सूर्य रत्न माणिक्य

माणिक्य

‘सूर्य रत्न माणिक्य’ सूर्य का रत्न है, माणिक्य को अलग अलग भाषाओं में अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे की अंग्रेजी में रूबी, हिंदी में माणिक्य, संस्कृत में पदमराग, फ़ारसी में याकूत आदि,
माणिक्य प्राचीन समय से ही बहुत कीमती, प्रभावशाली और चमत्कारी रत्न माना गया है, प्राचीन समय से ही लोग माणिक्य को खूबसूरती और प्रभावों के अनुसार धारण करते आ रहे है, राजा महाराजा तो माणिक्य को अपने मुकुटों पर धारण किया करते थे, क्योंकि बड़ा माणिक्य इतना कीमती और दुर्लभ होता था की राजा महाराजा इसे धारण करना अपना सम्मान समझा करते थे।

आज भी बड़े और कीमती माणिक्य सभी देशों ने अपने अपने संग्रहालयों में रखें हुए है, भारत में हैदराबाद के निजाम के माणिक्य बहुत प्रसिद्ध है, वे बहुत बेशकीमती और दुर्लभ है।

ज्योतिषशास्त्र में माणिक्य का बहुत महत्व है, मणिक्य सूर्य का रत्न है, किसी जातक की जन्म पत्रिका में जब सूर्य कमजोर अथवा पीड़ित होता है तो उसे बल देने के लिए माणिक्य धारण करना जरुरी हो जाता है,
माणिक्य धारण करने से विशेष रूप से समाज में सम्मान, उनत्ति, राजनीती में उनत्ति, सरकारी संस्थानों से लाभ, संतान सुख, धन लाभ, पैतृक संपत्ति, प्रसिद्धि प्राप्त होती है। 

You will like to know about your lucky gemstone in english

माणिक्य रत्न बहुमूल्य रत्न है

माणिक्य रत्नों में बहुत कीमती और बहुमूल्य रत्न है, तभी इसे रत्नों के राजा का दर्जा प्राप्त है, माणिक्य हीरे से भी ज्यादा कीमती होता है, ५ कैरट का हीरा आसानी से प्राप्त हो जायेगा, लेकिन ५ कैरट का माणिक्य आसानी से उपलब्ध नहीं होगा और अगर मिलेगा भी तो उसकी कीमत ५ कैरट के हीरे से कईयों गुना अधिक होगी,

माणिक्य कितना भी पुराना क्यों न हो इसकी चमक कभी भी नहीं जाती, और ना ही इसपर किसी प्रकार की खरोंच ही आती है, माणिक्य एक बहुत कठोर रत्न है, इसकी कठोरता ९ की रहती है, जो की हीरे के बाद की है, हीरे की कठोरता १० की रहती है।

ऐसे तो माणिक्य को वातावरण या किसी भी प्रकार की खरोंच का कोई डर नहीं रहता, लेकिन माणिक्य को आग से दूर रखना चाहिए, आग से माणिक्य को नुकसान हो सकता है और इसके रंग पर असर आ सकता है।

You will like to Read : आपका भाग्यशाली रत्न

माणिक्य का रंग

माणिक्य का रंग लाल होता है, अलग अलग देशों और स्थानों के अनुसार इसका रंग कहीं गहरा लाल, हल्का लाल, गुलाबी, कुछ कालापन लिए लाल आदि होता है, इनमें उसी माणिक्य को सबसे उत्तम समझा जाता है जो साफसुथरा-बेदाग हो, उसमे चमक हो, पारदर्शी हो, कहीं से टुटा या चटका ना हो, हाथ फेरने में चिकना हो, कही भी काले छींटे ना हो,

आम लोगों की दृष्टि में जो भी रत्न लाल रहता है वह माणिक्य होता है, लेकिन ऐसा नहीं है, हर लाल रत्न माणिक्य नहीं होता, कई तरह के रत्न और उपरत्न यहाँ तक की नकली रत्न भी लाल रंग के होते है, उन्हें माणिक्य समझने की गलती नहीं करनी चाहिए, इसलिए सबसे अच्छा तो यही होता है की जब भी आप माणिक्य ख़रीदे यह तो उसे अपने किसी विश्वसनीय व्यक्ति से ख़रीदे या फिर किसी अधिकृत लैब टेस्टिंग से उसका प्रमाण प्राप्त कर ले।

विश्व में माणिक्य बहुत से देशों और स्थानों से प्राप्त होते है, लेकिन सबसे खूबसूरत और दुर्लभ माणिक्य बर्मा जो की आज के समय म्यांमार के नाम से जाना जाता है वहां पाए जाते है।
इसके आलावा श्रीलंका, अफगानिस्तान, अमरीका, अफ्रीका, दक्षिण भारत में भी माणिक्य प्राप्त होते है।

लग्न और रत्न

सूर्य रत्न माणिक्य को धारण करने के लाभ

माणिक्य सूर्य के शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है, माणिक्य धारण करने से समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है, पिता का सुख प्राप्त होता है, राजनीती में सफलता प्राप्त होती है, विदेश में बसने के योग बनते है, शरीर बलशाली होता है और चेहरे पर एक तेज रहता है, धन और आर्थिक उनत्ति होती है, सरकारी नौकरी प्राप्त होने के योग बनते है, सरकारी संस्थानों से लाभ मिलता है, संतान सुरक्षित रहती है और संतान उनत्ति करती है, पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है, अपने उच्च अधिकारियों से सहयोग प्राप्त होता है, अगर व्यक्ति किसी कला से जुड़ा हुआ है तो उसे बहुत प्रसिद्धि प्राप्त होती है।

अगर माणिक्य अपनी कुंडली के अनुसार सूर्य की स्तिथि देखते हुए धारण किया जाये तो शुभ मुहूर्त में धारण किया गया माणिक्य व्यक्ति को जीवन में बहुत ऊंचाइयों पर ले जा सकता है, उनत्ति, प्रसिद्धि और आर्थिक लाभ दे सकता है। 

लग्नानुसार रत्न निर्धारण

माणिक्य के औषधि गुण

चिकित्सा प्रयोग के अनुसार माणिक्य वात-पित्तनाशक और उदर रोगों में धारण करना लाभकारी बताया गया है, क्षयरोग, दर शूल, फोड़ा, धातु कमजोरी, आँखों के रोगों के लिए लाभकारी रहता है,
इनके आलावा माणिक्य धारण करने से पीलिया, रक्तः प्रवाह, रक्तः की बीमारियों, दुर्बलता, बुद्धिहीनता, लकवा, हृदय रोगों, उच्च रक्तचाप के लिए भी बहुत लाभकारी रहता है,
अगर किसी जातक के शरीर में रक्तः की कमी है, तो माणिक्य धारण करने से रक्त बढ़ता है, जिन व्यक्तियों का स्वास्थय बहुत जल्दी प्रभावित होता है उन लोगों को भी माणिक्य धारण करने से बहुत लाभ मिलता है। तपेदिक रोग में भी माणिक्य बहुत राहत प्रदान करता है।

जब कोई व्यक्ति इन रोगों से परेशान या ग्रसित हो तो उस व्यक्ति को माणिक्य धारण करना चाहिए, काफी लाभ प्राप्त हो सकता है। 

लग्न विश्लेषण

सूर्य रत्न माणिक्य की विशेष शक्ति

माणिक्य धारण करने से विचार शुद्ध होते है, मन में कुविचार नहीं आते, ऐसी प्राचीन धारणा है की अगर किसी व्यक्ति पर कोई कष्ट आने वाला हो तो माणिक्य अपना रंग बदल देता है या फिर फीका पड़ जाता है।
माणिक्य के ऐसे बदलाव से व्यक्ति अपने ऊपर आने वाली विपदा का अंदाजा लगा सकता है।

माणिक्य धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्तिथियां मजबूत होती है, व्यक्ति में मानसिक और शारीरिक बल की वृद्धि होती है, धार्मिक आस्थाओं की वृद्धि होती है, समाज में उसका रुतबा बढ़ता है

ज्योतिष अनुसार माणिक्य धारण

अगर कोई व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार माणिक्य धारण करना कहता है तो, मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु राशि के जातक माणिक्य धारण कर सकते है।

जो व्यक्ति अपने लग्न के अनुसार माणिक्य धारण करना चाहते है, मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु लग्न के जातकों को माणिक्य अवशय धारण करना चाहिए,
वृष, कर्क और तुला लग्न के जातक सूर्य की महादशा में माणिक्य धारण कर सकते है, लेकिन धारण करने से पहले सूर्य किस भाव में किस स्तिथि में है यह जान लेना बहुत जरुरी होता है

Leave a Comment