भिलाई ज्योतिष

भिलाई ज्योतिष, लक्ष्मी नारायण

आइये आज इस पोस्ट “भिलाई ज्योतिष” में बात करते है, छत्तीसगढ़ और भिलाई के जाने माने ज्योतिष लक्ष्मी नारायण के बारे में जो बहुत ही साधारण व्यक्ति है, उनकी बड़ी बड़ी बातें नहीं है, उनका उदेश्य उनके पर आये हर व्यक्ति की परेशानी का निवारण करना है,

परेशानी चाहे कैसी भी हो, वह अपने तन मन से उसका निवारण करने की कोशिश करते है, उनका मानना है की जब किसी व्यक्ति की समस्या का निवारण होता है तो उस सुख की ख़ुशी अकल्पनीय है

Lakshmi-Narayan-Jyotish
Lakshmi-Narayan-Jyotish
  • नाम : लक्ष्मी नारायण
  • कार्य : ज्योतिष
  • साधक : शनि देव
  • केंद्र : ज्योतिष परामर्श केंद्र
  • निवास : भिलाई, छत्तीसगढ़

सेवाएं

  • ज्योतिष परामर्श
  • ऑनलाइन परामर्श
  • रत्न परामर्श
  • यंत्र और मन्त्र परामर्श
  • कारोबार सम्बंधित परेशानियां
  • आर्थिक परेशानियां
  • नौकरी में रूकावट
  • करियर को लेकर परेशानियां
  • घर, मकान, संपत्ति की परेशानियां
  • शिक्षा सम्बंधित परेशानियां
  • लव मेर्रिज में रुकावटे
  • विवाह में रुकावटे
  • वैवाहिक जीवन की परेशानियां
  • कोर्ट कचहरी की परेशानियां
  • मांगलिक दोष
  • काल सर्प दोष
  • स्वास्थय की परेशानियां

सेवाएं प्राप्त करने के तरीके

  • आप स्वयः ऑफिस आकर परामर्श ले सकते है
  • अगर आप दूर है तो ऑनलाइन परामर्श ले सकते है
  • जन्मपत्रिका courier द्वारा भिजवाई जाती है
  • रत्न, यन्त्र, रुद्राक्ष आदि courier या भारतीय डाक द्वारा सुरक्षित करके भिजवाए जाते है।

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दो शब्द लक्ष्मी नारायण के बारे में

लक्ष्मी नारायण, (भिलाई ज्योतिष) छत्तीसगढ़ भिलाई के जाने माने और सम्पूर्ण भारत और विदेशों में भी अपनी सेवाएं प्रदान करते है,
जो भक्तगण उन तक पहुंचने में समर्थ है, वह उनके केंद्र ” ज्योतिष परामर्श केंद्र” के ऑफिस में उनसे ज्योतिषीय सेवाएं प्राप्त कर लेते है,
और जो उन तक पहुंचने में असमर्थ है वह भक्तगण लक्ष्मी नारायण से ऑनलाइन परामर्श प्राप्त कर लेते है।

लक्ष्मी नारायण शनि देव साधक है, और अपनी ज्योतिषीय सेवाएं लगभग 12 सालों से प्रदान करते आ रहे है,
उनका उदेश्य अपनी सेवाओं द्वारा लोगों का भला करना है, उनको ऐसा मार्गदर्शन प्रदान करना जिससे उनके जीवन में खुशियों का आगाज हो, उनकी समस्याओं का निदान हो।

लक्ष्मी नारायण एक बहुत साधारण व्यक्ति है, आप निःसंकोच उनसे संपर्क करें।

ज्योतिष्शास्त्र के विषय में (भिलाई ज्योतिष)

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ज्योतिष्शास्त्र एक ऐसी विद्या है, ऐसी सच्चाई है, अगर इसका सही विश्लेषण किया जाये तो हम हमारे सम्पूर्ण जीवन के बारे में जान सकते है, जीवन के अच्छे बुरे समय, शुभ समय पर शुरू किये जाने वाले कार्य, शिक्षा, विवाह, नौकरी, कारोबार, धन की स्थितियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है,

जिसका लाभ यह होता है की हमें यह जानकारियां होने से नुम समय रहते उनके उपाय करके परेशानियों और कष्टों से बच सकते है,
वैसे तो अक्सर यही होता है की व्यक्ति का जब तक शुभ समय चलता रहता है, तब तक उसके मन में ज्योतिष विषय का ख्याल तक नहीं आता, बुरी परिस्तिथियों में ही ज्योतिष के पास जाने के विचार आते है और मन में रहता है की क्या पता ज्योतिष उपायों से हमारे कष्ट कम हो जाये,

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लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए, समय अच्छा हो या बुरा हर व्यक्ति को अपनी जन्मकुंडली जरूर बनवाकर रखनी चाहिए, इससे एक तो यह लाभ रहता है की व्यक्ति के पर अपने जन्म सम्बंधित सभी जानकारियां रहती है,
और दूसरा उसे अपने जीवन के आने वाले अच्छे बुरे समय का ज्ञात रहता है, जिसका वह समय रहते उपाय करके अपने जीवन के आने वाले दुःख और कष्टों को दूर कर सकता है।

जन्मकुंडली

जन्मकुंडली
  • जब भी हम किसी जातक की जन्मकुंडली का अध्यन्न करते है तब हम विशेष तौर पर इन पांच बातों का ध्यान रखते है,
  • जातक की जन्मकुंडली का ब्यौरे सही होना,
  • जन्मकुंडली के लग्न में ग्रहों और राशियों की स्थिति,
  • राशियों के स्वामी और उनकी स्थिति,
  • लग्न में ग्रहों की युति और परस्पर दृष्टि,
  • लग्न कुंडली में बनने वाले राजयोग और विपरीत राजयोग,

अगर किसी जातक की जन्मकुंडली की विवेचना करते समय इन्हीं पहलुओं पर केंद्रित रहा जाये तो निश्चित ही सही फलादेश मिलेगा

लग्न स्थान

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जन्मकुंडली में लग्न वह स्थान होता है जिसमे 12 कोष्ठक होते है, इन्हीं 12 कोष्ठक में 12 राशियां रहती है, और इन 12 कोष्ठक(भाव) में 9 ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, ब्रहस्पति, बुध, शनि, शुक्र, राहु और केतु विराजमान रहते है।

यह लग्न जब व्यक्ति इस धरती पर जन्म लेते है, उस समय भ्रमांड में जो राशि और नक्षत्र उदय रहते है उसी के अनुसार यह लग्न निर्धारित हो जाता है,
अब उस जन्में मनुष्य या जातक को अपना जीवन इसी लग्न और उसमें विराजित राशियों और ग्रहों के अनुसार ही अपना जीवन जीना होता है, और मृत्यु तक यही लग्न निर्धारित रहेगा।

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इसी लग्न के अनुसार वह अपने तमाम जीवन में सुख दुःख भोगेगा, तरक्की करेगा, शिक्षा, नौकरी, कारोबार, विवाह, प्रेम विवाह, कोर्ट कचहरी, कर्जा, आर्थिक उनत्ति, धन, मकान, संपत्ति, ऐशो आराम आदि का भोग करेगा

अगर लग्न कुंडली में ग्रहों की प्रतिकूलता है, तो ज्योतिषशास्त्र में बताये गए उपायों, रत्नों, मंत्रो, यंत्रो द्वारा ग्रहों की प्रतिकूलता को कम किया जा सकता है,
और अगर कोई ग्रह शुभ होकर भी लग्न कुंडली में कमजोर है तो उसे भी उपायों द्वारा बलशाली बनाया जा सकता है

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