माणिक्य रत्न के चमत्कार फायदा

माणिक्य रत्न

नवरत्नों में से एक रत्न माणिक्य बहुत चमत्कारी और लाभकारी रत्न है, माणिक्य का नाम तो अपने सुना ही होगा, आइये आज इसी माणिक्य रत्न के चमत्कार फायदा के बारे में जानते है।

माणिक्य यानि की सूर्य का रत्न, माणिक्य की हम माणिक या अंग्रेजी में रूबी के नाम से भी पुकारते है, माणिक्य सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व रत्न है, माणिक्य रत्न को सूर्य ग्रह के सभी शुभ प्रभावों की ऊर्जा प्राप्त है,
माणिक्य लाल, गुलाबी या गहरा लाल रंगो में प्राप्त होता है, जिस प्रकार सूर्य ग्रहों का राजा है उसी प्रकार माणिक्य भी रत्नों का राजा कहलाता है, माणिक्य धारण करने से सूर्य को बल प्राप्त होता है, सूर्य की ऊर्जा धारणकर्ता तक पहुँचती है, यही कारण है की जब कुंडली में सूर्य कमजोर या अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो तब माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है।

सूर्य रत्न माणिक्य बहुत प्रभावशाली रत्न है, माणिक्य धारण करने से समाज में उनत्ति, मान-सम्मान, आर्थिक उनत्ति, संतान सुख, संपत्ति लाभ, सफलता प्राप्त होती है, माणिक्य व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और जातक को प्रभावशाली बनाता है।

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माणिक्य के लाभ:

अगर खूबसूरती और सुंदरता की बात की जाये तो माणिक्य रत्नों में सबसे खूबसूरत रत्न माना जाता है, एक सुन्दर, चमकदार, पारदर्शी लाल रंग का माणिक्य सबका मन मोह लेता है, माणिक्य रत्नों में सबसे कीमती और मूलयवान रत्न है,
उदहारण के तौर पर ऐसे जाने की 5 कैरट का हीरा आपको आसानी से मिल जायेगा, लेकिन अगर आप ५ कैरट का निर्दोष माणिक्य लेने जायेंगे तो इसका मिलना मुश्किल होगा और अगर मिल भी जायेगा तो ५ कैरट का हीरा आपको १० लाख में मिल जायेगा लेकिन वही ५ कैरट का माणिक्य ५० लाख या उससे भी अधिक में प्राप्त होगा,
इस उदहारण से आप समझ ही गए होंगे की क्यों माणिक्य को सबसे कीमती और मूलयवान रत्न बोला जाता है।

माणिक्य को सर्वप्रथम ज्योतिष अनुसार सूर्य के लाभ प्राप्त करने लिए ही प्राप्त किया जाता है, लेकिन आजकल माणिक्य का इस्तेमाल ज्वेलरी कंगन, हार में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार माणिक्य सूर्य की सकारात्मक ऊर्जाओं का संचालन करता है, माणिक्य धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जाओं का संचालन होने लगता है, व्यक्ति अपने अंदर एक शक्ति का अनुभव करने लगता है, उसका मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ने लगता है, सामजिक तौर भी उसकी प्रसिद्धि और सम्मान बढ़ने लगता है।

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ऐसे व्यक्ति जो सरकारी कार्यो और क्षेत्रों से जुड़े हुए है, प्रोफेसर या शिक्षण संस्थानों से जुड़े है, बड़े कारोबारी है, राजनीती से जुड़े है, बड़े प्रशासनिक पदों पर है, सेना या पुलिस विभाग से जुड़े है, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का बिज़नेस करते है, सरकारी नौकरी, क्षेत्रों या ठेकों से लाभ प्राप्त करना चाहते है ऐसे व्यक्तियों के लिए सूर्य का रत्न माणिक्य बहुत लाभकारी रहता है,
ऐसे व्यक्ति तो अपने टेलेंट या कला से प्रसिद्धि प्राप्त करना चाहते है, आर्थिक उनत्ति प्राप्त करना चाहते है, ऐसे व्यक्तियों के लिए माणिक्य एक चमत्कारी रत्न साबित हो सकता है।

जिन व्यक्तियों में आत्मविश्वास की कमी हो, अपने जीवन में निर्णय लेने में कमजोर हो, दिल डरता हो, ऐसे व्यक्तियों का माणिक्य आत्मविश्वास बढ़ाता है, दिल को मजबूत करता है और decision making में मजबूती प्रदान करता है।

माणिक्य धारण करने के लाभ:

लीडरशिप और संचालन क्षमता:

सूर्य रत्न माणिक्य धारण करने से लीडरशिप और संचालन की क्षमता बढ़ती है, जनता को संबोधित करने में, राजनीती में, सरकारी क्षेत्रों और उच्च सरकारी पदों पर, कारोबार में, सामजिक तौर पर व्यक्ति के व्यक्तित्व में लीडरशिप और संचालन कौशल बढ़ता है।
व्यक्ति को बहुत जन समर्थन प्राप्त होता है और उसके कार्यो को बहुत सराहा जाता है

आत्मविश्वास बढ़ता है:

ऐसे बहुत से व्यक्ति होते है जो जीवन में में कोई भी निर्णय लेने में हिचकिचाते है, उनका आत्मविश्वास बहुत कमजोर होता है, लोगों के बीच जाने में घबराते है, अपनी इसी कमजोरी की वजय से वे अपने जीवन के बहुत से महत्वपूर्ण समय गवां देते है, ऐसे व्यक्तियों के लिए माणिक्य धारण करना एक चमत्कार हो सकता है,
माणिक्य धारण करने से ऐसे व्यक्तियों का आत्मबल बढ़ता है, भ्रम दूर होता है, उनकी बौद्धिक क्षमता और कार्यक्षमता बढ़ती है।

लग्न और रत्न

व्यक्तित्व:

माणिक्य अपनी शक्ति और ऊर्जा का संचार धारणकर्ता पर करने लगता है, व्यक्ति के अंदर सकारत्मक ऊर्जाओं का संचालन होने लगता है,
जिसका परिणाम धारणकर्ता के व्यक्तित्व में स्पष्ट रूप से दिखने लगता है, उसका व्यक्तित्व बदल जाता है, व्यक्ति में कमांडिंग power आ जाती है, उसके मनोबल में बहुत बढ़ोतरी हो जाती जिससे उसके व्यक्तित्व में एक अलग ही निख़ार आ जाता है।

जीवनशैली जीने का तरीका:

माणिक्य धारण करने से व्यक्ति की जीवन-शैली और रहन-सहन में बहुत बदलाव हो जाता है, व्यक्ति की आर्थिक उनत्ति के साथ साथ उसके जीवन जीने का तरीका शानदार हो जाता है।

सर्जनशीलता:

माणिक्य धारण करने से व्यक्ति की सर्जनशीलता बढ़ती है, जो व्यक्ति कलाकार है, कला क्षेत्रों से जुड़े है, प्रोजेक्ट मैनेजर है, इंजीनियर है, स्टॉक मार्केट से जुड़े है, ऐसे व्यक्तियों के माणिक्य धारण करने से उनकी सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है, विशेष रूप से ऐसे व्यक्तियों को बहुत लाभ मिलता है जो कला क्षेत्रों से जुड़े हुए है।

लग्नानुसार रत्न निर्धारण

स्वास्थय के लिए लाभकारी:

सिर्फ ऐसा ही नहीं है की माणिक्य व्यक्ति को केवल सामाजिक और आर्थिक उनत्ति ही प्रदान करता है, माणिक्य धारण करने से बहुत से शारीरिक लाभ भी धारणकर्ता को प्राप्त होते है,
ऐसे व्यक्ति जिनको रक्तः की बीमारियां या रक्तः की कमी है, जिन व्यक्तियों की हड्डियां कमजोर है, त्वचा के रोग है, विटामिन्स की कमी है, हृदय रोग है, उच्च रक्तचाप है ऐसे व्यक्तियों को माणिक्य धारण करने से बहुत लाभ मिलता है, उन्हें इन शारीरिक तकलीफों से छुटकारा मिलता है।

ज्योतिष अनुसार माणिक्य धारण:

अभी तक अपने जाना की साधारण तौर पर माणिक्य धारण करने से क्या क्या लाभ प्राप्त हो सकते है, आइये अब जानकारी प्राप्त करते है की ज्योतिष अनुसार माणिक्य धारण करने के क्या तरीके होते है,

लग्न विश्लेषण

ज्योतिष अनुसार जिन व्यक्तियों की मेष, वृष, सिंह, वृश्चिक, और धनु राशि के जातक माणिक्य धारण करके लाभ प्राप्त कर सकते है,
जिन व्यक्तियों का का लग्न सिंह, मेष, वृश्चिक और धनु है उन जातकों को माणिक्य धारण करना बहुत लाभकारी होता है, वृष लग्न के जातक सूर्य की महादशा में सूर्य की स्तिथि को देखते हुए माणिक्य धारण कर सकते है।

माणिक्य धारण करने का तरीका:

माणिक्य हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही धारण करें, माणिक्य ४ कैरट या उससे ऊपर का ही होना चाहिए, माणिक्य में किसी भी प्रकार का दाग या टुटा हुआ नहीं होना चाहिए,
माणिक्य धारण करने की सर्वश्रेष्ठ धातु तांबा है, द्वितीय स्थान सोना और अष्टधातु का आता है, माणिक्य को सोमवार के दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में केवल अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए,
धारण करने से पहले पूर्ण विधि विधान से पूजा पाठ करें, सूर्य मंत्रो का कम से कम ११०० जाप करें।

तभी माणिक्य में सूर्य की समस्त ऊर्जा और लाभ प्राप्त होंगे।

१२ राशियाँ

सूर्य मन्त्र:

  • ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
  • ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:

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