सिंह राशि वालों को कौन सा रत्न पहनना चाहिए? सूर्य रत्न “माणिक्य” होता है सिंह राशि के जातकों का उनत्तिदायक रत्न। आइये, इस पोस्ट में विस्तार से जानते है सिंह राशि के जातकों के शुभ रत्न माणिक्य के बारे में।
सिंह राशि
सिंह राशि राशिचक्र के पांचवे पायदान की राशि है। सिंह राशि में एक तेज रहता है, ऐसा इसलिए क्योंकि सिंह राशि सूर्य ग्रह की राशि है, इसलिए यह राशि सभी राशियों में सर्वोपरि है।
सिंह राशि की आकृति सिंह के समान है, पुरुष जाती की होती है, अग्नितत्व राशि है, पूर्व दिशा की स्वामिनी, सिंह राशि जातक के हृदय, रीड की हड्डी, हृदय तंत्र, अस्थि और मज्जा का नियंत्रण करती है।
सिंह राशि का स्वाभाव मस्ती वाला होता है, भावुक होता है, बड़े दिल की होती है, और हसमुख होती है।
सिंह राशि में अभिमान होता है, जिद्दी राशि होती है, और आलस्य भरी होती है।
सूर्य ग्रह
सिंह राशि के जातकों का स्वामी ग्रह सूर्य होता है, इसलिए सिंह जातकों पर सूर्य का पूर्ण प्रभाव रहता है, और सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व रत्न माणिक्य होता है, माणिक्य में सूर्य ग्रह की शुभ ऊर्जाओं को संचालन करने की पूर्ण शक्ति विध्यमान रहती है।
सूर्य ग्रह सभी नवग्रहों का राजा है, सूर्य देवता को प्रकाश का अधिपति माना जाता है। इस सृष्टि को चलाने वाले सूर्य देव ही है।
सूर्य देव शनि ग्रह के पिता है।
सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते है, सभी ग्रहों को सूर्य से ऊर्जा प्राप्त होती है, इसलिए सूर्य ग्रहों का राजा कहलाता है। ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को देवता का दर्जा प्राप्त है।
सूर्य ग्रह आत्मविश्वास, सुख, सत्ता और ऐश्वर्य का कारक ग्रह है। अगर किसी जातक की कुंडली में सभी ग्रहों में केवल सूर्य ग्रह शुभ है, तो भी वह व्यक्ति शानदार, ऐश्वर्यशाली, निरोगी और सम्मान से अपना जीवन जीता है।
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सिंह राशि के जातक
सिंह राशि का स्वामी सूर्य ग्रह होता है, इसलिए सिंह के जातकों में भी सूर्य की तरह आत्मविश्वास भरा होता है, यह जातक अपनी बात के मजबूत होता है, बहुत साहसी होते है, सिंह की ही तरह अपना सम्मान चाहते है, और समाज में अपने को एक मुखिया की तरह रखना पसंद करते है।
सिंह राशि के जातक ईमानदारी पसंद करते है, धोखा इन्हें बर्दाश्त नहीं होता, बड़े उदार दिल के होते है। अगर कोई मदद के लिए आये तो तुरंत उसके लिए तैयार हो जाते है।
सिंह की तरह ही इनका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होता है, और इनकी आंखो में भी एक आकर्षण होता है यही कारण है की सिंह जातक अपना प्रभाव सभी पर छोड़ने में कामयाब हो जाते है। कंधे चौड़े और सर बड़ा और चौकोर होता है।
सिंह राशि के जातकों की आवाज दमदार और भारी होती है, यह लोग अपने चरित्र को साफसुथरा रखना पसंद करते है, अपने कामकाजों के प्रति काफी लगनशील रहते है, और साफसुथरा काम पसंद करने वाले होते है।
किसी भी व्यक्ति से बेवजय उलझते नहीं है, और न ही किसी से कोई दुश्मनी रखते है, जबतक की कोई आगे से आकर इनपर वार न करें।
सिंह राशि के जातकों को मौजमस्ती वाला जीवन बहुत पसंद आता है, अपने जीवन में इन्हें अच्छी अच्छी जगहों पर घूमना फिरना, खाना पीना, अच्छी गाड़ियों में घूमना, अच्छे से अच्छे और साफसुथरे कपडे पहनकर लोगों को अपनी और आकर्षक करना इन्हें बहुत अच्छा लगता है।
सिंह जातकों पर सूर्य प्रभाव होने से यह लोग सरकारी क्षेत्रों, सरकारी ठेकों, सरकारी पदों और राजनीती में काफी देखे गए है, इसके अलावा सेना में, पुलिस विभाग में, राजदूत, फटका और आतिशबाजी के कारोबार से जुड़े हुए, किसी अविष्कार से जुड़े हुए कार्य, संगठन के मुखिया आदि क्षेत्रो से जुड़े हुए देखने को मिलते है।
सिंह राशि के जातकों में एक बुराई जरूर होती है, अगर कोई इनके कहे अनुसार न चले तो इन्हें बहुत गुस्सा आ जाता है, ये चाहते है की कोई भी इनकी बात को ना काटे और जो ये बोले उसे सहर्ष स्वीकार कर ले।
सिंह राशि के जातक प्रेम संबंधो में कम ही पड़ते है, इनके जीवन में प्रेम करने के अवसर कम ही आते है,
इनका वैवाहिक जीवन भी साधारण ही रहता है, इनका अहंकारी व्यवहार इनके वैवाहिक जीवन पर असर डालता है। यौन सुख के मामलों में सिंह जातक बहुत भोगी होते है,
इनकी संतान रूप में लड़कियों की संख्या अधिक रहती है, इनके जीवन में अपनी माता का विशेष स्थान रहता है, और ये अपनी माता से बहुत अधिक प्यार करते है।
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सिंह राशि के जातकों का भाग्यशाली रत्न माणिक्य
सिंह राशि वालों को कौन सा रत्न पहनना चाहिए? सिंह राशि के देवता सूर्य ग्रह होते है, इसलिए सिंह राशि के जातकों के जीवन का शुभ रत्न माणिक्य होता है। हर सिंह राशि के व्यक्ति को माणिक्य आवश्य धारण करना चाहिए।
माणिक्य धारण करने से सिंह जातकों को सामाजिक सम्मान की प्राप्ति होती है, समाज में उच्च पद की प्राप्ति होती है, अगर कोई सिंह जातक राजनीती से जुड़ा हुआ है, तो उसे सामाजिक सहयोग मिलता है और राजनीती में जीत हासिल होती है।
माणिक्य धारण करने से सिंह जातक सरकारी कार्यों और सरकारी पदों में भी उनत्ति और तरक्की करते है, अगर सेना, पुलिस जैसे डिपार्टमेंट्स में जाने की तैयारी कर रहे है तो उसमें सफल होने के के योग बढ़ते है।
सिंह राशि के जातकों को माणिक्य धारण करने से कारोबार में सफलता मिलती है, आर्थिक मजबूती मिलती है और धन लाभ और आगमन के रास्ते बढ़ते है, अगर कोई सिंह जातक कारोबारी और आर्थिक समस्याओं से परेशान है तो माणिक्य धारण से उन्हें आवश्य ही लाभ होने लगता है।
सूर्य का रत्न माणिक्य सिंह जातकों के मनोबल को भी बहुत बढ़ाता है, उनके रुके हुए कार्यो को आगे बढ़ाने में सहायक होता है, और सिंह जातक बहुत आत्मविश्वास से अपने कार्यो को लेकर आगे बढ़ते है।
सिंह जातकों के लिए माणिक्य एक सुरक्षा ढाल की तरह रहता है, इनपर किसी भी तरह की मुसीबत आने से पूर्व यह अपने रंग में बदलाव करके सुचना दे देता है, माणिक्य का रंग फीका पड़ जाता है।
स्वास्थय की दृष्टि से सूर्य नेत्र, हृदय, हृदय तंत्र और हड्डियों का कारक होता है, इसलिए माणिक्य धारण करने से सिंह जातकों को इन सभी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है, और अगर कोई सिंह जातक इन बीमारियों को झेल रहा है, तो उन्हें माणिक्य धारण से आवश्य ही इन बीमारियों में लाभ मिलता है।
इसके अलावा माणिक्य धारण किये हुए सिंह जातक पर किसी भी तरह के जादू टोने का प्रभाव नहीं होता, नजर नहीं लगती, भूत प्रेत का साया नहीं लगता और न ही किसी तरह का भय लगता है।
माणिक्य
माणिक्य सूर्य का रत्न होता है, यह रत्न बहुत ही खूबसूरत और चमकदार लाल रंग का होता है, माणिक्य सूर्य के सभी शुभ प्रभावों को अपने अंदर समेटे रहता है।
माणिक्य रत्नों का राजा कहलाता है, यह रत्न नवरत्नों में सबसे कीमती रत्न होता है। साफसुथरे, खूबसूरत, बड़े और कीमती रत्न दुनियाभर में गिनती के ही है, इस रत्न को राजा-महाराजा अपने मुकुट में लगाना अपनी शान समझा करते थे।
बर्मा का माणिक्य सबसे कीमती और उत्तम क्वालिटी का माना जाता है।
माणिक्य जितना साफसुथरा, दाग रहित, चमकदार और पारदर्शी होगा वह उतना ही अधिक कीमती होगा।
वैसे तो माणिक्य एक बहुमूल्य रत्न है, लेकिन, जयोतिष शास्त्र के अनुसार 500 रूपए प्रति कैरट से लेकर 2,500 रूपए प्रति कैरट तक का माणिक्य धारण करके लाभ प्राप्त किये जा सकते है
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माणिक्य धारण विधि
माणिक्य रत्न की अंगूठी या लॉकेट केवल ताम्बे, सोने, या अष्टधातु की धातु में ही धारण करना चाहिए,
माणिक्य को अनामिका उंगली में धारण किया जाता है।
माणिक्य की अंगूठी को रविवार, सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त देखकर धारण किया जाना चाहिए।
माणिक्य को धारण करने से पहले माणिक्य की अंगूठी को गंगाजल से शुद्ध करके पूरी विधि विधान से पूजा करते हुए, अपने इष्ट देव को याद करते हुए, सूर्य देव की पूजा करने के बाद, सूर्य मंत्रो का “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:”108 बार जप करते हुए धारण करना अनिवार्य है, अन्यथा माणिक्य धारण का कोई लाभ नहीं होगा।