पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए

अक्सर लोगों के मन में ब्रहस्पति के रत्न पीला पुखराज को लेकर असमंजस रहता है की क्या वे पुखराज रत्न को धारण कर सकते है, आइये जानकारी लेते है की पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए

पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए

खूबसूरत चमकदार हल्दी रंग का रत्न होता है पीला पुखराज, पीला पुखराज देवताओं के गुरु ब्रहस्पति का रत्न है, वैसे तो पुखराज कई रंगो में आते है, लेकिन ब्रहस्पति के अनुसार केवल पीले पुखराज का ही महत्त्व है,
पीला पुखराज साफ सुथरा, पूर्ण पारदर्शी रूप में आता है, पीला पुखराज धनु और मीन राशियों का रत्न है, इसके अलावा पीला पुखराज जन्म कुंडली में ब्रहस्पति की स्तिथि को देखकर धारण किया जाता है।

9 नंबर की कठोरता वाला पुखराज एल्यूमीनियम ऑक्साइड है, 3.99 से 4 गुरुत्वाकर्षण होता है और इसका अपवर्तक सूचकांक 1.760-1768 है।

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पुखराज धारण करने के लाभ


पुखराज एक शुभ रत्न है,  और इसे धारण करने से व्यक्ति का समाज में सम्मान बढ़ता है, ब्रहस्पति का धन से विशेष सम्बन्ध है इसलिए पुखराज धारणकर्ता को धन लाभ होता है, संपत्ति की वृद्धि होती है,
ज्ञान और शिक्षा का देवता है ब्रहस्पति, जो व्यक्ति पीला पुखराज धारण करते है उनके ज्ञान में बहुत वृद्धि होती है, उच्च शिक्षा की प्राप्ति होती है, विद्यार्थियों के लिए तो यह रत्न अत्यंत लाभकारी है, उच्च शिक्षा में प्राप्ति के योग बनाता है पीला पुखराज,

जो जातक पीला पुखराज धारण करते है, उनका झुकाव धर्म कर्म के कार्यो में होने लगता है, जातक धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर अपना योगदान देने लगता है,
व्यापार व्यवसाय में लाभ देता है पीला पुखराज, इस रत्न के धारण से कारोबार और नौकरी में आ रही रुकावटें ख़त्म होती है और जातक की आर्थिक स्तिथि मजबूत होती चली जाती है, नौकरी में उच्च पद पर पहुंचने में सहायक होता है पुखराज,

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राजनीती में भी ब्रहस्पति का बहुत बड़ा सहयोग होता है, एक अच्छा वक्ता और जान समूह का सहयोग कराता है ब्रहस्पति, इसलिए राजनीती से जुड़े व्यक्तियों के लिए भी बहुत लाभकारी रहता है पीला पुखराज,

स्वास्थय की दृष्टि से पीला पुखराज


शारीरिक दृष्टि से पीला पुखराज धारण करने से सीने में दर्द, श्वास रोग , गला के इन्फेक्शन, अल्सर, जोड़ों का प्रदाह, आर्थ्राइटिस, हृदय रोग, अतिसार, शक्तिहीनता, नामर्दी जैसे रोगों में बहुत लाभकारी रहता है।
अगर ऐसे किसी भी रोग से व्यक्ति परेशान है तो उसे पीला पुखराज धारण करना चाहिए।
    

पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए


ऐसे जातक जिनकी जन्म पत्रिका में ब्रहस्पति कमजोर है, पाप ग्रहों से पीड़ित है, अस्त है, ऐसे जातकों के लिए पीला पुखराज धारण करना जरुरी होता है, उनका ब्रहस्पति मजबूत होता है,

धनु और मीन राशि और धनु और मीन लग्न के जातकों के लिए पीला पुखराज बहुत भाग्यशाली रत्न होता है,

मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न के जातकों के लिए पीला पुखराज धारण करना बहुत शुभ फलदायक, उनत्ति-तरक्की दायक रहता है,
मिथुन और कन्या लग्न के जातक भी अपनी कुंडली में ब्रहस्पति की स्तिथि देखते हुए ब्रहस्पति की महादशा में पीला पुखराज धारण करके लाभ उठा सकते है।  

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वृषभ, तुला, मकर और कुम्भ लग्न के जातकों को पीला पुखराज कभी भी धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि ब्रहस्पति की जन्म पत्रिका में  शुभ नहीं होता है,

जो व्यक्ति राजनीती, प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े है, राजनीतिज्ञ, न्यायाधीश, अधिवक्ता है, IPS या ऐसे ही उच्च पदों पर है, कलाकार है, TV से सम्बंधित कलाकार, एंकर है, अभिनेता है, ऐसे व्यक्तियों को पीला पुखराज धारण करना बहुत लाभकारी रहता है,

जो जातक पुलिस विभाग, प्रशासनिक सेवाओं , राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में जाना चाहते है, उन्हें पीले पुखराज के साथ लाल मूंगा धारण करने से सफलता मिलती है।

पीला पुखराज धारण का तरीका


पीला पुखराज सोने या अष्टधातु की अंगूठी में बनवाना चाहिए,  गुरुवार को सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में अंगूठी को कच्चे दूध, गंगा जल से शुद्ध करके, पूजा अर्चना करनी चाहिए, उसके बाद ब्रहस्पति देव की पूजा और मन्त्र जप करें, (१०८ बार) पूजा पूर्ण होने के बाद पीले पुखराज की अंगूठी को तर्जनी ऊँगली में धारण करना चाहिए।

ब्रहस्पति मन्त्र


ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।

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