रत्नों का राजा है हीरा, जानें कब और किसे धारण करना चाहिए ये अनमोल रत्न
हीरा
“हीरा” जिसे अंग्रेजी में “Diamond” बोला जाता है, “रत्नों का राजा है हीरा“।
हीरे के मुख्य उपरत्न ओपल और जिरकॉन होते है, जो की हीरे के स्थान पर धारण किये जाते है, और इनसे हीरे सभी लाभ प्राप्त किये जा सकते। है
हीरे के प्रभाव
हीरा इतना प्रभाव रखता है की, इस रत्न को धारण करने वाला व्यक्ति ऐश्वर्या की प्राप्ति करता है, व्यक्ति के सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है, सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, और व्यक्ति का सौंदर्य बढ़ता है।
शुक्र के रत्न हीरे में इतना प्रभाव होता है की, इस रत्न के धारणकर्ता पर किसी भी प्रकार के जादू ,टोना, तंत्र, मंत्र, बुरी नजर का प्रभाव नहीं पड़ता।

हीरा धारण करने में सावधानी
लेकिन, हीरा इतना लाभकारी और चमत्कारी रत्न होने के बावजूद भी अपने बुरे असर देने के लिए प्रसिद्ध है, इसलिये कभी भी हीरा धारण करने से पहले किसी ज्योतिष से सलाह आवश्य लेनी चाहिए।
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हीरा धारण करने के लाभ
नवरत्नों में हीरा सबसे मूलयवान नवरत्न है, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हीरा एक बहुउपयोगी रत्न है, लेकिन हीरा बहुत मूलयवान होने की वजय से हर व्यक्ति इसे धारण करने में समर्थ नहीं होता।
लेकिन, फिर भी हीरा धारण करना इतना लाभदायक है की, इसे धारण करने का प्रयास करना चाहिए।
अगर स्त्रियां हीरा धारण करती है, तो यह उनमें सौंदर्य, कांति और यौन क्षमता बढ़ाता है, वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में खुशियाँ लाता है, और पति पत्नी में प्रेम और लगाव को बढ़ाये रखता है,
यही नहीं, अगर कोई गर्भवती स्त्री हीरा धारण करती है, तो गर्भधारण के समय यह बहुत लाभकारी रहता है।
हीरा एक मूलयवान रत्न है, अगर कोई व्यक्ति इसके मूलयवान होने की वजय से हीरा धारण करने में असमर्थ है, तो ऐसे व्यक्ति हीरे के स्थान पर सफ़ेद जिरकॉन धारण कर सकते है।
अगर स्त्रियाँ हीरे को नाक, कान, में हाथों में आभूषणों के रूप में इस्तेमाल करती है, तो यह उनके लिए सर्वाधिक लाभकारी होता है।
अगर पति पत्नी में किसी तरह मतभेद चल रहा है, वैवाहिक जीवन में कष्ट है, स्थिति में दोनों का हीरा धारण करने से मतभेद समाप्त होते है और वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
ऐसे व्यक्ति जिनकी जन्मपत्रिका में शुक्र एक योगकारक ग्रह है, ऐसे जातकों के लिए हीरा धारण करना सर्वाधिक लाभकारी रहता है।
धनु व मीन राशि और धनु व मीन लग्न वाले जातकों को हीरा धारण करना अनुकूल नहीं होता है।
वैवाहिक जीवन में सुखों के साथ साथ हीरा व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाता है,सुख समृद्धि प्रदान करता है।

कितने वजन का हीरा धारण करे
हीरा एक बहुत मूलयवान रत्न होने की वजय से अधिक वजन का, यहाँ तक की १ कैरट वजन का धारण करना भी मुश्किल होता है, इसलिए जब भी हीरा धारण करें, तो यह कम से कम 40 cents का तो होना ही चाहिए, तभी यह अपने लाभ देने में समर्थ रहेगा।
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हीरा के उपरत्न
अगर कोई व्यक्ति हीरा धारण करने में समर्थ नहीं है, तो हीरे के उपरत्न भी धारण करते हुए शुक्र के लाभ प्राप्त किये जा सकते है, जैसे की सफ़ेद जिरकॉन और ओपल।
सफ़ेद जिरकॉन रत्न धारण करना सबसे श्रेष्ट रहेगा, जो की ४०० से ७०० रूपए प्रति कैरट तक प्राप्त हो जाता है।

आयुर्वेद में हीरे के लाभ
शुक्र ग्रह का हीरा एक बहुत ही लाभकारी रत्नों में से एक है, आयुर्वेद में भी हीरे की मुतेंद्रिये रोगों, नेत्र रोगों, रति जन्य विकारों, चर्म रोगों में बहुत लाभदायक रत्न माना गया है।
स्त्रियों के लिए यह रत्न गर्व क्षमता को बढ़ाने वाला माना गया है, स्त्रियों को सौन्दर्य प्रदान करता है और उनमें यौन क्षमता में वृद्धि करता है।
पुरुषों में भी हीरा पौरुष शक्ति की वृद्धि करता है, कांति व सौंदर्य और सामाजिक मान प्रतिष्ठा की वृद्धि करता है।
हीरा किन्हें धारण करना चाहिए
फिल्मों, TV जगत, कला क्षेत्रों, गीत- संगीत, पेंटिंग जैसे क्षेत्रों से सम्बंधित लोगों को हीरा धारण करना बहुत शुभ रहता है।
दांपत्य और वैवाहिक जीवन की खुशियों लिए, पति पत्नी में शारीरिक सुखों के लिए हीरा धारण करना बहुत सुखकारी होता है।
जो व्यक्ति भूत-प्रेत बाधा, टोने-टोटके से ग्रसित है, उन्हें हीरा जरूर धारण करना चाहिए।
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जिन जातकों जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह वक्री, नीच स्थित, या पाप ग्रह के साथ हो, उन्हें हीरा आवश्य धारण करना चाहिए।
जो व्यक्ति सामाजिक तौर पर कार्य करते है, बहुत लोगों से मिलना जुलना रहता है, ऐसे व्यक्तियों को हीरा जरूर धारण करना चाहिए।