अक्सर पुखराज, जो की एक महगा रत्न है, खरीदते समय मन में यही शंका रहती है की हमने जो पुखराज रत्न ख़रीदा है, क्या वह असली है, आइये आज इसी बात पर रौशनी डाली जाये की असली पुखराज रत्न की पहचान क्या हो सकती है।
असली पुखराज रत्न की पहचान
पुखराज रत्न कई रंगो में प्राप्त होता है, सफ़ेद, नीला, पीला, हरा, गुलाबी इत्यादि, लेकिन इनमें पीले पुखराज का विशेष महत्व रहता है,
पीला पुखराज देवगुरु ब्रहस्पति का रत्न है, पिले पुखराज को जन्म कुंडली में ब्रहस्पति की अवस्था देखते हुए धारण करके लाभ लिया जाता है,
अगर पुखराज की दृष्टि से देखा जाये तो ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दूसरे नंबर पर सफ़ेद पुखराज का महत्त्व रहता है, जो की शुक्र ग्रह की ऊर्जा का संचालन करता है, लेकिन इसमें यह शर्त रहती है की सफ़ेद पुखराज एकदम शुद्ध रूप से सफ़ेद होना चाहिए, कही भी हल्का सा भी नीलापन या पीलापन नहीं होना चाहिए, तभी यह शुक्र का काम करेगा अन्यथा नहीं।
पुखराज रत्न
अब विषय पर आया जाये की असली पुखराज रत्न की पहचान क्या है या कैसे की जाये,
असली पुखराज की पहचान की शब्दों में व्याख्या नहीं की जा सकती, बस इतना बताया जा सकता है की असली पुखराज चमकदार होता है, चिकना होता है, उसमे चमकीली अभ्रक हो सकती है और असली पुखराज देखने में बहुत सुहाना लगता है,
लेकिन अगर कोई नया व्यक्ति किसी भी पुखराज को देखेगा, उसे तो यह सब कांच के पत्थर में भी दिखेगा, फिर क्या करें ?
असल में असली पुखराज की पहचान केवल दो ही तरीको से संभव है,
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पहला, की पुखराज की पहचान केवल अनुभवी जौहरी ही कर सकता है, जिसका रोज का काम है,
दूसरा, सबसे सटीक तरीका है जिसमें गलती की कोई भी गुंजाईश नहीं रहती वह है, लैब द्वारा पुखराज की टेस्टिंग और रिपोर्ट की प्राप्ति,
केवल यही एक तरीका है असली पुखराज रत्न की पहचान करने का, जिसमें कभी भी गलती नहीं हो सकती, जबकि बड़े बड़े अनुभवी भी पुखराज की पहचान में धोखा खा जाते है और अपना बड़ा नुकसान करवा बैठते है।
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आपको किताबों में असली पुखराज रत्न की पहचान की बड़ी अनोखी बातें पढ़ने को मिलेंगी जैसे की, “असली पुखराज के ऊपर कपडा रखने से उसके अंदर से पीली रौशनी निकलने लग जाती है वगैरा वगैरा.. “ यह सब किताबी बातें है।
इन सब पड़पंचो में नहीं पड़ना चाहिए और जब आप कोई कीमती पुखराज रत्न खरीदते है तो उसकी किसी सर्टिफाइड लैब से टेस्टिंग करवा लेनी चाहिए, जिसमें किसी भी तरह की खोट की गुंजाइश १००% नहीं रहती।
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