नवरत्न अंगूठी कौन पहन सकता है?

नवरत्न अंगूठी

नवरत्न अंगूठी पहनने के फायदे, नवरत्न अंगूठी कौन पहन सकता है?, नवरत्न अंगूठी और ज्योतिष नियम, और नवरत्न अंगूठी धारण विधि

नवरत्न की अंगूठी को धारण करने से संसार के समस्त सुखों की प्राप्ति होती है, अगर जातक सौभाग्यवान होगा तो आवशय ही उसके नवरत्न धारण करने के योग बनेंगे।
नवरत्न मतलब सभी नवग्रह सूर्य,चंद्र,मंगल,बुध,बृहस्पति,शुक्र,शनि,राहु और केतु के रत्न।

नवरत्न धारण करने का मतलब होता है, समस्त नवग्रहों का आशीर्वाद, नवरत्न को अंगूठी, ब्रासलेट, लॉकेट के रूप में कोई भी स्त्री या पुरुष, किसी भी समय, बगैर जन्मपत्रिका की विवेचना के धारण कर सकता है।
नवरत्न की अंगूठी सदा लाभकारी ही रहती है, यह कभी भी किसी भी परिस्थिति में किसी भी धारणकर्ता को कभी भी नुकसान नहीं पहुँचती।

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नवरत्न की अंगूठी धारण करने से आर्थिक स्थिति, घर में बरकत, और धन लाभ होता है। रुके हुए रुपये पैसों की प्राप्ति होने लगती है, धन से सम्बंधित सभी कष्ट धीरे धीरे दूर होने लगते है, और धारणकर्ता को सुख समृद्धि की प्राप्ति होनी शुरू होने लगती है।

ऐसी परिस्थितियां जब व्यक्ति को यह समझ नहीं आ रहा हो की किस ग्रह का रत्न धारण करना चाहिए, या किसी जातक के पास उसका जन्म तिथि और समय न हो, तब ऐसे जातकों के लिए नवरत्न की अंगूठी धारण करना अत्यंत शुभ और लाभकारी रहता है

नवरत्न अंगूठी और ज्योतिष नियम

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जब व्यक्ति इस धरती पर जन्म लेता है, उस समय सौरमंडल में सभी नक्षत्रों और नवग्रहों का प्रभाव निर्मित हो जाता है, और व्यक्ति के जन्म समय के अनुसार उसके लग्न के १२ भावों में नवग्रहों की स्थापना हो जाती है, इन्हीं १२ भावों और उनमें नवग्रहों की स्थिति के अनुसार शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है।

यही से शुरू हो जाते है, मनुष्य जीवन पर नवग्रहों के शुभ अशुभ प्रभाव, और नवग्रहों के नवरत्न ही ग्रहों से शुभ और अशुभ प्रभावों को संचालित करते हुए लाभ और सुरक्षा प्रदान करते है।

हमारे पूर्वज महान ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षों पूर्व ही इन नवग्रहों के रत्नों की खोज कर ली थी, और यह जान लिया था की कौन सा रत्न किस ग्रह का लाभ देगा और कौन सा ग्रह किस गृह की सुरक्षा देगा।

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अलग अलग रत्न की अंगूठी तो सभी धारण करते है, लेकिन नवरत्न की प्रभवशाली अंगूठी तो समस्त ग्रहों के शुभ प्रभाव देती है, और अनिष्टकारी ग्रहों से सुरक्षा प्रदान करती है, यही कारण है की ज्योतिषशास्त्र में नवरत्न की इतनी महत्वता है।

नवरत्न की अंगूठी ऐसी है, जिसको धारण करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्‍याएं दूर होती है।

नवरत्न अंगूठी के लाभ
नवरत्न अंगूठी के लाभ

नवरत्न अंगूठी के लाभ

ऐसा माना जाता है की नवरत्न की अंगूठी को माता लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए इस अंगूठी को धारण करने से लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति जीवन में हमेशा आर्थिक परेशानी और धन की समस्या से दूर रहता है।

जब कोई व्यक्ति नवरत्न धारण करता है, तो उसपर सभी ग्रहों के प्रभाव बने रहते है। ऐसे में धारणकर्ता जिस घर में रहता है, अगर उस घर में कुछ वास्तु दोष है, तो इन नवग्रहों प्रभाव से घर के वास्तु दोष भी ख़त्म हो जाते है, और सभी तरह की नकारात्मक उर्जाये ख़त्म होती है।

नवरत्न की अंगूठी धारण करने से व्यक्ति के मनोबल में वृद्धि होती है, मनोबल बढ़ने से व्यक्ति हर कार्य को पूरी लगन और मेहनत से करता है, परेशानियों से डरता नहीं है, और ख़ुशी ख़ुशी उनसे पार पा लेता है।

धारणकर्ता पर हर समय नवग्रहों का प्रभाव बना रहता है, जो जातक को सुरक्षा, उनत्ति, सुख समृद्धि, धन, सम्मान की प्राप्ति करवाते है।

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नवरत्न अंगूठी धारण विधि

नवरत्न की अंगूठी धारण करने से पहले हमेशा या सुनिश्चित कर लेना चाहिए की उसमें लगे सभी रत्न असली है।
नवरत्न की अंगूठी की पूजा करने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध करना जरुरी होता है।
नवरत्न की अंगूठी को हमेशा पूर्ण विधि से पूजा करके ही धारण करना चाहिए।
नवरत्न की अंगूठी हमेशा शुभ मुहूर्त में ही धारण करें।
नवरत्न की अंगूठी धारण करने के लिए अनामिका उंगली जो की सूर्य का स्थान भी होता है सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

16 thoughts on “नवरत्न अंगूठी कौन पहन सकता है?”

  1. मैंने पहले से पुखराज और मूंगा पहन रखा है क्या इसके साथ में अलग से नवरत्न अंगूठी भी धारण कर सकता हूं

  2. Mujhe mera date of birth confirm nahi pata to main kya navratan pahin sakti hu main bar bar beemar hoti hu 1.5 year se tail bone aur slip disk ki problem hai HLAb27 positive hone se Dr. Ne bedrest bola to kya me navratan pahin sakti hu ?

  3. Navratn anguthi kaun si ungali mein pahani chahie koi madhyama ya tarjani ko batata hai koi Anamika ko batata hai agar main gold mein banvata hun navratn ki anguthi to kaun si ungali mein pahnu kripa karke Mera margdarshan Karen

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