शनि का रत्न नीलम और नीलम पहनने से फायदे और नुकसान
ज्योतिष शास्त्र में रत्न धारण का ऐसा विधान है की, जब कोई ग्रह जन्मपत्रिका में कमजोर है, पीड़ित है, पाप ग्रहों के संपर्क से दूषित है, अस्त है, तो ऐसे में वह ग्रह शुभ प्रभाव देने लायक नहीं रहता है, उलटे कमजोर होकर परेशानियां देने लग जाता है, जैसे धन हानि, आर्थिक परेशानियां, मानसिक अस्वस्थता, सामाजिक अपमानता आदि,
ऐसे में इन्हीं ग्रहों के सकारात्मक प्रभावों को प्राप्त करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में रत्न धारण का विधान है, इन्हीं ग्रहों में से एक ग्रह शनि भी है, जिसका रत्न “नीलम” है, आज हम इसी “नीलम रत्न” के बारे में बात करेंगे और जानेंगे, नीलम पहनने से फायदे और नुकसान
नीलम रत्न!
शनि के इस रत्न का नाम सुनते ही सभी के मन में एक भय उत्पन्न हो जाता है।
इन्हीं शनि ग्रह का रत्न है “नीलम”, शनि देव का रत्न नीलम कोई भी बगैर सोचे समझे धारण नहीं कर सकता,
अगर नीलम किसी को फल जाये तो वह व्यक्ति सुख-संपदा और ऐश्वर्य से परिपूर्ण होने में वक्तः नहीं लगाता, इसी के विपरीत प्रतिकूल होने पर दरिद्र बनाने में भी समय नहीं लगाता।
लेकिन, शनि के रत्न नीलम से डरने की जरुरत नहीं है, नीलाम भी अन्य सभी नवरत्नों की तरह ही है, ऐसा नहीं है की नीलम केवल नुकसान देने वाला रत्न ही है।
Read Also : रत्नों सम्बंधित जानकारियां
जिस तरह कोई भी रत्न बगैर जन्म पत्रिका के विश्लेषण या किसी ज्योतिष के परामर्श के बगैर धारण किया जाए तो वह नुकसानकारी हो सकता है,
उसी प्रकार अगर नीलम रत्न किसी जातक की जन्म पत्रिका में योगकारक है, तो उस व्यक्ति को नीलम धारण करना बहुत शुभ रहेगा। ऐसे जातकों को नीलम धारण करके लाभ उठाना चाहिए।
इसके आलावा अगर किसी व्यक्ति की जन्म राशि पर साढ़े साती या ढैया चल रही है, तो ऐसे जातकों को भी नीलम धारण करने से लाभ मिलता है।
नीलम हलके नीले और गहरे नीले दोनों रंगों में आता है, ऐसे में किस रंग का नीलम धारण करना है, यह निर्णय ज्योतिष व्यक्ति की जन्म पत्रिका में शनि की स्थिति देखकर करता है।
नीलम एक ऐसा रत्न है, जो शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है, और शनि ग्रह अपने गुस्से और टेढ़ी दृष्टि की वजय से विख्यात है ही, इसीलिए उनके रत्न नीलम में भी धारण करते ही तुरंत बुरे प्रभाव देने की क्षमता है,
यही कारण है की नीलम कभी भी शौक़िया या किसी ज्योतिष के परामर्श के बगैर कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।
Read also: Gemstones and zodiac signs
नीलम धारण करने के फायदे
1. अगर किसी जातक की जन्म पत्रिका में शनि कमजोर है, तो ऐसे व्यक्तियों को नीलम बहुत जल्दी लाभ देने लगता है।
2. अगर नीलम धारण करने के बाद व्यक्ति को किसी भी प्रकार का बुरा सपना नहीं आता, कोई अशुभ घटना घटित नहीं होती और न ही किसी तरह की दुर्घटना होती है, तो समझ लेना चाहिए, की नीलम रत्न उसके लिए अनुकूल है।
3. लग्न अनुसार, मेष, वृष, मिथुन, तुला, कुम्भ, मकर लग्न के जातकों को नीलम धारण करना लाभदायक होता है।
4. मेष और वृश्चिक लग्न के जातकों को अपनी जन्म पत्रिका में शनि की स्थिति देखकर नीलम धारण करना चाहिए।
5. जिन व्यक्तियों को नीलम अनुकूल बैठता है, उनकी नीलम धारण करने के बाद निरंतर उनत्ति और तरक्की होने लगती है, उन्हें शुभ लाभ प्राप्त होने लगते है।
6. आर्थिक उनत्ति बड़ी तेजी से बढ़ने लगती है, और व्यवसाय और नौकरी में निरंतर उनत्ति होती जाती है।
7. अगर स्वास्थ्य ख़राब है, तो स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है, और व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत होने लगता है।
8. व्यक्ति मानसिक रूप से भी मजबूत होने लगता है, और किसी भी परेशनी सामना बड़ी मजबूती, बुद्धिमानी और साहस से कर लेता है।
9. वृष और तुला लग्न के जातकों के लिए नीलम रत्न विशेष रूप से अत्यंत लाभकारी रहता है, एक तरह से नीलम उनके लिए राजयोग देने वाला रत्न होता है।
10. जो व्यक्ति गठिया, वात, आर्थ्राइटिस, कमर दर्द, जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे है, उन व्यक्तियों को नीलम धारण करने से लाभ होता है।
Read also: ब्लॉगिंग में अपना करियर कैसे बनाये
नीलम धारण करने के नुकसान
1. नीलम अपना असर धारण करते ही दिखाता है, अगर नीलम धारण करने के बाद बेचैनी होने लगती है, मानसिक संतुलन खोने लगता है, कोई दुर्घटना घटित हो जाती है, समझ जाना चाहिए की नीलम अनुकूल नहीं है।
2. अगर शारीरिक परेशानियां बढ़ने लगती है, आँखों में धुंधलापन होने लगता है, तो समझ लेना चाहिए की नीलन सूट नहीं किया।
3. अचानक बड़ा आर्थिक नुकसान हो जाये, धन की परेशानी शुरू हो जाये, घर में बरकत कम होने लगे, और शनिवार को बुरे समाचार मिलने लगे, समझ ले की नीलम शुभ नहीं बैठा।
4. अगर रात को सोते समय भयानक और डरावने सपने आने लगे, सोते समय कान में कोई आवाज आये, तो नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
नीलम धारण करने का तरीका
1. नीलम कभी भी धारण करने से पहले अपनी जन्म पत्रिका का विश्लेषण करवा लेना चाहिए, किसी योग्य ज्योतिषचार्य से परामर्श के बाद ही नीलम धारण करे
2. नीलम को चांदी की मुद्रिका या लॉकेट में ही जड़वाना चाहिए
3. नीलम धारण करने के एक दिन पहले नीलम की मुद्रिका (अंगुठी) को गंगा जल में डुबोकर रख देना चाहिए, सुबह विधि विधान से पूजा करके धारण करना चाहिए
4. नीलम शनिवार को शुभ समय देखकर, संध्या के समय धारण करना चाहिए
5. नीलम की मुद्रिका को पूर्ण विधि से पूजा करके, शनि मंत्रो का जाप (108 बार)करने के बाद ही धारण करना चाहिए
6. नीलम की मुद्रिका की मध्यमा ऊँगली में शनिवार के दिन धारण किया जाता है
शनि मन्त्र – ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।