भोलेनाथ का रुद्राक्ष आपको रखेगा हर संकट से दूर की इस पोस्ट में लक्ष्मी नारायण आपको रुद्राक्ष के चमत्कारी लाभों और 1 मुखी से लेकर 11 मुखी रुद्राक्षों के धारण करने के लाभों की जानकारी प्रदान करेंगे।
लक्ष्मी नारायण
लक्ष्मी नारायण दुर्ग-भिलाई के प्रसिद्ध ज्योतिष है, इन्होंने अभी तक हजारों भक्तजनों की समस्याओं का निवारण किया है,
साधारण रहन सहन वाले लक्ष्मी नारायण का ध्यान केवल उनके पास आये भक्तों की समस्या का निवारण रहता है।
बहुत धन कमाने की लालसा नहीं रखने वाले लक्ष्मी नारायण, बहुत ही साधारण शुल्क के साथ अपनी सेवाएं प्रदान करते है।
लक्ष्मी नारायण से आप स्वयं उनके ऑफिस में आकर परामर्श प्राप्त कर सकते है, इसके अलावा जो भक्तगण दूर रहते है, वे ऑनलाइन परामर्श की सुविधा प्राप्त कर सकते है,
ऑनलाइन परामर्श में भी आप अपनी जन्मकुंडली और अपने जीवन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है, आपको जो भी परेशानियां है उसपर आप खुलकर बात कर सकते है,
लक्ष्मी नारायण आपको आपकी परेशनियों का हल बताएंगे, जिन्हें आपको अपनी पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करना होगा, आपकी समस्या और परेशानी का हल आवश्य होगा।
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भोलेनाथ का रुद्राक्ष आपको रखेगा हर संकट से दूर
जीवन में धन, मान-सम्मान, यश, कीर्ति, सुख, शांति, अच्छा स्वास्थय और समृद्धि किस व्यक्ति को नहीं चाहिए,
यह सब आप भी प्राप्त कर सकते है, एक ऐसी चीज धारण करने से जो आपके जीवन में इन सभी सुखों की प्राप्ति करवाएगा।
जी हाँ, आज हम बात करने जा रहे है महादेव के उस प्रसाद की जिसको ग्रहण करने से आप इन सभी सुखों की प्राप्ति कर सकते है, और यह प्रसाद है महादेव का “रुद्राक्ष”
“रुद्राक्ष” शिव का आशीर्वाद है, जिसे धारण करने से मनुष्य का भला हो जाता है, उसके सभी दुखों का नाश होता है,
यह रुद्राक्ष १ मुखी से १४ मुखी तक का प्राप्त होते है, लेकिन प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष का अपना अलग महत्त्व होता है।
शिवपुराण के अनुसार रुद्राक्ष भगवान भोलेनाथ के अश्रु है। प्राचीन समय से ही हर साधु, सन्यासी, देवताओ, राक्षसों, और मनुष्यों को रुद्राक्ष धारण किये हुए देखा जा सकता है।
इतने महान संत, योगी रुद्राक्ष धारण करते थे तो जरूर रुद्राक्ष में कुछ खासियत होगी है।
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जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे सुरक्षा, उनत्ति, तरक्की, विद्या, आर्थिक उनत्ति, सुख ख़ुशी क्या नहीं मिलता, लेकिन अब प्रश्न उठता है की किस व्यक्ति को कौन सा रुद्राक्ष और कब धारण करना चाहिए,
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपनी जन्मपत्रिका, राशि, जन्मतिथि, ग्रहों की दशा के अनुसार कितने मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए, जिससे उसे जीवन में सफलता और सुरक्षा मिले।
आपके जीवन में सूर्य, चंद्र, बुध, मंगल, ब्रहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ऐसे कौन से ग्रह दूषित है, पाप पीड़ित है जिनका रुद्राक्ष धारण करने से आपके जीवन के कष्ट दूर हो।
ऐसा कौन सा रुद्राक्ष धारण किया जाये जो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हो।
कितने मुखी रुद्राक्ष पहनने से मिलेगी सफलता
एक मुखी रुद्राक्ष
सबसे पहले हम बात करते है 1 मुखी रुद्राक्ष की, एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का रुद्राक्ष है, यह बहुत मंगलकारी रुद्राक्ष है, एक मुखी रुद्राक्ष जीवन में बहुत ही शुभ परिणाम देता है।
एक मुखी रुद्राक्ष को स्थल पर रखकर नियमित पूजा करने वाला व्यक्ति समस्त संकटो से दूर रहता है, इसे धारण करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। इसे धारण करने से आद्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
सभी प्रकार के रुद्राक्षों में एकमुखी रुद्राक्ष को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। एकमुखी रुद्राक्ष की प्राप्ति दो रूपों में होती है, एक तो अर्द्चान्द्राकार और गोल, दोनों रूप ही श्रेष्ठ है, बस होने असली चाहिए।
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दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुखी रुद्राक्ष को अर्धनारीश्वर का प्रतीक माना गया है, इस रुद्राक्ष को धारण करने से माता पार्वती और भोलेनाथ दोनों का आशीर्वाद सदा के लिए बना रहता है।
दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से समृद्धि प्राप्त होती है, और इसमें वशीकरण प्रभाव भी रहता है।
विवाहिक जीवन और पति-पत्नी के सुखी संबंधो के लिए इसे विशेष तौर पर दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
दो मुखी रुद्राक्ष ज्यादातर चपटे आकार का होता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति में ऊर्जा, बहादुरी और सहस आता है, उसके पराक्रम में बहुत वृद्धि होती है। इसके आलावा तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होता है, अगर इसे विद्यार्थी धारण करें तो उनकी बुद्धि और शिक्षा में अच्छी वृद्धि होती है।
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत जल्दी अपने प्रभाव दिखाने शुरू कर देता है, जिस व्यक्ति का ज्वर नहीं उतरता हो ऐसा व्यक्ति अगर तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करे तो उसका ज्वर तुरंत उतरता है।
चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा जी का प्रतीक है, चार मुखी रुद्राक्ष का मतलब होता है चारों दिशाओं में उनत्ति, चारों दिशाओं से लाभ और सुरक्षा।
ऐसे बच्चे जिनका पढ़ाई में मन न लगता हो, मंदबुद्धि हो, ऐसे विद्यार्थियों के लिए चारमुखी रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है।
चारमुखी रुद्राक्ष मन की शांति, सुख समृद्धि प्रदान करता है, दीर्घायु प्रदान करता है, मोक्ष का कारक है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारणकर्ता को जप, धयान में बहुत जल्दी सफलता मिलती है, स्वास्थय बहुत अच्छा रहता है, और अगर किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति का नुकसान हो रहा हो तो उसे चारमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
पांच मुखी रुद्राक्ष
पांच मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि रूद्र का रूप माना गया है, इस रुद्राक्ष को धारण करना बहुत ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
पांच मुखी रुद्राक्ष बहुत सरलता से प्राप्त हो जाता है, पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का एक नियम है, और वह यह है की बाकि सभी मुखी रुद्राक्ष तो हम अकेले धारण कर सकते है, लेकिन जब हम पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो इसे हमेशा तीन की संख्या में ही धारण करना चाहिए।
अगर एक या दो पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करेंगे तो वह अपना प्रभाव नहीं दे पायेगा।
छः मुखी रुद्राक्ष
छः मुखी रुद्राक्ष को भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय का प्रतीक माना जाता है, इसे धारण करने से ब्रह्महत्या का पाप नहीं लगता, धारणकर्ता को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
छः मुखी रुद्राक्ष बुद्धि, शिक्षा, ज्ञान प्रदान करने वाला होता है, सांसारिक सुख प्रदान करने वाला होता है , शिक्षा में कमजोर छात्रों के लिए छः मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है। अगर छात्र इसे विधि विधान से करें तो उनकी बौद्धिक क्षमता में आश्चर्यजनक बदलाव होते है, और छात्रों को शानदार सफलता प्राप्त होती है।
छः मुखी रुद्राक्ष को दाहिने हाथ में धारण करने का विधान है।
सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुखी रुद्राक्ष को भाग्यदायक रुद्राक्ष बोला गया है, इस रुद्राक्ष को धारण करने से भाग की वृद्धि होती है।
सात मुखी रुद्राक्ष को कामदेव का रूप माना गया है, इसे धारण करने से स्त्री का सम्पूर्ण सुख प्राप्त होता है।
सात मुखी रुद्राक्ष धारणकर्ता स्त्रियों का चहेता बना रहता है, सात मुखी रुद्राक्ष धारणकर्ता स्त्रियों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है, सात मुखी रुद्राक्ष वशीकरण भी होता है,
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से रोग दूर रहते है, व्यक्ति की दरिद्रता ख़त्म होती है, सुख समृद्धि आती है, सात मुखी रुद्राक्ष की उपलब्धता थोड़ी मुश्किल से होती है, अगर यह आपको मिल जाये तो पुरे विधि विधान से इसे धारण करना चाहिए।
आठ मुखी रुद्राक्ष
आठ मुखी रुद्राक्ष की प्राप्ति काफी मुश्किल होती है, आठ मुखी रुद्राक्ष विनायक देव का प्रतीक है, आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अन्न और धन की प्रभूत मात्रा में प्राप्ति होती है।
आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी तरह की बाधाएं ख़त्म होती है, धारणकर्ता को बहुत लाभ प्राप्त होता है, उसे उच्च पद की प्राप्ति होती है। धारणकर्ता को दीर्घायु प्राप्त होती है।
नौ मुखी रुद्राक्ष
नौ मुखी रुद्राक्ष माँ दुर्गा शक्तियों का प्रतीक है, नौ मुखी रुद्राक्ष बहुत प्रभावशाली होता है, इस रुद्राक्ष में माँ दुर्गा के नव अवतारों शक्तियां विध्यमान रहती है।
नौ मुखी रुद्राक्ष का मिलना थोड़ा दुर्लभ होता है, यह कठिनाई से ही प्राप्त होता है। जो व्यक्ति किसी तरह की उपासना करते है, उनके लिए यह रुद्राक्ष सर्वश्रेष्ठ होता है। जिसके पास नौ मुखी रुद्राक्ष है उसे समझ लेना चाहिए की उसके ऊपर माता दुर्गा की विशेष कृपा है।
नौ मुखी रुद्राक्ष धारणकर्ता को अग्नि, शत्रु, भूत-प्रेत, कष्ट, दरिद्रता किसी भी तरह का डर नहीं रहता है। इसमें भैरव की शक्तियां भी विध्यमान रहती है।
दस मुखी रुद्राक्ष
दस मुखी रुद्राक्ष साक्षात् ईश्वर का रूप है, इस रुद्राक्ष में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की शक्तियां रहती है। यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभदायक, गुणकारी और धनदायक होता है,
दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से किसी भी तरह की बाहरी बाधाओं का डर नहीं रहता है। मनुष्य की समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाले इस दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है।
11 मुखी रुद्राक्ष
11 मुखी रुद्राक्ष को शिव के 11 रुद्रों का स्वरुप माना जाता है, इस रुद्राक्ष में भगवान भोलेनाथ के सभी स्वरूपों की शक्तियां समाविष्ट रहती है। 11 मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूद्र देव है। सभी प्रकार के संकटों, कलेशों ,उलझनों व समस्याओं को ख़त्म करता है, भूत-प्रेत बाधा, किये कराये को को ख़त्म करता है।
रुद्राक्ष धारण करने वालों के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष बहुत प्रभावशाली माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक को १००० अश्वमेघ यज्ञ, १०० हजार गोदान और १०० वाजपेय यज्ञों का पुण्य प्राप्त होता है।
अगर 11 मुखी रुद्राक्ष की तन, मन से नियमित पूजा की जाये तो इस रुद्राक्ष का धारक सर्व संपन्न, विजई होता है।
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