चंद्र का रत्न मोती कब नहीं पहनना चाहिए?

अधिकतर ऐसी मान्यता है की मोती कोई भी धारण कर सकता है, अगर कोई परेशान है या उसे बहुत गुस्सा आता है तो मोती धारण कर लो, लेकिन कभी भी ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। मोती चंद्र का रत्न है और अगर कुंडली में चंद्र के नकारात्मक प्रभाव है, चंद्र अशुभ होकर कुंडली के अशुभ भाव का स्वामी है तो मोती धारण करने से बहुत से अशुभ प्रभाव होने लगेंगे, इसलिए मोती धारण करने के भी नियम है। आइये इस पोस्ट में यही जानेंगे की चंद्र का रत्न मोती कब नहीं पहनना चाहिए?

चंद्र का रत्न मोती कब नहीं पहनना चाहिए?

जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में चंद्रमा नकारात्मक भावों का स्वामी है, उन व्यक्तियों को मोती कभी नहीं पहनना चाहिए, मोती पहनने से उनकी मानसिक स्थिति कमजोर होगी, उनमें निर्णय लेने की क्षमता कमजोर पड़ने लगेगी, व्यक्ति दोहरी मानसिकता में रहेगा और शारीरिक स्वास्थ्य खराब होने लगेगा तथा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

इसलिए मिथुन, वृष, सिंह, धनु, मकर और कुंभ राशि तथा लग्न के लोगों को मोती कभी नहीं पहनना चाहिए। इनके लिए चंद्र योगकारक स्तिथि में नहीं होता है, जिसकी वजय अगर यह मोती धारण करते है तो चंद्र के नकारात्मक बढ़ने लगते है। आइये निचे जानते है की किस किस लग्न के जातक को मोती धारण करना अयोगकारक है।

किस लग्न के लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए?

सिंह लग्न – सिंह लग्न की कुंडली में चंद्रमा बारहवें भाव का स्वामी बनता है, बारहवां भाव व्यय, आर्थिक नुकसान तथा स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाला भाव होता है, इसलिए यदि इस लग्न का व्यक्ति मोती पहनता है तो उसे यह सब नुकसान उठाने पड़ेंगे।

वृषभ लग्न – वृषभ लग्न के जातक की कुंडली में चंद्रमा तीसरे भाव का स्वामी बनता है, तीसरा भाव शुभ स्थान नहीं है, यह श्रम, गले के रोग और श्वास के रोगों का भाव है और चंद्रमा श्वास संबंधी रोगों का जनक है, इसलिए वृषभ लग्न के जातकों को मोती रत्न नहीं पहनना चाहिए।

मिथुन लग्न – मिथुन लग्न की कुंडली में चंद्रमा दूसरे भाव यानी धन भाव का स्वामी बनता है और दूसरा भाव मारक माना जाता है, इसलिए इस लग्न के जातकों को मोती रत्न जन्म कुंडली का विश्लेषण करने के बाद ही पहनना चाहिए।

धनु लग्न – धनु लग्न की कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव को नियंत्रित करता है, आठवां भाव मृत्यु का स्थान, बड़ी हानि और संपत्ति की हानि का स्थान है, इसलिए धनु लग्न के जातकों को अपने जीवन में कभी भी मोती नहीं पहनना चाहिए।

मकर लग्न – मकर लग्न के जातकों की कुंडली में चंद्रमा सप्तम भाव का स्वामी बनता है, जिसे मारक कहा जाता है, इसलिए मकर लग्न के जातकों को किसी ज्योतिषी की सलाह लेने के बाद ही मोती पहनना चाहिए।

कुंभ लग्न – कुंभ लग्न की कुंडली में चंद्रमा छठे भाव का स्वामी होता है, छठा भाव रोग देता है, धन का नाश करता है और कर्जदार बनाता है, इसलिए कुंभ लग्न के जातकों को मोती कभी नहीं पहनना चाहिए।

मोती को किन रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए।

हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद और लहसुनिया के साथ कभी भी मोती नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि ये सभी रत्न चंद्रमा के शत्रु ग्रहों के रत्न हैं, अगर शत्रु ग्रहों के रत्नों के साथ मोती पहना जाए तो इसके नकारात्मक प्रभाव आएंगे। ऐसा करने से वे एक दूसरे से टकराने लगेंगे।

Leave a Comment