मंगल ग्रह का लाल मूंगा एक चमत्कारी रत्न है, इसे धारण करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी हार नहीं मानता आइये जाने मूंगा रत्न के फायदे
मूंगा रत्न के फायदे
मंगल ग्रह का लाल मूंगा एक चमत्कारी रत्न है, इसे धारण करने वाला व्यक्ति जीवन में परेशानियों से कभी हार नहीं मानता, ज्योतिष शास्त्र में लाल मूंगा रत्न के फायदों के कई उदाहरण मौजूद हैं।
ज्योतिषशास्त्र ने यह सिद्ध कर दिया है कि रत्नों का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, रत्नों के माध्यम से हम अपने जीवन में शुभ प्रभाव ला सकते हैं।
नवग्रहों में हर ग्रह का अपना एक रत्न होता है, जिसमें उस ग्रह की ऊर्जा रहती है और उस रत्न को धारण करने से वह ग्रह शक्तिशाली हो जाता है और उस ग्रह की ऊर्जा प्राप्त होती है।
इन नवरत्नों में से एक है लाल मूंगा जिसे प्रवाल भी कहा जाता है, लाल मूंगा मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, लाल मूंगा में मंगल ग्रह की ऊर्जा समाहित होती है।
नवरत्नों में मंगल ग्रह का रत्न “लाल मूंगा” एक प्रमुख रत्न है, मंगल ग्रह को सभी ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। जन्म कुंडली में मंगल ग्रह ऊर्जा, शक्ति और महत्वाकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है,
ज्योतिष शास्त्र में ऊर्जा, बल और मानसिक मनोबल बढ़ाने के लिए लाल मूंगा पहनने का विशेष विधान है।
मंगल ग्रह का लाल मूंगा व्यक्ति को साहसी बनाता है, मन का भय दूर करता है और मानसिक शक्ति प्रदान करता है।
लाल मूंगा रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है और धारणकर्ता में शासन करने की क्षमता विकसित होने लगती है।
इसके अलावा और भी कई लाभ पाने के लिए मंगल का रत्न लाल मूंगा पहना जाता है।
आइए जानते हैं ‘मूंगा रत्न के फायदे’
मंगल एक सेनापति ग्रह है, इसलिए ‘इटालियन मूंगा‘ पहनने वाले का मनोबल और शक्ति बढ़ती है और उसे अपनी सभी बाधाओं को खत्म करने, अपने विरोधियों पर बड़े जोश और उत्साह के साथ विजय पाने की ऊर्जा मिलती है।
लाल मूंगा धारण करने से शारीरिक कमजोरी और सुस्ती दूर हो जाती है, व्यक्ति का मनोबल बढ़ जाता है और वह अपने सभी काम बड़े उत्साह से करने लगता है।
यदि आप मानसिक रूप से कमजोर हैं, कोई भी निर्णय लेने से डरते हैं, तेज आवाज से दिल घबरा जाता है तो लाल मूंगा इन सभी कमियों को दूर करने में सहायक हो सकता है। लाल मूंगा पहनने से मनोबल बढ़ता है, हृदय मजबूत होता है।
लाल मूंगा शारीरिक रोगों को ठीक करने का भी प्रभाव रखता है, यदि आप त्वचा रोग के शिकार हैं, रक्त दूषित है तो आप लाल मूंगा धारण करके इन रोगों से छुटकारा पा सकते हैं।
जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल कमजोर हो, पाप पीड़ित हो, नीच का हो तो लाल मूंगा पहनने से लाभ होता है।
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मांगलिक योग हो तो ऐसे व्यक्ति को भी लाल मूंगा धारण करने से बहुत अच्छा लाभ मिल सकता है।
जिन लोगों का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं है, पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते रहते हैं, ऐसे लोगों को भी लाल मूंगा पहनने से अच्छा लाभ मिल सकता है।
सेना के अधिकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी, सर्जन, डॉक्टर, वैज्ञानिक, होटल एवं रेस्टोरेंट संचालक, विद्युत उपकरणों का व्यवसाय करने वाले लोग, भूमि का व्यवसाय करने वाले लोगों को लाल मूंगा धारण करना चाहिए।
लाल मूंगे में चमत्कारी शक्तियां होती हैं, जो व्यक्ति लाल मूंगा धारण करता है उसे कभी नजर दोष नहीं लगता, किसी भी प्रकार के जादू-टोने का असर नहीं होता, भूत-प्रेत का असर नहीं होता।
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लाल मूंगा कहाँ पाया जाता है
लाल मूंगा आमतौर पर सभी समुद्रों में पाया जाता है। लेकिन अच्छी गुणवत्ता वाले मूंगे भूमध्य सागर, अल्जीरिया, ईरान की खाड़ी, हिंद महासागर आदि के तटीय क्षेत्रों से निकाले जाते हैं।
स्पेन के तट पर पाए जाने वाले मूंगे अधिक गहरे लाल रंग के होते हैं।
मूंगा सफेद, गुलाबी, नारंगी और लाल रंग में उपलब्ध होता है।
लाल मूंगा कोई खनिज पत्थर नहीं है यह कैल्शियम का भंडार है। मोती की तरह लाल मूंगा भी खनिज रत्न नहीं है और यह रत्न भी खदान से नहीं निकलता है।
मोती की तरह मूंगा भी समुद्र में पाया जाता है और मोती की तरह इसका मुख्य तत्व कैल्शियम कार्बोनेट होता है।
लेकिन इन दोनों चीजों के अलावा मूंगा और मोती में कोई समानता नहीं है, मोती अपनी मनमोहक चमक के कारण रत्नों में गिना जाता है और लाल मूंगा अपने रंग और चमक के कारण रत्नों की श्रेणी में आता है।
लाल मूंगा भी समुद्र से प्राप्त होता है, लेकिन यह मोती की तरह सीप से उत्पन्न नहीं होता है।
मंगल और लाल मूंगा
नवरत्नों में मंगल सेनापति की भूमिका निभाता है इसलिए मंगल निडर, आक्रामक, शत्रुनाशक, सदैव विजयी होता है।
लाल मूंगा मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, यह रत्न मंगल ग्रह की शक्तियों को अपने अंदर रखता है, यही कारण है कि लाल मूंगा इतना शक्तिशाली रत्न माना जाता है,
लाल मूंगा धारण करने से भावुक एवं डरपोक व्यक्ति में आक्रामकता आ जाती है, वह प्रत्येक कार्य निडरता से करने लगता है, कठोर निर्णय लेने लगता है, उसका आत्मविश्वास बढ़ने लगता है तथा उसमें शत्रुओं को परास्त करने की क्षमता विकसित हो जाती है। वह सामाजिक रूप से प्रसिद्ध हो जाता है और उसे जीवन में उन्नति मिलने लगती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लाल मूंगा धारण करना
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कुंडली में मंगल बलहीन हो तो मूंगा धारण करना लाभकारी होता है।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल कहीं भी राहु या शनि के साथ स्थित हो तो मूंगा पहनना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
- यदि लग्न के प्रथम भाव में मंगल स्थित हो तो मूंगा पहनना लाभकारी होता है।
- यदि तीसरे स्थान में मंगल हो और भाई-बहनों के बीच मतभेद रहता हो तो मूंगा पहनना चाहिए।
- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में मंगल हो तो जीवन साथी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है इसलिए ऐसे लोगों को मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए।
- जन्म कुंडली में सातवें भाव या बारहवें भाव में स्थित मंगल शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि यह जीवन साथी को कष्ट दे सकता है, इसलिए ऐसे व्यक्ति को भी मूंगा धारण करना चाहिए।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल द्वितीय भाव का स्वामी होकर नवम भाव में बैठा हो।
तथा चतुर्थ भाव का स्वामी होकर एकादश भाव में बैठा है और पंचम भाव का स्वामी होकर द्वादश भाव में बैठा हो तो मूंगा पहनना अत्यंत लाभकारी बताया गया है। - यदि जन्म कुंडली में मंगल नवम भाव का स्वामी होकर चतुर्थ भाव में बैठा हो
तथा मंगल दशम भाव का स्वामी होकर पंचम भाव में बैठा हो, मंगल एकादश भाव का स्वामी होकर छठे भाव में बैठा हो तो ऐसे लोगों को मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए। - यदि जन्म कुंडली में मंगल कहीं भी स्थित हो और उसकी दृष्टि सप्तम, दशम अथवा एकादश भाव में पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में मूंगा धारण करना लाभकारी होता है।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठा हो तो मूंगा पहनना लाभकारी होता है।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल की दृष्टि सूर्य पर पड़ रही हो तो मूंगा पहनना आवश्यक माना जाता है।
- यदि चंद्रमा मंगल के साथ हो तो लाल मूंगा पहनने से स्थिति मजबूत होती है।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल छठे या आठवें भाव के स्वामी के साथ बैठा हो या इन ग्रहों की मंगल पर दृष्टि हो तो लाल मूंगा अवश्य पहनना चाहिए।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल वक्री, अस्त या दोषयुक्त हो तो मूंगा पहनना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल शुभ भावों का स्वामी होकर शत्रु ग्रहों के साथ बैठा हो।
- अतः मंगल ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए मूंगा धारण करना अति उत्तम माना गया है।
मूंगा धारण के अन्य योग ‘मूंगा रत्न के फायदे”
मेष या वृश्चिक लग्न हो, मूंगा जरूर धारण करें।
मंगल की महादशा चल रही हो तो मूंगा धारण करें।
मंगल शुभ भाव का स्वामी हो और नीच का हो तो मूंगा धारण करें।
यदि मेष या वृश्चिक लग्न में मंगल छठे भाव में हो।
यदि मंगल दूसरे भाव का स्वामी हो और सातवें भाव में बैठा हो।
यदि मंगल चतुर्थ भाव का स्वामी होकर नवम भाव में बैठा हो।
यदि मंगल पंचम भाव का स्वामी होकर दशम भाव में बैठा हो।
यदि मंगल सप्तम भाव का स्वामी होकर दशम भाव में बैठा हो।
यदि मंगल नवम भाव का स्वामी होकर दूसरे भाव में बैठा हो।
यदि मंगल दशम भाव का स्वामी होकर तीसरे भाव में बैठा हो।
और यदि मंगल एकादश भाव का स्वामी होकर चतुर्थ भाव में बैठा हो।
इसलिए मूंगा धारण करना अत्यंत लाभकारी बताया गया है।