक खुशियां बढ़ती है, अगर रिश्तों में चाहे वह पति-पत्नी के हो या प्रेमी-प्रेमिका के अगर उनमें मतभेद चल रहे हो तो वह मधुर होने लगते है, संबंधो में मिठास आ जाती है,

यह रत्न उन व्यक्तियों और बच्चों के लिए बहुत लाभकारी रहता है जिन्हें नजर बहुत जल्दी लग जाती है या जो किसी किये कराये से परेशान है, कारोबार या दुकान को नजरदोष है और काम नहीं चलता, ऐसे व्यक्तियों और बच्चों को लाजवर्त का लॉकेट अपने गले में धारण करना चाहिए, सभी बुरे प्रभाव ख़त्म होते है और शरीक को सुरक्षा मिलती है।
पढ़ने वाले बच्चों का अगर पढ़ाई में मन नहीं लगता हो तो यह रत्न विद्यार्थी को पढ़ने में एकाग्रता प्रदान करता है और उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास करता है।

जो व्यक्ति अपने करियर की शुरुआत कर रहे है या करियर बना रहे है, उन व्यक्तियों को भी लाजवर्त जरूर धारण करना चाहिए, लाजवर्त धारण करने से उनके करियर में आ रही रुकावटें या जान-पहचान और रिश्तेदारों की नकारात्मक उर्जाए ख़त्म होती है, करियर में सफलता मिलती है।

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कैसा दिखता है, लाजवर्त
कैसा दिखता है, लाजवर्त

लाजवर्त रत्न की विशेषता

एक रत्न और अनेक खूबियां, इस रत्न को विशेष बनाती है। यह रत्न इतना प्रभावशाली है की, इसमें एक साथ तीन ग्रहों शनि, राहु और केतु की पीड़ा शांत करने की शक्ति है।

अगर किसी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में शनि, राहु और केतु एक साथ पीड़ित है, तो ऐसे में अगर लाजवर्त धारण किया जाए, तो इन तीनों ग्रहों की पीड़ा शांत होती है।
ऐसी दशा में लाजवर्त एक चमत्कारिक रत्न का कार्य करता है, और धारणकर्ता को बहुत सी परेशानियों से मुक्त करता है और शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव शांत होते है।

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Lapis lajuli धारण करने के अन्य लाभ

  • जन्म कुंडली में एकसाथ तीन ग्रहों राहु, केतु और शनि के बुरे प्रभाव हो तो लाजवर्त रत्न धारण करना चाहिए।
  • अगर कोई व्यक्ति बार बार दुर्घटना का शिकार होता है, तो उसे लाजवर्त रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
  • अगर किसी को अचानक आर्थिक नुकसानों का सामना करना पड़े, तो लाजवर्त रत्न धारण करने से बचाव होता है।
  • अगर घर में धन की कमी होने लग जाये और अचानक धन निकलना शुरू हो जाये, तो लाजवर्त रत्न धारण करने से लाभ होता है।
  • व्यक्ति का स्वास्थ्य गिरना शुरू जाये तो भी लाजवर्त धारण करना लाभकारी रहता है।
  • मन की बेचैनी और मानसिक रोग और परेशनियों में भी लाजवर्त रत्न के चमत्कारिक लाभ मिलते है।
  • अगर जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष बनता है, तो इस दोष के लिए यह रत्न बहुत लाभकारी रहता है।
  • अगर किसी को बहुत जल्दी नजर लग जाती है, तो उस व्यक्ति को आवश्यक रूप से लाजवर्त धारण करना चाहिए।
  • किसी पर जादू टोना कर दिया गया है, तो ऐसे में लाजवर्त रत्न धारण करने से जादू टोना का असर कम होने लगता है।
  • अगर किसी के आस पास नकारत्मक ऊर्जाओं का प्रभाव रहता है, तो लाजवर्त रत्न धारण से नकारत्मक उर्जाये तुरंत ख़त्म होती है।
  • घर के पश्चिम में अगर लाजवर्त का पेंडुलम लटकाया जाए, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता, और घर में बरकत रहती है।
  • अगर लाजवर्त रत्न का गले में लॉकेट धारण किया जाये, तो यह हृदय को मजबूती देता है, दिल की घबराहट को दूर करता है।

लाजवर्त रत्न धारण विधि

लाजवर्त रत्न की अंगूठी या लॉकेट चांदी की अंगूठी में बनवाए, इस अंगूठी को अपने बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें,
धारण करने से पहले शनिवार के दिन अंगूठी को गंगाजल से शुद्ध करके पूजा स्थान में रखें और 1100 बार शनि मन्त्र”ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:” का जाप अनिवार्य से करें, उसके बाद शनिवार की संध्या शनि मंदिर जाए, अंगूठी को शनिदेव के चरणों में स्पर्श करें अपनी मनोकामना मांगे और धारण करें।

लाजवर्द,Lapis Lazuli रत्न धारण करने के लाभ और जानकारी

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