पुखराज पहनने के नियम

ब्रहस्पति का रत्न पुखराज एक शुभ रत्न है,  जन्म कुंडली में ब्रहस्पति की स्तिथि देखते हुए पुखराज पहनने के नियम है।

पुखराज

पुखराज ब्रहस्पति ग्रह का रत्न है, ऐसे तो पुखराज कई रंगो में आते है लेकिन,ब्रहस्पति के रत्न पुखराज का रंग पीला रहता है,
पुखराज जन्म कुंडली में ब्रहस्पति की स्तिथि के अनुसार धारण किया जाता है, जब किसी जातक की जन्म कुंडली में ब्रहस्पति कमजोर, पीड़ित, नीच या अस्त अवस्था में है तब ऐसी परिस्थिति में कुंडली का अध्धयन करते हुए ब्रहस्पति रत्न पुखराज धारण किया जाता है,

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ब्रहस्पति धन, ज्ञान, बुद्धिमानी, संतान सुख, विवाह और सामाजिक प्रतिष्ठा का स्वामी है, इसलिए पुखराज धारण करने से ब्रहस्पति के इन लाभों की विशेष रूप से प्राप्ति होती है।

आइये जानते है पुखराज पहनने के नियम


1. सबसे पहले तो यह जान ले की कुंडली में ब्रहस्पति को बल देने के लिए पुखराज रत्न धारण किया जाता है,

2. ऐसे जातक जिनकी राशि मेष, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मीन है वे व्यक्ति पुखराज धारण कर सकते है,

3. लग्न अनुसार भी मेष, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न के जातकों को पुखराज जरूर धारण करना चाहिए,

4. पुखराज धारण करने से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है, विद्यार्थियों के लिए यह रत्न शिक्षा में सफलता देने वाला रत्न है,

5. ऐसे विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा या विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त करना चाहते है, उनके लिए पुखराज रत्न बहुत लाभकारी है,

6. ऐसी व्यक्ति जो विदेश से अपना व्यापार करना चाहते है उनको पुखराज अवशय धारण करना चाहिए,

7. जो व्यक्ति सिद्धि प्राप्त करना चाहते है या आध्यात्म में सफलता प्राप्त करना चाहते है, उनको भी पुखराज जरूर धारण करना चाहिए,

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8. जो संत सत्संग करते है, कथा वाचक है उनके लिए भी पुखराज धारण करना बहुत शुभ है,

9. ऐसे व्यक्ति जो स्टेज शो करते है, वक्ता होते है, समूहों को संबोधित करते है, उन व्यक्तियों को पुखराज जरूर धारण करना चाहिए,

10. संतान की प्राप्ति या संतान की सफलता के लिए भी पुखराज धारण करना बहुत लाभकारी होता है,

11. कारोबार में सफलता, आर्थिक उनत्ति, बैंक बैलेंस के लिए भी पुखराज का धारण करना अति लाभदायक है,

12. नौकरी और सरकारी नौकरियों में उच्च पदो की प्राप्ति में पुखराज रत्न बहुत सहायक होता है,

13. पारिवारिक जीवन में प्यार और जीवन साथी के साथ मधुर सम्बन्धो को बनाये रखता है ब्रहस्पति का रत्न पुखराज,

14. जब भी आप पुखराज धारण करें, उससे पहले किसी ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली में ब्रहस्पति को लेकर परामर्श अवशय करें,

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15. पुखराज हमेशा किसी जान पहचान की जगह से या किसी Authorized लैब द्वारा सर्टिफाइड पुखराज ही ख़रीदे,

16. पुखराज का रंग हमेशा खूबसूरत पीला, चमकदार, बगैर किसी लाइन या टूट फूट के होना चाहिए,

17. पुखराज को हमेशा सोने या अष्टधातु की अंगूठी में ही धारण करना चाहिए,

18. पुखराज हमेशा ४ कैरट या उससे ऊपर का ही धारण करना चाहिए,

19. पुखराज को तर्जनी उंगली में धारण किया जाता है,

20. पुखराज की अंगूठी को गुरुवार को सूर्योदय के बाद धारण करना चाहिए,

21. पुखराज को धारण करने से पहले विधि विधान से पूजा करनी चाहिए, गुरु मन्त्र (ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:) का 108 बार जाप करना चाहिए।

पुखराज धारण के यह कुछ ऐसे बिंदु है जो किस भी जातक के लिए अनिवार्य है, जिसका अनुसरण सभी धारणकर्ताओं को करना चाहिए और लाभ उठाते हुए अपने जीवन में उनत्ति, सुख, समृद्धि की प्राप्ति करनी चाहिए।

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