चन्द्रमा कमजोर हो तो क्या होता है?

चंद्र ग्रह

चन्द्रमा कमजोर हो तो क्या होता है?-जैसा की हम जानते ही है की ग्रहों के हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव रहते है, हर ग्रह का अपना अलग प्रभाव रहता है और उनका असर अपने अपने स्वाभाव के अनुसार रहता है,

आज हम चंद्र ग्रह का मानव जीवन पर क्या प्रभाव रहता है, इसी विषय पर जानकारी प्राप्त करेंगे,
चंद्र ग्रह को मन का स्वामी कहा गया है, चंद्र हमारे मन पर अपना अधिकार रखता है और चंद्र प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में माता का स्वास्थय और माता के सुख को दर्शाता है,
अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्र शुभ नहीं है तो वह जीवन में कई तरह की मानसिक कष्ट और संघर्षो को दर्शाता है,

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इसलिए चंद्र का किसी भी कुंडली में अनुकूल होना जरुरी होता है, चंद्र अगर शुभ भावों का स्वामी होकर शुभ भाव में होगा तो बहुत योगकारक सिद्ध होता है, अगर किसी जातक के लग्न में चंद्र की उपस्तिथि है तो ऐसा जातक सुन्दर, आकर्षक और साहसी होता है,

शुभ चंद्र व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत रखता है और जीवन में बहुत सी उपलब्धियां देता है, उनत्ति, तरक्की और समाज में प्रतिष्ठा प्रदान करता है,
वही अगर कुंडली में चंद्र कमजोर या अशुभ है तो यही परिस्थितियां विपरीत हो जाती है।

आइये जानते है-चन्द्रमा कमजोर हो तो क्या होता है? क्या परेशानियां हो सकती है।

सबसे प्रथम तो अशुभ चंद्र व्यक्ति को मानसिक पीड़ा देता है, ऐसे में व्यक्ति की सोचने समझनें की शक्ति कमजोर हो जाती है और व्यक्ति अवसाद यानि डिप्रेशन में चला जाता है, व्यक्ति की माता को बीमारी या माता से संबंध ख़राब हो जाते है,

व्यक्ति को नींद नहीं आती है, उसके मस्तिष्क में हर समय हलचल रहती है, ऐसा व्यक्ति किसी अनजाने से भय से ग्रसित रहता है, उसे पानी से भय लगने लगता है, और यहाँ तक की उसके मन में आत्महत्या तक के विचार आने लगते है,

अशुभ चंद्रमा सेहत के लिए भी नुकसानकारी होता है, सर्दी-खांसी, दमा, अस्थमा, सांस की बीमारी या फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित हो सकता है,

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आइये जानते है ऐसी स्तिथि में चंद्र के क्या उपाय करें

कमजोर चंद्र को शांत करने के लिए शिव की पूजा करनी चाहिए, २१ सोमवार को व्रत रखना चाहिए और हर सोमवार शिव मंदिर जा कर पूजा और जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करना चाहिए, शिव मंदिर में ही शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए,
ऐसा करने से चंद्र मजबूत होगा और चंद्र की शांति मिलेगी,
भोलेनाथ की पूजा करने से चंद्र बहुत जल्दी शांत होते है और व्यक्ति के जीवन में भी शांति आती है,

माता और माता समान स्त्रियों के चरण स्पर्श और उनकी सेवा करने से और उन्हें प्रसन्न रखने से भी बहुत जल्दी चंद्र की शांति प्राप्त होती है,

कुंडली में चंद्र को शुभ करने के लिए चंद्र को अर्घ्य देना चाहिए, इसके लिए स्टील के लोटे में स्वच्छ जल भरे, उसमें दूध, शक़्कर, चावल और गंगाजल मिला कर संध्या चंद्र चंद्र को अर्घ्य दे और अपने जीवन में शांति और खुशियों की प्रार्थना करें, हर सोमवार को ऐसा करने से चंद्र के दोष दूर होते है,

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पूर्णिमा के दिन चंद्र की पूजा करने से चंद्र की शांति होती है,

सोमवार को सफ़ेद वस्त्र, सफ़ेद मिष्ठान मंदिर के बाहर गरीबों को दान करने से भी चंद्र के सकारात्मक परिणाम मिलते है,

हर सोमवार को चंद्र मंत्रों का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से काफी अच्छे परिणाम मिलते है और चंद्र की नकारत्मकता ख़त्म होती है,

चंद्र का रत्न मोती धारण करें

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र कमजोर, पाप ग्रहों से पीड़ित, निर्बल है तो ऐसी स्तिथि में चंद्र को मजबूत और बल प्रदान करना अति आवशयक हो जाता है, ऐसी स्तिथि में कम कम ८ कैरट का मोती चांदी की अंगूठी में अपनी कनिष्ठा ऊँगली में धारण करना चाहिए।

चंद्र मन्त्र

ऊं सों सोमाय नम:।

ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:

ऊं श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:

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