3,6,10,11 गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए

3,6,10,11 गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए, 3,6,10,11 इन भावों में राहु अपने शुभ प्रभाव देता है। हर रत्न को धारण करने का एक शुभ दिन या वार निर्धारित है, उसी तरह गोमेद धारण करने का भी एक दिन निर्धारित है, आइये जानकारी प्राप्त करते है

रत्नधारण करने का दिनमंत्र
गोमेदशनिवार शाम 7 बजेऊँ रां राहवे नम:
रत्नउंगलीधातु
गोमेदमध्यमापंचधातु/अष्टधातु

राहु और गोमेद रत्न


गोमेद राहु रत्न है, गोमेद नवरत्नों में से एक रत्न है जिसका स्वामी राहु ग्रह है, गोमेद राहु ग्रह की रश्मियों का संचालन करता है और धारणकर्ता तक पहुँचता है,

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गोमेद धारण करने से राहु के सभी शुभ प्रभाव मिलते है और कई बार इसे राहु के दोषों को नष्ट करने के लिए भी धारण किया जाता है,
गोमेद धारण करने से धन-संपत्ति की वृद्धि होती है, पारिवारिक और संतान सुख की प्राप्ति होती है, समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है, धारणकर्ता की आर्थिक उनत्ति में अचानक बढ़ोतरी होती है,

जिस जातक को गोमेद रत्न सूट कर जाता है उस जातक को जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है, व्यक्ति बहुत संपन्न जीवन जीता है,
गोमेद धारण जातक को क़ानूनी विवादों में विजय प्राप्त करवाता है, पुत्र पाप्ति के योग बनते है, आद्यात्मिक उनत्ति प्राप्त होती है, संपत्ति की प्राप्ति होती है, व्यक्ति शारीरिक बीमारियों से दूर रहता है, जादू-टोना, भूत प्रेत बाधा, नजर लगना जैसे दोषों से सुरक्षित रहता है,

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हर रत्न का एक वार होता है, जैसे पुखराज का ब्रहस्पतिवार, पन्ना का बुधवार, लाल मूंगा का मंगलवार, माणिक्य का रविवार, मोती का सोमवार, हीरे का शुक्रवार, शनि का शनिवार,
ऐसे ही राहु और केतु दोनों छाया ग्रहों का दिन शनिवार होता है, राहु-केतु से सम्बंधित किसी भी कार्य को शनिवार को करने से ही सफलता प्राप्त होती है,
इसलिए हर रत्न को उसके दिन या वार के अनुसार ही धारण किया जाना चाहिए, अन्यथा उनके शुभ परिणामों में कमी आएगी, 

गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए


गोमेद धारण करने का शुभ दिन शनिवार की शाम होता है, इसलिए चांदी की अंगुठी में गोमेद ७, ९ या ११ कैरट का बनवाकर स्वाती, आर्दा या शतभिषा नक्षत्र में शनिवार की शाम शुभ मुहूर्त में मध्यमा उंगली में राहु का मन्त्र  ” ऊँ रां राहवे नम:”  का (१०८) बार जपते हुए धारण करना चाहिए।

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