मेष राशि के जातक किस प्रकार से अपने जीवन को कष्टों से दूर रख सकते है, आइये जानें मेष राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए और ऐसे कौन से मेष राशि रत्न है जिन्हें धारण करने से मेष जातक अपने जीवन में खूब धन कमा सकते है।
मेष राशि के लोग कैसे होते हैं
राशियों में मेष राशि उग्र स्वभाव वाली, बहुत मेहनती, कभी नहीं थकने वाली, चंचल और अहंकारी राशि है। मेष राशि अपने शत्रुओं का नाश करने वाली होती है, मेष राशि अग्नि तत्व है और इसका स्वामी ग्रह ‘मंगल’ भी अग्नि प्रधान है, ऐसे में जब दोनों का मेल होता है तो अनंत ऊर्जा उत्पन्न होती है। बस कुछ ऐसा ही स्वभाव और व्यवहार मेष राशि वालों में भी देखने को मिलता है।
मेष राशि के लोग मेहनती होते हैं, अपनी मेहनत के दम पर सफल होते हैं, डरना इनके स्वभाव में नहीं होता, ये हर काम में हमेशा आगे रहते हैं। कभी भी गलत का पक्ष मत नहीं लेते, जो सही है उसका पक्ष में बोलते है।
मेष राशि के जातकों को अपने जीवन में सफल होने की तीव्र इच्छा होती है, जिसमें वे सदैव लगे रहते हैं और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर आगे बढ़ते रहते हैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
मेष राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए
मेष राशि मंगल शासित राशि है और मेष राशि पर पूर्ण रूप से मंगल के प्रभाव रहते है। मंगल के देवता हनुमान जी है, हनुमान जी की पूजा करने से मंगल देव प्रस्सन होते है, मंगल के कष्ट दूर होते है। इसलिए मेष राशि के जातकों का हनुमान जी की पूजा करना बहुत फलदाई होता है। उनके जीवन के समस्त कष्ट दूर होते है।
अगर मेष जातक नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा करते है, हनुमान चालीसा करते है, हर मंगलवार हनुमान मंदिर में तेल का दीपक जलाते है तो उनके जीवन में सदा उजाला रहता है, उनके जीवन में उनत्ति, तरक्की और समृद्धि रहती है, उनके जीवन के समस्त कष्टों का निवारण होता है।
हनुमान जी संकट निवारण देवता है, अगर मेष जातक उनकी पूजा अर्चना करते है तो दुश्मन और शत्रु मेष जातकों पर कभी हावी नहीं हो पाते, उनके शत्रु ख़त्म होकर नष्ट हो जाते है। कोर्ट कचहरी में जीत प्राप्त करने के लिए लोग हनुमान जी की शरण में जाते है, इसलिए अगर मेष जातक किसी प्रकार के अदालती केसों में फसें है तो हनुमान जी उनको विजय प्राप्त करवाते है। इसलिए मेष जातकों को हनुमान जी की शरण में रहना चाहिए।
अगर मेष जातक अपने जीवन में हनुमान जी की शरण में रहते है तो उन्हें जीवन में कभी भी कष्टों और परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। उनका कारोबार और करियर सदा उनत्ति पर रहता है। उन्हें कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता, अगर कभी कोई कारोबारी या आर्थिक परेशानी आती है तो वह कैसे दूर हुई पता भी नहीं चलता।
मेष जातकों का स्वास्थय अच्छा रहता है, उनकी मानसिक स्तिथि और मनोबल बहुत मजबूत रहता है, हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल की दशा बहुत मजबूत होती है, अगर कुंडली में मंगल का कोई दोष हो तो वह ख़त्म होता है। अगर कुंडली में मंगल जनित मांगलिक दोष या अंगारक दोष बनता हो तो नियमित हनुमान जी की पूजा करने से यह दोष लगभग ख़त्म हो जाते है।
मांगलिक दोष होने से विवाह में परेशानी आती है, वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है और अंगारक योग तो बहुत खराब योग होता है यह योग राहु मंगल की युति से बनता है, अंगारक योग होने से व्यक्ति को जीवन में बहुत से कष्टों और संघर्षों का सामना करना पड़ता है, इतना भयंकर योग होने के बावजूद भी अगर मेष जातक नियमित हनुमान जी की पूजा करें तो अंगारक योग भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता, अंगारक योग के प्रभाव ख़त्म से हो जाते है। इसलिए मेष जातकों के पूजनीय देवता है हनुमान जी।
मेष राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए
जैसे की हमने बताया की मेष जातकों के पूजनीय देवता है हनुमान जी, उसी प्रकार अगर बात आती है की “मेष राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए” तो उन्हें मंगलवार का व्रत करना चाहिए। मंगलवार का व्रत करने से मेष जातकों के जीवन में कभी कष्ट नहीं आएगा।
मंगलवार का दिन हनुमान जी का रहता है, इस दिन व्रत करने से हनुमान जी सदा प्रसन्न रहेंगे, मंगल देवता का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। आगे इस दिन मेष जातक व्रत, हनुमान चालीसा और मंगल मंत्रो का जाप कर ले तो यह उनके लिए सोने पे सुहागा जैसी बात होगी। मेष जातक अपनेर जीवन में कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे, कष्ट उनके करीब भी नहीं आ पाएंगे और वह हर क्षेत्र में सफल होंगे, उअन्के परिवार में सदा खुशहाली रहेगी। उनकी संतान हमेशा सुरक्षित रहेगी और उनत्ति करेगी।
मंगलवार व्रत की विधि
मंगलवार की सुबह स्नान करने स्वच्छ होकर घर के मंदिर में हनुमान जी को धुप अगरबत्ती करें और उनके सामने सरसों तेल का दीपक जलाये।
उसके बाद आसान पर बैठकर हनुमान जी और मंगल देव समरण और प्रणाम करें, उनसे अपने जीवन में सुख शांति की वंदना करें और मंगल मंत्रों का 1,3,5,7 माला अपनी इच्छा के अनुसार मंगल मन्त्र “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” का जाप करें। जाप करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल मंत्रों का जाप और हनुमान चालीसा करने के बाद उन्हें भोग लगाए और और परिवार में प्रसाद बांटे। ऐसा हर मंगलवार को व्रत, मन्त्र और चालीसा करें, आप देखेंगे की आपका सम्पूर्ण जीवन खुशनुमा रहेगा, आप सदा कष्टों से दूर रहेंगे और जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे।
मेष राशि रत्न
मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है, मंगल एक लाल रंग का ग्रह है, इसलिए मंगल का प्रतिनिधित्व समुद्र की गहराई से प्राप्त रत्न ‘लाल मूंगा’ करता है।
लाल मूंगा में मंगल की ऊर्जाओं को संचालित करने की क्षमता होती है, यही कारण है कि मंगल की राशि ‘मेष’ का भाग्यशाली रत्न ‘लाल मूंगा’ है।
मेष राशि के जातक जब लाल मूंगा पहनते हैं तो उन्हें मंगल ग्रह की ऊर्जा प्राप्त होती है, उनका मनोबल और आत्मबल बढ़ता है, जातक को मंगल ग्रह की सभी शक्तिशाली ऊर्जा प्राप्त होती है, जातक जीवन में एक योद्धा की तरह अपना जीवन व्यतीत करता है और सफलता प्राप्त करता है।
मेष राशि के जातक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है, सामाजिक सम्मान प्राप्त होता है, आर्थिक प्रगति बढ़ती है, जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं, लाल मूंगा रक्षा कवच का काम करता है और मेष राशि के जातकों को जीवन का आशीर्वाद मिलता है। सभी परेशानियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
इसलिए प्रत्येक मेष राशि के जातक को अपना भाग्यशाली रत्न ‘लाल मूंगा’ अवश्य धारण करना चाहिए, ऐसा करने से उसे जीवन में सुरक्षा और उन्नति मिलती है।
मेष राशि के लिए भाग्यशाली जन्म रत्न
मेष राशि के जातकों का भाग्यशाली रत्न माणिक होता है, माणिक धारण करने से मेष राशि वालों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है, ‘माणिक’ मेष राशि वालों को समाज में सम्मानित व्यक्ति का दर्जा दिलाता है।
इनसे दोस्ती करने के लिए लोग हमेशा तैयार रहते हैं, मेष राशि के जातकों पर जब भी कोई मुसीबत आने वाली होती है तो माणिक अपना रंग बदलकर जानकारी देता है,
माणिक मेष राशि के जातकों के दुर्भाग्य को दूर करता है, उन्हें शारीरिक रोगों से दूर रखता है, जीवन में धन, उन्नति, उच्च शिक्षा, सुखी पारिवारिक जीवन, अच्छी संतान लाता है।
मेष राशि वालों को अपना भाग्यशाली रत्न कब पहनना चाहिए?
मेष राशि के जातकों को अपना भाग्यशाली रत्न ‘लाल मूंगा’ मंगलवार को और अपना दूसरा भाग्यशाली रत्न ‘माणिक’ रविवार को धारण करना चाहिए।