आइये आज की इस पोस्ट से जानकारी प्राप्त करते है की मिथुन राशि और लग्न का भाग्यशाली रत्न धारण क्या है, जिसके धारण से मिथुन जातक अपने जीवन में उनत्ति और खुशियां प्राप्त कर सकते है।
मिथुन राशि और लग्न
मिथुन राशि और लग्न की बात की जाये तो यह पुरुष प्रधान राशि है और इसका स्वाभाव डबल माइंडेड है, यह वायु तत्व राशि है और इसकी दिशा पश्चिम है, मिथुन राशि और लग्न का प्रतिनिधित्व रंग हरा होता है,
मिथुन राशि और लग्न व्यक्ति के हाथों, बाहों, कंधों, फेफड़ों, स्नायु तंत्र पर अपना असर रखते है,
मिथुन राशि और लग्न का नेतृत्व बुध ग्रह करता है, इसलिए बुध ग्रह के अपने जो भी शुभ प्रभाव होते है वह मिथुन राशि में लग्न के जातकों में देखने को मिलते है, बुध वाणी, बुद्धि और व्यापार का स्वामी है, इसलिए बुध प्रधान व्यक्तियों में यह गुण देखने को मिलते है,
अब वो गुण कितने प्रतिशत मिथुन जातकों को लाभ देंगे, यह उनकी कुंडली की विवेचना करने पर ही निर्धारित किया जा सकता है।
मिथुन राशि और लग्न के जातक
मिथुन राशि और लग्न के जातक आम तौर पर लम्बे, आकर्षक और गोरे रंग के होते है, इनमें कुछ स्त्रियों के गुण भी देखने को मिलते है और मिथुन जातक स्त्रियों में प्रसिद्ध भी होते है,
मिथुन जातक बहुत बुद्धिमान, पढ़ने में तेज, शांत व्यहवार और मधुर वाणी, सबके द्वारा पसंद किये जाने वाले, बहुत सोचने वाले, हमेशा दुविधा में रहने वाले, किसी भी एक काम पर टिककर ना रहने वाले, शहर शहर घूमने वाले, संगीत और कला में नपुण होते है,
इनका मन हमेशा अस्थिर रहता है, इनका मूड बहुत जल्दी बदलता रहता है इसलिए ये हमेशा बेवाज परेशान और बेचैन रहते है,
स्त्रियों का इन्हें विशेष लगाव रहता है, इनके संपर्क में कोई ना कोई स्त्री रहती ही है और इनका आशिकाना स्वाभाव ता उम्र इनपर छाया रहता है, जिसकी वजय से इनके वैवाहिक जीवन में भी टकरार बनी रहती है,
अगर इनकी आजीविका की बात की जाये, तो अपनी आदत के अनुसार ये अपने जीवन में किसी भी एक काम को टिककर नहीं कर पाते, इसलिए इनके जीवन में धन का आना जाना लगा रहता है, खर्च भी बहुत करते है इसलिए धन संग्रह की इन्हें दिक्कतें रहती है।
मिथुन जातक शिक्षा डिपार्टमेंट्स, बैंक्स, रेलवेज, चार्टेड अकाउंटेंट, इन्शुरन्स कंपनी, शेयर मार्केट्स, कंप्यूटर व्यवसाय, प्रिंटिंग प्रेस, किताब स्टोर, ट्रेडिंग कार्य जैसे व्यवसायों और नौकरियों से सम्बंधित मिलते है और इन्ही क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हुए देखे जा सकते है।
मिथुन राशि और लग्न का भाग्यशाली रत्न
मिथुन राशि और लग्न पर बुध ग्रह का अधिकार रहता है, इसलिए बुध का रत्न पन्ना बुध जातकों के लिए जीवन का सर्वश्रेष्ठ और भाग्यशाली रत्न होता है,
हर मिथुन राशि और लग्न के जातकों को पन्ना अवशय धारण करना चाहिए, पन्ना धारण करने से मिथुन जातकों की स्मरण शक्ति बढ़ती है, वाक क्षमता का विकास होता है, बौद्धिक क्षमता बढ़ती है, बुध व्यवसाय और धन का भी कारक है इसलिए व्यवसाय में उनत्ति होती है, आर्थिक स्तिथि मजबूत होती है, धन आने के रास्ते बढ़ते है, व्यक्ति को नौकरी में अच्छे पदों की प्राप्ति होती है, सरकारी नौकरी के योगों की वृद्धि होती है, ऐसे लोग जो शेयर मार्किट, शेयर ब्रोकर के बिज़नेस से जुड़े है उन्हें इसमें सफलता मिलती है, व्यक्ति का आत्मबल और मनोबल बढ़ता है।
ऐसे मिथुन जातक जो शिक्षा डिपार्टमेंट्स, बैंक्स, रेलवेज, चार्टेड अकाउंटेंट, इन्शुरन्स कंपनी, शेयर मार्केट्स, कंप्यूटर व्यवसाय, प्रिंटिंग प्रेस, किताब स्टोर, ट्रेडिंग कार्य जैसे व्यवसायों और नौकरियों से जुड़े हुए है उन्हें भी उनका भाग्यशाली रत्न पन्ना जरूर धारण करना चाहिए।
पन्ना का उपरत्न
बुध ग्रह के रत्न पन्ना के उपरत्न भी मौजूद है, अगर कोई पन्ना धारण करने में असमर्थ है, तो ऐसे जातक हरी तुरमली, पेरिडॉट या हरा ओनिक्स भी धारण कर सकते है, इन रत्नों को धारण करने से भी बुध के शुभ प्रभाव प्राप्त होते है।
पन्ना रत्न धारण विधि
बुध का रत्न पन्ना चांदी की अंगूठी या लॉकेट में ही बनवाना चाहिए, अंगूठी बनवाने के बाद बुधवार की सुबह सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त देखकर, विधि विधान से पूजा और बुध मंत्रो का जाप करने के बाद पन्ना रत्न की अंगूठी कनिष्ठा उंगली में धारण करनी चाहिए।
मिथुन राशि और लग्न के अन्य भाग्यशाली रत्न
मिथुन राशि के जातकों के लिए तो एकमात्र पन्ना रत्न ही उनका भाग्यशाली रत्न है, इसके आलावा अगर वे अन्य रत्न धारण करना चाहते है तो उसके लिए उनकी जन्म पत्रिका की विवेचना करनी होगी और उसके बाद ही उनके अन्य लाभकारी रत्न का निर्णय लिया जा सकता है,
वही अगर मिथुन लग्न के जातकों के अन्य लाभकारी रत्नों की बात की जाये तो उनके लिए शनि का रत्न नीलम और शुक्र रत्न हीरा अत्यंत लाभकारी साबित हो सकते है,
इसके अलावा पीला पुखराज भी मिथुन लग्न के जातकों के लिए काफी लाभकारी हो सकता है,
अगर किसी मिथुन जातक की ब्रहस्पति की महादशा चल रही है, तो उसे पीला पुखराज धारण करना चाहिए।
बुध मन्त्र
ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः