यंत्र कितने प्रकार के होते हैं, यंत्र के प्रकार, यंत्र बनाने की विधि

यंत्र के प्रकार

यंत्र, यंत्र के प्रकार और यंत्रो का चलन और यंत्रो द्वारा समस्याओं से निजाद पाने का चलन पुरातनकाल से चला आ रहा है। सदियों से यंत्र घरो, दुकानों और ताबीज के रूप में देखने को मिलते रहते है। यंत्रो द्वारा परेशनियों से मुक्ति पाने का चलन लम्बे युग से चला आ रहा है।

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जिन व्यक्तियों का यंत्रो पर विश्वास और श्रद्दा होती है, वे लोग इन यंत्रो का लाभ उठाते है, अपनी समस्याओं को दूर करते है, और अपने आत्मविश्वास की बढ़ोत्तरी करते है।

यंत्रो और मंत्रो की शक्ति अंतर्निहित होती है, मंत्रो द्वारा अपनी समस्याओं का समाधान करना हर व्यक्ति के बस की बात नहीं होती है, क्योंकि हर व्यक्ति वेदपाठी नहीं हो सकता, और मंत्रो का सही उच्चारण करना भी हर किसी के बस की बात नहीं है,
यही कारण है, की यंत्रो की उत्पत्ति हुई, यंत्रो पर भी मन्त्र ही रेखांकित किये जाते है। इसलिए यंत्रो को भी पूजा स्थलों, दुकानों, मकानों और ताबीजों में धारण कर मनवांछित फलों की प्राप्ति की जा सकती है।

यंत्रो की नियमित पूजा करने से सभी सुखों की प्राप्ति की जा सकती है, सफलता प्राप्त होती है, समस्याओं का निवारण किया जा सकता है।

सोने, चांदी, तांबे, अष्टधातु, पर अंकित यंत्रो की पूजा करना अति शुभ होता है। यंत्रो की पूजा और धारण से सभी आकांक्षाए, अभिलाषाएं, सफल होती है।

हमारे महान ऋषियों ने अलग अलग उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अलग अलग यंत्रो की स्थापना की है और पूजा द्वारा उसका महत्व बताया है।

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कुछ महत्वपूर्ण यंत्र, जैसे की :-

श्रीयंत्र – यह माता लक्ष्मी का यंत्र है, इस यंत्र का उपयोग धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

श्री महालक्ष्मी यंत्र – माता लक्ष्मी के इस यंत्र यंत्र की पूजा करने से व्यक्ति धन धान्य से परिपूर्ण हो जाता है।

श्री महामृत्युंजय यंत्र – इस यंत्र की पूजा करने से स्वास्थ्य से सम्बंधित सभी कष्ट दूर होते है, लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।

श्री दुर्गा यंत्र – इस यंत्र की पूजा करने से बुरे से बुरे कष्ट दूर होते है, यह कष्ट निवारण यंत्र है।

श्री बीसा यंत्र – भूत- प्रेत बाधा निवारण यंत्र एव सभी प्रकार के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

श्री मंगल यंत्र – शादी विवाह सम्बंधित रुकावटों और विघ्नो को दूर करने के लिए यंत्र, और पुत्र प्राप्ति के लिए यंत्र

श्री बगलामुखी यंत्र – मुकदमों पर विजय प्राप्ति के लिए यंत्र, कार्य सिद्धि के लिए यंत्र, शत्रुओं नाश करने के लिए यंत्र

श्री कुबेर यंत्र – धन प्राप्ति और धनकुबेर बनने के लिए यंत्र

श्री गणेश यंत्र – रिद्धि सिद्धि के लिए यंत्र

श्री सरस्वती यंत्र – विध्या में सफलता प्राप्ति के लिए यंत्र, बुद्धि की प्राप्ति के लिए यंत्र

यंत्रो को सिद्ध एव प्राण प्रतिष्ठित करने की विधि

किसी भी शुभ दिन या दीपावली, महाशिवरात्रि, होली, आदि विशेष दिन पर, सूर्योदय के बाद, स्नान करके कम्बल या कोई ऊनी आसान ले ले, और पूजा स्थल पर उस आसान पर बैठकर अपनी पूर्ण आस्था के साथ अपने गुरु या इष्ट देव का स्मरण करे,

उसके बाद यंत्र का पंचामृत से स्नान करें, पंचामृत स्नान के बाद पुन: दूध और फिर गंगाजल से स्नान करवाए, उसके बाद किसी स्वच्छ वस्त्र से पोंछ ले, और पूजा स्थान पर स्थापित कर दे,

और धूप-दीप, अगरबत्ती फूल, इत्र, रोली, तथा अक्षत(चावल) से पूजा करे,

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इसके बाद अपने इष्ट देव या गुरु का स्मरण करते हुए, अपने गुरु मन्त्र, या आप जो मन्त्र करते है, या जिस देवी- देवता का यंत्र है, उसके मन्त्र का १०८ बार जाप करें।
उसके बाद यंत्र पर अष्टगंध या चन्दन अर्पित करे।

ततपश्चात् यंत्र पर चन्दन से ॐ या फिर स्वस्तिक बनाये,

इस प्रकार आप स्वयः भी यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कर सकते है, और नित्य यंत्र की धूप, दीप, अगरबत्ती द्वारा पूजा अर्चना करे।

No.समस्त प्रकार के यंत्र
1.श्री यंत्र
2.महालक्ष्मी यंत्र
3.गणेश यंत्र
4.विष्णु यंत्र
5.कनकधारा यंत्र
6.राम रक्षा यंत्र
7.बीसा यंत्र
8.दुर्गा अंबाजी यंत्र
9.हनुमान यंत्र
10.सुख समृद्धि यंत्र
11.संतान प्राप्ति यंत्र
12.बगलामुखी यंत्र
13.त्रिपुर भैरवी यंत्र
14.कुबेर यंत्र
15.महामृत्युंजय यंत्र
16.धनदा यंत्र
17.वशीकरण यंत्र
18.नव दुर्गा यंत्र
19.सरस्वती यंत्र
20.नवग्रह यंत्र
21.घंटाकरण यंत्र
22.चरण पादुका यंत्र
23.व्यापार वृद्धि यंत्र
24.वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र
25.चामुंडा यंत्र
26.महाकाली यंत्र
27.शुभ लाभ यंत्र
कार्य सिद्धि यंत्र
No.नवग्रह यंत्र
1.ग्रह पीड़ा निवारण यंत्र
2.सूर्य यंत्र
3.चंद्र यंत्र
4.मंगल यंत्र
5.बुध यंत्र
6.बृहस्पति यंत्र
7.शुक्र यंत्र
8.शनि यंत्र
9.राहु यंत्र
10.केतु यंत्र

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