सभी ग्रहों का प्रभाव मानव जीवन पर बहुत असर करता है, जिसमें चंद्र व्यक्ति के जीवन में काफी असर कर सकता है,आइये जानते है ‘चन्द्र के रत्न मोती के लाभ‘
मोती
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्र है और चंद्र का रत्न मोती है, जब कुंडली में चंद्र कमजोर होता है, तब चंद्र रत्न मोती धारण करने की सलाह दी जाती है,
मोती खनिज रत्न नहीं है, यह समुंद्र में सीप के अंदर पाया जाता है, मोती एक जीव द्वारा बनाया गया जैविक रत्न है, मोती सफ़ेद,हल्का पीला, हल्का नीला, गुलाबी और काले रंग में पाया जाता जाता है,
चंद्र ग्रह
चंद्र ग्रह मन, माता, आत्मबल, सुख-शांति, धन-संपत्ति, विदेश प्रवास या सेटलमेंट, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का बिज़नेस, राजनीती, प्रेम विवाह में सफलता, शिक्षा में एकाग्रता, दूध-दही-पनीर का व्यवसाय आदि का कारक है,
चंद्र का मुख्य महत्व मन-मस्तिक्ष से माना गया है, जिन व्यक्तियों का चंद्र कमजोर होगा, उन व्यक्तियों का मनोबल कमजोर रहता है, डरपोक किस्म के रहते है, उनका किसी एक काम में मन नहीं लगता, मन बार बार बदलता रहता है, जिससे उन्हें किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती,
कमजोर चंद्र व्यक्ति को डिप्रेशन तक में ले जा सकता है और व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के विचार उत्पन्न कर सकता है,
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र लग्न में विराजमान है वह व्यक्ति सुन्दर और आकर्षक होता है, उसका मन बहुत कोमल होता है,
जिन जातको की कुंडली में चंद्र बलवान रहता है, वे व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होते है, वह व्यक्ति धैर्यवान होता है, उसमें साहस होता है, बुद्धिमान, शांत और सोच समझकर चलने वाला होता है, अपने सिद्धांतो का पक्का होता है, सामाजिक- घूमने फिरने का शौकीन और बहुत भावुक होता है,
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चंद्र चतुर्थ भाव का स्वामी है, चतुर्थ भाव माता का सुख, धन-संपत्ति, गृह सुख, जमीन-जायदाद, वाहन और जीवन के सुख सुविधाओं का कारक है, अगर कुंडली में चतुर्थ भाव मजबूत रहेगा तो व्यक्ति इन सभी सुखों का भोग करता है,
मोती धारण
चंद्र रोहिणी, हस्त और श्रवन नक्षत्रों का स्वामी है, इन नक्षत्रों के स्वामियों को भी मोती धारण करने से बहुत लाभ होता है,
चंद्र मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्रों में शुभ होता है, इन नक्षत्रों के जातकों को मोती धारण करना बहुत लाभपद्र होता है,
अगर कुंडली में चंद्र अपनी मित्र राशि, उच्च का हो तो मोती धारण करना बहुत लाभकारी होता है,
जिन जातकों की राशि कर्क है उन जातकों को भी मोती धारण से लाभ मिलता है,
जिन जातकों का लग्न कर्क है उन जातकों को तो मोती जरूर धारण करना चाहिए,
जिन जातकों का लग्न मेष, कर्क, तुला, वृश्चिक और मीन है उन जातकों के लिए चंद्र रत्न मोती बहुत लाभकारी होता है,
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए मोती धारण करना लाभदायक हो सकता है,
जिन व्यक्तियों में आत्मविश्वास की कमी हो उन जातकों के लिए भी मोती बहुत लाभदायक हो सकता है,
जिन बच्चों और विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, बार बार मन भटकता रहता है, उनके मन की एकाग्रता के लिए मोती का लॉकेट धारण करना बहुत लाभकारी होता है
जिन जातकों की कुंडली में चंद्र राहु,केतु या शनि के साथ बैठा है, उन जातकों को मोती धारण करना चाहिए,
जिन जातकों की कुंडली में चंद्र शुभ होकर नीच का हो रहा हो उन जातकों को मोती जरूर धारण करना चाहिए,
चन्द्र के रत्न मोती के लाभ/धारण करने के लाभ
मोती धारण करने से चंद्र के सभी शुभ प्रभावों की प्राप्ति होती है, मोती धारण करने से चंद्र को बल मिलता है, मानसिक शक्ति बढ़ती है, क्रोध को शांत करता है, व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है, याददाश्त को बढ़ाता है, शिक्षा में सफलता देता है, राजनीती में सफलता, प्रशासनिक कार्यो में सफलता मिलती है, सरकारी नौकरी की प्राप्ति होती है, प्रेम प्रसंगों में सफलता मिलती है, वैवाहिक और यौन जीवन खुशनुमा होता हैं,
आइये जानें मोती और स्वास्थय
जिन जातकों को मानसिक परेशानी है, जुखाम रहता है, शारीरिक निर्बलता है, मिर्गी के दौरे पड़ते हो, आँखों की कमजोरी, यादाश्त की कमी रहती हो, उन जातकों के लिए मोती धारण करना लाभदायक रहता है,
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मोती की क्वालिटी कैसी हो
मोती एक जैविक रत्न है, इसकी उतपत्ति सीप में कीड़े द्वारा होती है, जो की आड़े, टेड़े, चपटे, बेडौल सभी तरह के मोती का निर्माण करता है,
लेकिन वही मोती शुभ और धारण करने लायक होते है जो गोल और उठे हुए हो, सफ़ेद और चमकदार हो, देखने में आकर्षक, सुन्दर और चकना हो, किसी भी तरह के दाग धब्बे न हो, मोती खरीदते समय इन बातों का ख्याल अवशय रखना चाहिए।
चन्द्र के रत्न मोती के लाभ/धारण विधि
मोती को हमेशा चांदी की ही अंगूठी में ही धारण करना चाहिए, मोती धारण करने का शुभ दिन सोमवार की शाम रहता है, धारण करते समय शुभ मुहूर्त का ध्यान जरूर रखना चाहिए,
मोती धारण करने से पहले इसे गंगा जल से शुद्ध कर लेना चाहिए, धूप, दीप, तिलक आदि करके देवों की पूजा अर्चना करे,
पूजा करने के बाद चंद्र देव की पूजा करे, अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करे, चंद्र मंत्रो का कम से कम १०८ बार जाप करने के बाद मोती मुद्रिका अपनी कनिष्ठा उंगली में धारण करें।
चंद्र मन्त्र
श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः
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