जिस प्रकार मीन राशि होती है उसी प्रकार “मीन लग्न” भी होता है। जब किसी व्यक्ति का मीन लग्न होता है तो उसकी कुंडली के प्रथम भाव में 12 नंबर अंकित होता है। जिसका मतलब मीन लग्न होता है। मीन लग्न का चिन्ह दो मछलियों का होता है। किसी भी जातक के जीवन में लग्न का विशेष महत्त्व होता है, लग्न और उसका स्वामी जातक के पुरे जीवन को कंट्रोल करता है, तो आइये आज के इस लेख में मीन लग्न के जातक के बारे में जानकारी प्राप्त करते है।
शारीरिक गठन एवं व्यक्तित्व
मीन लग्न के जातक दिखने में खूबसूरत होते हैं। उनका शरीर भरा हुआ और नपा तुला होता है। उनकी आँखे मत्स्यरूप होती है। उठी हुई नाक,खूबसूरत मुस्कराहट होती है। साधारण कद काठी के या फिर लंबे भी होते हैं। मीन lagn के जातकों का चेहरा बड़ा होता है, गोल होता है और उनका मस्तिष्क भी बड़ा होता है। गठे हुए बदन के होते हैं और उनका रंग कुछ श्वेत पीत वर्ण का होता है। दिखने में काफी आकर्षक होते हैं। उनकी आंखें बड़ी-बड़ी और आकर्षक होती है। सिर नरम मुलायम बाल होते हैं। दिखने में सुंदर नैन नक्श वाले होते हैं और उनका व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली होता है ,दूसरों को आकर्षित करने वाला होता है और उनमें एक चुंबकीय आकर्षण रहता है।
चारित्रिक विशेषतायें
मीन लग्न के जातक ईश्वर के भक्तः होते है ,परमात्मा को मानाने वाले , समाज के साथ मिलकर चलने वाले, बातचीत करने में अनुभवी, सिद्धहस्त और बुद्धिमान होते हैं। धर्म कर्म के कार्यो में आगे रहने वाले और भगवान से डरते हैं । इसलिए किसी को परेशान करने से डरते है । कोमल हृदय के होने की वजय से सभी से सहानभूति रखते है। अगर किसी पर कोई उपकार करे तो अहसान नहीं जताते है।
मीन लग्न के जातक व्यक्ति भक्तः होते है ,परमात्मा को मानाने वाले , समाज के साथ मिलकर चलने वाले, बातचीत करने में अनुभवी, सिद्धहस्त और बुद्धिमान होते हैं। धर्म कर्म के कार्यो में आगे रहने वाले और भगवान से डरते हैं । इसलिए किसी को परेशान करने से डरते है । कोमल हृदय के होने की वजय से सभी से सहानभूति रखते है। अगर किसी पर कोई उपकार करे तो अहसान नहीं जताते है।
मीन लग्न के जातकों में भावुकता बहुत होती है, बड़ी जल्द ही भावुक हो जाते है। किसी का भला करने में अपने नुकसान की परवाह भी नहीं करते।
मीन लग्न के जातकों में किसी भी परिस्थितियों में अपने आपको उसी के अनुरूप ढाल लेने की क्षमता होती है। मीन lagn के जातक बुद्धिमान तो होते ही हैं, साथ ही उनकी स्मरण शक्ति भी बहुत तेज होती है। किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वे विचलित नहीं होते हैं और अपने आप को उसी के अनुकूल बना लेते हैं।
मीन लग्न के जातक बहुत कल्पनाशील होते हैं, उनमें किसी भी कार्य को लेकर प्रबंधन शक्ति बहुत अच्छी होती है। वह अपने कार्यों को बड़ी ही सक्रियता के साथ करते हैं और अपने कार्यों को विकास की ओर ले जाते हैं।
मीन लग्न के जातक स्वभाव से काफी मिलनसार होते है और हंसते रहते हैं। खुशदिल , सामाजिक , परोपकारी, साधारण एवं कृपालु स्वभाव, धर्म के प्रति निष्ठावान , सेवा करने वाले , उपदेशात्मक, जनता के उपकार एवं मदद के लिए हमेशा आगे रहते है।
सहनशील, उदार , स्वाभिमानी, कई बार गुप्त, गोपनीय, रहस्यमय स्वाभाव के भी होते है।
मीन लग्न के जातक हस्तशिल्प, साहित्यक रचना, लेख , गीत संगीत ,भक्तिमान, ज्योतिषशास्त्र एवं योग आदि में काफी रूचि रखते है।
मीन लग्न का द्विस्वभाव होने की वजह से मीन लग्न के जातक अपनी बातों को ठीक तरह से व्यक्त नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से मीन लग्न के जातकों की बातों को और उनको समझना बड़ा मुश्किल हो जाता है और इसी वजह से कई बार ऐसा भी होता है कि लोग उनके ऊपर संदेह करने लग जाते हैं, कि वह उन्हें गुमराह तो नहीं कर रहे है।
यदि किसी मीन लग्न के जातक की कुंडली में चंद्र और बृहस्पति दोनों शुभ अवस्था में हो या दोनों का योग हो या किसी भी तरह से इन दोनों का संबंध कुंडली में बनता हो, तो ऐसे में मीन लग्न के जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। दूसरों पर अधिकार जमाने वाले होते हैं। किसी भी विषय को लेकर तर्क वितर्क करने में बहुत कुशल होते हैं। बहुत ही मिलनसार होते हैं और व्यवहार कुशल होते हैं।
मीन लग्न के जातक नए-नए विचार सोचते रहते हैं, अपने करीबी मित्रों और परिवार जनों से बहुत प्यार करते हैं। मीन lagn के जातक मित्रता बहुत सोच समझकर करते हैं और अपने मित्रों का चयन भी बहुत सोच समझकर करते हैं ,ज्यादातर उनके मित्रों में अच्छे प्रतिष्ठित लोग होते है।
मीन लग्न का द्वि-स्वभाव होने की वजह से ज्यादातर ऐसा होता है की मीन lagn के जातक तुरंत ही कोई निर्णय नहीं कर पाते हैं, उन्हें निर्णय लेने में काफी वक्त लगता है। लेकिन एक बार सोच विचार कर निर्णय लेने के बाद, वह अपने कार्य को पूर्ण जोश और तन्मयता से अंजाम देते हैं।
शिक्षा एवं कैरियर
मीन लग्न के जातक अपनी बुद्धिमानी ,योग्यता ,अपने प्रभावशाली और आकर्षक व्यक्तित्व, परिश्रमी स्वभाव की वजह से जीवन में अच्छी उन्नति प्राप्त करते हैं और धन लाभ प्राप्त करते हैं। ऐसा जरूर देखा गया है कि मीन lagn के जातक 35 वर्ष से पहले कुछ संघर्ष करते हुए देखे गए हैं। लेकिन 35 वर्ष के बाद जीवन में उन्नति और तरक्की प्राप्त करते हैं, और घर, मकान ,संपत्ति ,वाहन ,जीवनसाथी, संतान आदि सभी सुखों को प्राप्त करते है।
पारिवारिक जीवन
पिता के साथ कुछ वैचारिक मतभेद रहने से आपसी मनमुटाव रह सकता है। लेकिन मीन lagn के जातकों में पिता लिए बहुत सम्म्मान ,आदर,और श्रध्दा रहती है। मीन जातक पैतृक संपत्ति को लेकर भाग्यशाली नहीं होते, परिवार और भाई बहनों को पूर्ण सहयोग और मदद करते है,लेकिन भाई बहनों से उन्हें कोई सहयोग प्राप्त नहीं होता, न ही उन्हें कोई मदद प्राप्त होती है।
मीन जातकों के अपने जीवनसाथी से विचार नहीं मिलते फिर भी वे अपने जीवनसाथी के प्रति प्यार रखते है और उनका शादीशुदा जीवन सुखमय ही रहता है। अपनी संतान को भी वे बहुत प्यार करते है और उनका पूरा ख्याल रखते है, जबकि संतान की तरफ से उन्हें कोई विशेष सहयोग प्राप्त नहीं होता है। वे अपना जीवन खुद ले कर चलते है।
मीन लग्न में ग्रहों का महत्व
अगर मीन लग्न के जातकों की कुंडली में चंद्र, बृहस्पति, शुक्र उच्च अवस्था में हो तो, मीन जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले होते हैं। बहुत शिक्षित होते हैं और उच्च पदों पर रहते हैं।
मीन लग्न के जातकों की कुंडली में ब्रहस्पति और चंद्र के शुभ प्रभावों से ज्यादातर मीन जातक पढ़ने लिखने में रुचि रखने वाले होते हैं। उनकी शिक्षा साधारण ही क्यों ना हो फिर भी वह धार्मिक कार्यों , व्यवसायिक कार्यो , लिखने पढ़ने के विषय में बहुत रूचि रखते है।
यदि मीन लग्न के जातकों की कुंडली में मंगल और शुक्र अशुभ अवस्था में हो तो मीन lagn के जातक बहुत अधिक प्रणयशील, मदिरा का सेवन करने वाले ,नशा करने वाले ,लोगों पर ताना कसने वाले, व्यंग करने वाले गंदी भाषा का प्रयोग करने वाले और अशांत रहने वाले हो सकते हैं।
- मीन लग्न के जातकों के लिए सूर्य कोई विशेष लाभकारी नहीं रहता है ,क्योकि सूर्य इनकी कुंडली में रोग और शत्रु का कारक होता है।
- चंद्र, मीन lagn के जातकों को शिक्षा, बुद्धिमानी, और अच्छी संतान प्रदान करने वाला होता है ,इसलिए चंद्र शुभता प्रदान करता है।
- मीन लग्न के जातकों को मंगल धन संपत्ति, पारिवारिक सुख, धार्मिक कार्य, हायर एजुकेशन प्रदान करता है,इसलिए मंगल इनके लिए शुभ ग्रह होता है।
- बुध ग्रह मीन जातकों को माता का सुख, घर-माकन, व्यापार व्यवसाय, रोजगार प्रदान करने वाला होता है ,इसलिए बुध ग्रह शुभ होता है। लेकिन बुध को मजबूत करना आवश्यक होता है।
- ब्रहस्पति जो की इनकी कुण्डली में लग्नेश भी होता है, ब्रहस्पति अच्छी उम्र, नौकरी, सामाजिक मान सम्मान, स्वस्थ शरीर प्रदान करता है।
- शुक्र मीन जातकों के भाई बहनों का स्वामी होता है। शुक्र परिवार और धन के लिए नुकसानकारक होता है। शुक्र अगर कुंडली में निर्बल या पीड़ित हो तो शारीरिक नुकसान भी करता है।
- शनि आपकी कुंडली में बड़े भाई- बहन , आमदनी , बाहरी स्थान से संपर्क एवं खर्च के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में स्वास्थ्य के लिए अकारक ग्रह होते हैं । ज्यादा कमजोर होने से आमदनी में कमी करते हैं ।
- शनि मीन जातकों के खर्च का स्वामी है ,कमजोर और नुकसानकारक शनि मीन जातकों को परिवार, स्वास्थय , आमदनी और धन की कमी करता है।