जन्म कुंडली के 12 भावों के नाम स्वरूप और कार्य

जन्म कुंडली के 12 भावों के नाम स्वरूप और कार्य।

Image by Amritendu Mukhopadhyay from Pixabay
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जन्म कुंडली के 12 भाव

जन्म कुंडली के 12 भावों के नाम स्वरूप और कार्य। ज्योतिष में जब आप लग्न कुंडली का विश्लेषण करते है, तो लग्न कुंडली में १२ भाव होते है, भाव यानि आप उन्हें १२ घर भी बोल सकते है।
इन १२ भावों के अनुसार ही किसी भी व्यक्ति के जीवन का विश्लेषण या भविष्य जाना जाता है,
हर भाव का अपना अलग महत्त्व और कार्य होता है जिसका सीधा प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता है, हर भाव के अनुसार मनुष्य के जीवन के बारे में आंकलन किया जाता है। 

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जन्म कुंडली के 12 भावों के नाम

 

  1. तनु स्थान
  2. धन स्थान
  3. भ्रातृ स्थान
  4. मातृ स्थान
  5. सुत स्थान
  6. रिपु स्थान
  7. विवाह स्थान
  8. मृत्यु स्थान
  9. भाग्य स्थान
  10. कर्म स्थान
  11. लाभ स्थान
  12. व्यय स्थान 

 

आइये इन्हीं १२ भावों के बारे में जानकारी प्राप्त करते है।

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भाव और उनके कार्य


1. पहला भाव – तन, शारीरिक रचना, चेहरा, योग्यता, आयु और जीवन की तरक्की के बारे में जानकारी मिलती है। 

2. दूसरा भाव – जीवन में धन लाभ, स्वर्ण, बैंक बेलेन्स, बुद्धि, विद्या, दायी आंख ,कुटुंब के साथ रिश्ते, वाक-चातुर्य और वाणी के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

3. तीसरा भाव – इस भाव से भाई-बहन से संबंध, छोटी यात्राएं, पराक्रम, जातक का जीवन में शारीरिक श्रम, सेवक, लेखन और प्रकाशन और खेलकूद के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

4. चौथा भाव – माता सुख, माता के शारीरिक कष्ट, हृदय और छाती के रोग, पति पत्नी विवाद, संपत्ति, घर, जमीन, सुख और वाहन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

लग्न और रत्न

5. पंचम भाव –  इस भाव से पुत्र और पुत्री सुख, संतान सुख, ज्ञान, बुद्धि, सामाजिक सम्मान, प्रेम विवाह, धार्मिक कार्य,  और  के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।

6. छठा भाव – कर्ज, रोग, दुश्मन, झनझट-फसाद, दुश्मन से हार या जीत, मामा से रिश्ते, भूत-प्रेत बाधा और क़ानूनी मुकदमों के बारे में जानकारियां हासिल की जाती है।

7. सप्तम भाव – इस भाव से कारोबार में सफलता, विवाह, जीवन साथी, वैवाहिक जीवन, वैवाहिक सुख, लालसा, वासना, चाह, परस्रीगमन और कारोबारी साझेदारी के बारे में जाना जाता है।

लग्नानुसार रत्न निर्धारण

8. अष्ठम भाव – इस भाव से व्यक्ति की आयु, असाध्य बीमारियां, मृत्यु के कारण, दु:ख और संकट, गूण रहस्य, संपत्ति, आर्थिक हानियां, गुप्त रोग, अचानक धन लाभ या हानि  और गहन शिक्षा का विश्लेषण किया जाता है। 

9. नवम भाव – धर्म-कर्म के कार्य, भाग्य, पैतृक संपत्ति, धन लाभ, कारोबारी उनत्ति, राजनीती में सफलता, ऐश्वर्य और संयास के बारे में जानकारी ली जाती है।

10. दशम भाव – इस भाव से पिता से रिश्ते, कर्म, सरकारी नौकरी, सरकारी लाभ, कारोबार, जीविका, प्रसिद्धि, सामाजिक सम्मान, उनत्ति, लम्बी यात्राएं, राजनीती और सुख का विचार किया जाता है।

लग्न विश्लेषण

11. एकादश- कारोबारी या नौकरी से आय, लाभ, कारोबारी उनत्ति, उपलब्धि, दोस्त, पुत्र-वधू के बारे में विचार किये जाते है।

12. द्वादश भाव – जीवन में व्यय, व्यर्थ के नुकसान, फिजूल खर्चे, विदेश यात्रा, बीमारी, बायीं आंख, ऐक्सीडेंट, इत्तफाक, मोक्ष, हॉस्पिटल में भर्ती, सुसाइड, जेल यात्रा के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

१२ राशियाँ

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