मकर राशि के जातकों की शारीरिक रचना

मकर राशि के जातकों का व्याख्यान,

मकर राशि के जातकों का व्याख्यान – आकाशगंगा में मकर राशि का चिन्ह मगरमच्छ जैसा बताया गया है, मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि देव है, जिसे एक रहस्य्मय ग्रह बोला गया है। शनि ग्रह के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह एक क्रूर एव पाप ग्रह है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, शनि देव न्याय के देवता है, सही कर्म करने वालों को शनि सैदेव शुभ फल देते है, और अगर किसी की जन्मपत्री में शनि शुभ है और व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो भी शनि उसे बुरे फल देने लगते है।

शनि का समय शाम का माना गया है, शनि के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा और घनिष्ठा है, शनि की दिशा उत्तर है, और इनका निवास स्थान वन में होता है, मनुष्य के शरीर में शनि उनके पैरों में निवासरत है।
शनि ग्रह के देवता यमराज और रूद्र है, इनका वॉर शनिवार, अंक 8 और इनकी धातु लौह, सीसा, जस्ता और कोयला है।

राशियों में मकर राशि का स्थान दसवां है, शनि की मकर राशि बहुत सौम्य, चंचल और कूटनीति वाली मानी जाती है, यह राशि बहुत अनुशासनप्रिय और पुरुषार्थी है।

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मकर राशि वाले जातक ज्यादातर उच्च तकनीशियन, इंजीनियर, वैज्ञानिक, किसान, जमींदार, नाव चलाने वाले, मजदूरी वर्ग के लोग होते है। मकर राशि के व्यक्ति नौकरी वाले हो या व्यवसाय वाले, यह लोग सफल ही होते है।
अपनी मेहनत से धन कमाने वाले और आगे बढ़ने वाले होते है, और अधिकांश मकर जातक छोटी उम्र से ही कामकाज और धन कमाने में लग जाते है।

अगर मकर राशि के जातकों की जन्मपत्रिका में शनि शुभ अवस्था में है तो मकर जातक अच्छी शिक्षा और आजीविका से जुड़ जाते है और तरक्की करते है।
ज्यादातर मकर जातक प्राइवेट संस्थाओ में अच्छी तरक्की करते देखे गए है और अपने दम पर व्यवसाय प्रारम्भ करते है और खूब धन, समृद्धि तरक्की प्राप्त करते है।

मकर राशि के जातकों की शारीरिक रचना

मकर राशि के जातक पतले दुबले और ज्यादातर लम्बे होते है, सुन्दर आकृति और आकर्षक व्यक्तित्व के होते है। इनकी आंखे उभरी हुई और पलकें घनी होती है। बड़ा सर होता है और नाक लम्बी और उभरी हुई होती है। इनका ऊपरी शरीर निचले शरीर की अपेक्षा मजबूत और सुगठित होता है।
और मकर राशि की जातिकाएँ गठीले बदन की होती है, सुन्दर और आकर्षित होती है, इनकी उम्र बढ़ने पर भी ये युवा और आकर्षित दिखती है।

मकर राशि के जातकों का स्वाभाव

मकर जातकों के व्यवहार को समझ पाना बहुत मुश्किल होता है, यह बहुत रहस्यमई प्रवित्ति के होते है। इनके व्यवहार और जीवन को समझ पाना मुश्किल है और ना ही यह किसी को अपने बारे में बताते है।

इनमें गजब का आत्मविश्वास होता है, और इनकी बोलचाल भी बहुत प्रभावशाली होती है। ये अपना प्रभाव लोगों पर बनाए रखते है।

मकर राशि के जातक धर्म कर्म में विश्वास रखने वाले होते है, उनका ईश्वर और देवी देवताओं में विश्वास होता है। स्वर्ग-नर्क और भूत-प्रेत, जादू-टोना आदि में भी विश्वास रखते है।
गुप्त विद्याओं में भी इनकी रूचि होती है।

मकर जातकों को नई नई योजनाए बनाना अच्छा लगता है, कई बार तो यह अपनी योजनाओं से लोगो को चकित कर देते है। इनमें कार्य करने का आत्मविश्वास बहुत अच्छा होता है, जिस काम में भिड़ जाते है उसकी अति कर देते है।

मकर जातक अहंकारी होते है, इन्हें दुसरो के मुँह से अपनी प्रशंसा सुनना बहुत अच्छा लगता है। खूब बड़ी बड़ी बातें और डींगे मारते है।

मकर जातकों की सामान्य प्रवृत्ति

मकर जातक ऐशो आराम से जीना पसंद करते है, इसलिए यह बहुत खर्चीले होते है, दिखावे के लिए बहुत बढ़ चढ़ कर करते है, यही कारण होता है की यह लोग कभी भी धन संचय नहीं कर पाते।
नई नई जगहे घूमना, नए नए स्थान देखने के बहुत शौकीन होते है।

मकर जातक शिक्षा में बहुत रूचि रखते है, साहित्य और विज्ञानं जैसे क्षेत्र इनके पसंदीदा होते है।

मकर जातकों का दांपत्य जीवन

मकर राशि के जातकों का वैवाहिक जीवन सामान्य होता है, ऐसा इसलिए की यह लोग अपने विचार अपने जीवनसाथी पर थोपते रहते है, अपने जीवनसाथी के छोटे छोटे दोष भी बर्दाश्त नहीं कर पाते, यही कारण है की इनके वैवाहिक जीवन में कुछ उथल पुथल बनी रहती है।

मकर जातक विपरीत लिंग की तरफ काफी आकर्षित रहते है, और इनमें कामुकता भी काफी होती है, इसलिए कई बार इनके सम्बन्ध अपने से बड़ी स्त्रियों से भी बन जाते है।

मकर जातकों के कार्य क्षेत्र


मकर राशि के जातक ज्यादातर खेलकूद, इंजीनियर, फौज, पुलिस विभाग, ठेकेदारी के कार्य, लकड़ी के व्यापार में कार्यरत, अधिवक्ता, तांत्रिक, हस्तरेखा शस्त्री, साइंटिस्ट, गायक, कोयला व्यापारी, लोहा व्यापारी, कबाड़ी, खदानों का कार्य करने वाले, आदि क्षेत्रो में देखे जा सकते है।

अमर उजाला लिंक: मकर राशि के जातक कैसे होते है

मकर जातकों का स्वास्थय

वैसे तो मकर राशि के जातकों का स्वास्थय सामान्य तौर पर अच्छा ही रहता है। फिर भी इनकी जन्मपत्रिका में ग्रहों की प्रतिकूलता की वजय से इनको जोड़ों में दर्द, उदर रोग, दांतो की पीड़ा, बवासीर, बहरापन, दिमागी समस्या आदि जैसे रोग होने की संभावना रहती है।

मकर जातकों की की शुभ दिशा

मकर जातकों की शुभ दिशा दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण- पूर्व होती है। इनकी शुभ तारीखों में 3, 4, 5, 7, 9, 16, 21, 23, 25, 30, 31 आती है।
मकर जातकों के शुभ वार – बुधवार, गुरुवार, शनिवार होते है।
इनके शुभ महीनें जनवरी, मार्च, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, और दिसंबर होते है।
इनके जीवन के शुभ वर्ष 15, 35, 39, 45, 51, 55 होते है।

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