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astrologer in durg, लक्ष्मी नारायण छत्तीसगढ़ दुर्ग भिलाई के प्रसिद्ध ज्योतिषी हैं, जिनसे आप ज्योतिष से संबंधित सभी प्रकार की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
दुनिया भर से भक्त अपनी जन्म कुंडली और समस्या निवारण के लिए लक्ष्मी नारायण से संपर्क करते हैं।

आप लक्ष्मी नारायण से किसी भी प्रकार की ज्योतिषीय समस्या की चर्चा ऑनलाइन या उनके कार्यालय में आकर भी कर सकते हैं। लक्ष्मी नारायण बहुत ही सरल व्यक्ति हैं आप निसंकोच उनसे संपर्क करें।

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Chhattisgarh Durg Bhilai ज्योतिष

Lakshmi Narayan

लक्ष्मी नारायण लगभग 15 वर्षों से अपने भक्तों को अपनी ज्योतिष सेवाएं दे रहे हैं, इसमें ज्योतिष समाधान, रत्न परामर्श, यंत्र परामर्श और तंत्र उपाय शामिल हैं।

लक्ष्मी नारायण शनिदेव के पुजारी हैं, इसलिए उन्हें पूरा विश्वास है कि उन पर शनिदेव की कृपा है, जो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं।


उनके पास आने वाला कोई भी भक्त निराश नहीं होता, उसकी समस्याओं का समाधान जरूर होता है,
लक्ष्मी नारायण की एक ही इच्छा है कि वे अधिक से अधिक भक्तों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करें और उनका लाभ सभी को मिले।

जन्म कुंडली के 12 घर

आइए, आज की इस पोस्ट में जानते हैं कुंडली के 12 भावों से विचार किए जाने वाले तथ्यों के बारे में।

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Chhattisgarh Durg Bhilai ज्योतिष

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पहला घर

प्रथम भाव से व्यक्ति के शरीर, रंग, आत्मबल, स्वभाव, आयु, सुख-दुःख, विवेक, चरित्र आदि का आंकलन किया जाता है।

दूसरा घर

दूसरे भाव से व्यक्ति का धन, खजाना, परिवार, मित्र, आंख, कान, नाक, वाणी, रूप, आदतें, संचित धन, वाणी, प्रेम आदि का विचार किया जाता है।

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तीसरा घर

तीसरे भाव से जातक के पराक्रम, छोटे भाई-बहन, केश, नौकर, धैर्य, पराक्रम, कफ, दमा, फेफड़े के रोग, श्वास रोग आदि का विचार किया जाता है।

चौथा घर

चतुर्थ भाव से जातक के माता सुख, मकान, वाहन सुख, संपत्ति, भूमि, बाग, छल, कपट, कोष, पेट के रोग आदि का विचार किया जाता है।

पांचवां घर

पंचम भाव से बुद्धि, संतान, शिक्षा, पाचन संस्थान, व्यक्ति की प्रसिद्धि, सट्टा, लॉटरी, गर्भाशय, अचानक धन आदि के विचार आते हैं।

छठा घर

छठे भाव से व्यक्ति के शत्रु, शारीरिक रोग, मुकदमे, कर्ज, मामा, दुख, गुदा का विचार किया जाता है।

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सातवाँ घर

सप्तम भाव से जातक के वैवाहिक जीवन, स्त्री, व्यवसाय, साझेदारी, विलासिता, गुप्त रोग, विवाह, पत्नी का रंग, चरित्र, तलाक आदि का विचार किया जाता है।

आठवां घर

अष्टम भाव से जातक की आयु, मृत्यु, मृत्यु का कारण, रोग, लंबी बीमारी, विदेश यात्रा, प्राचीन विभाग का कार्य, दबे हुए धन की प्राप्ति, पूर्व जन्म, अचानक मृत्यु, ऋण, गुप्तांग, पूर्वाभास आदि का विचार किया जाता है।

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नौवां घर

नवम भाव से जातक के भाग्य का विचार किया जाता है, उच्च शिक्षा का विचार, धर्म के प्रति झुकाव, धार्मिक होना, तपस्या, तीर्थ यात्रा, अपने गुरु के प्रति श्रद्धा, ईश्वर की प्राप्ति, पिता से सुख, पुण्य कार्य, पैतृक संपत्ति आदि इसी भाव से विचार किये जाते है।

दसवां घर

दशम भाव से व्यक्ति के व्यवसाय, नौकरी, पिता के सुख, ऐश्वर्य भोग, नेतृत्व क्षमता, उच्चाधिकारियों से संबंध, सरकारी संबंध, विदेश यात्राएं, आत्मविश्वास आदि के बारे में जानकारी ली जाती है।

ग्यारहवाँ घर

एकादश भाव (ग्यारहवाँ घर) से व्यक्ति की आय देखी जाती है, आय के साधन माने जाते हैं, समृद्धि देखी जाती है, वैभव, नौकरों का सुख, लाभ, हानि आदि का विचार किया जाता है।

बारहवां घर

बारहवें भाव से जातक के अनावश्यक खर्चे देखे जाते हैं, अस्पताल के खर्चे देखे जाते हैं, हानि देखी जाती है, शत्रु हानि, आंखों की परेशानी, सजा, जेल यात्रा, अचानक खर्चे, अचानक आपदाएं, बिस्तर सुख, मोक्ष के विचार आदि किए जाते हैं।

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