चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022
चंद्र ग्रहण का समय
चंद्र ग्रहण तारीख़ | 8 नवंबर 2022-मंगलवार |
चंद्र ग्रहण समय | शाम 5:28 मिनट से शाम 6:18 |
सूतक काल प्रारंभ | सुबह 8:28 बजे से शाम 6:18 तक |
चंद्र ग्रहण शहर अनुसार
शहर | चंद्र ग्रहण समय |
---|---|
दिल्ली | 5:27 – से प्रारंभ |
भोपाल | 5:35 – से प्रारंभ |
मुंबई | 6:00 – से प्रारंभ |
कलकत्ता | 5:50 से प्रारंभ |
नोएडा | 5:32 – से प्रारंभ |
जयपुर | 5:38 – से प्रारंभ |
अमृतसर | 5:31 – से प्रारंभ |
देहरादून | 5:20 – से प्रारंभ |
लखनऊ | 5:15 – से प्रारंभ |
इंदौर | 5:42 – से प्रारंभ |
लुधियाना | 5:35 -से प्रारंभ |
उदयपुर | 5:50 – से प्रारंभ |
शिमला | 5:20 – से प्रारंभ |
पटना | 5:00 – से प्रारंभ |
गांधीनगर | 5:53 – से प्रारंभ |
रायपुर | 5:20 – से प्रारंभ |
चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022
इस वर्ष का आखरी चंद्र ग्रहण मंगलवार, 8 नवंबर 2022 को शाम 5:28 मिनट से शाम 6:18 मिनट तक रहेगा।
यह चंद्र ग्रहण इस वर्ष का आखरी चंद्र ग्रहण है, इसलिए इसका प्रभाव सभी राशियों पर रहेगा।
इस दिन देव दीपावली का त्यौहार भी पड़ रहा है, मंगलवार, 8 नवंबर को ग्रहण काल होने की वजय से ज्योतिषचार्यों में देवदीपावली के त्यौहार को एक दिन पूर्व यानि की 7 नवम्बर को मानाने का निर्णय लिया है।
यह चंद्रग्रहण उत्तर-पूर्व राज्यों में पूर्ण रूप से दिखेगा और देश के बाकी हिस्सों में आंशिक रूप से दिखलाई देगा।
मंगलवार 8 नवम्बर 2022 को कार्तिक पूर्णिमा भी है, मंगलवार की ही सुबह 8:28 बजे से सूतक लग जायेगा को की शाम 6:18 मिनट तक रहेगा, इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे,
इसलिए कथाओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समापन मंगलवार , 8 नवंबर 2022 की ही सुबह 8:28 से पहले कर दिया जायेगा।
सूतक क्या होता है
सूर्य या चंद्र ग्रहण लगने से पहले के समय को सूतक बोला जाता है , सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले प्रारम्भ होना माना जाता है और सूतक ग्रहण ख़त्म होने के साथ ख़त्म होता है,
सूतक काल वह काल होता है, जिसके दौरान मंदिरों में पूजा करना, माँगलिक कार्य, कोई भी शुभ कार्य, भोजन बनाना आदि पूरी तरह से वर्जित कहा गया है, इस दौरान ऐसा कोई भी कार्य करने से बहुत अशुभ प्रभाव देखने को मिलते है।
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सूतक के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
1. सूतक लगने के बाद कम बोलना चाहिए और अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान ईश्वर में लगाना चाहिए,
2. जितना हो सके अपना मन भक्ति में लगाए और ईश्वर का समरण करें, ऐसा करने से आपके परिवार की ग्रहण के दुष्प्रभावों से रक्षा होगी और आपकी आध्यात्मिक शक्ति का भी विकास होगा,
3. सूतक के दौरान ग्रहों और ग्रहण से सम्बंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से ग्रहण दोष मुक्त रहेंगे,
4. सूतक के दौरान किसी भी प्रकार का भोजन नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से ग्रहण के बुरे प्रभाव पड़ते है और अगर घर में पहले का भोजन, दूध आदि पड़ा है तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल दें, ऐसा करने से भोजन ग्रहण से दूषित नहीं होगा,
5. चंद्र ग्रहण के दौरान स्वयं और परिवार सहित चंद्र और सूर्य मंत्रो का नियमित जाप करते रहे,
6. सूतक के दौरान भगवान की किसी भी प्रतिमा को छूना पूरी तरह से वर्जित है,
7. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी पेड़,पौधे या तुलसी जी को छूना निषेद है,
8. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर बिलकुल भी नहीं निकलना चाहिए, किसी भी सूरत में गर्भ पर ग्रहण की छाया नहीं पड़नी चाहिए,
9. सूतक के दौरान सोना वर्जित है और ना ही कुछ खाना चाहिए, केशों में कंघी आदि भी नहीं करनी चाहिए,
10. सूतक के दौरान क्रोध, लड़ाई, फसाद बिलकुल नहीं करने चाहिए, ऐसा करने से पूर्ण रूप से नकारत्मक ऊर्जाओं का प्रभाव पड़ता है,
11. सूतक में जहां तक हो सके टॉयलेट का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए,
12. सूतक के दौरान किसी भी धारदार हथियार, चाकू, कैंची का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए,
13. ग्रहण के दौरान शांति से एक जगह बैठकर मंत्रों का जाप करते रहे, मंत्रो में आप अपने इष्ट देव का मन्त्र, ग्रहों के मन्त्र, सूर्य या चंद्र मन्त्र अथवा गायत्री मंत्रों का जाप कर सकते है,
ॐ नम: शिवाय का जाप भी आप निरंतर कर सकते है, ऐसा करने से ग्रहण के बुरे प्रभावों से आप सुरक्षित रहेंगे।
14. सूतक ख़त्म होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें, घर को साफ करने के बाद स्नान करके पूजा पाठ करना चाहिए,
चंद्र ग्रहण के राशि अनुसार प्रभाव
मेष राशि – मेष राशि जातकों के लिए ग्रहण शुभ नहीं है, मानसिक अशांति और आर्थिक हानि हो सकती है।
वृष राशि – ग्रहण शुभ नहीं है, पारिवारिक तनाव, प्रेम संबंधो और वैवाहिक संबंधो में तनाव हो सकता है।
मिथुन राशि – ग्रहण का असर शुभ रहेगा, आर्थिक वृद्धि और सामजिक सम्मान की प्राप्ति होगी।
कर्क राशि – ग्रहण का मिलाजुला असर रहेगा, धन, कारोबार और नौकरी में वृद्धि, सामाजिक सम्मान की प्राप्ति, मानसिक तनाव और शिक्षा में रूकावट।
सिंह राशि – सिंह राशि वालों के लिए ग्रहण का प्रभाव कारोबार, नौकरी और आय की दृष्टि से लाभकारी, लेकिन अधिकारियों से तनाव, स्वास्थय को हानि और कमजोर मानसिक दशा।
कन्या राशि – ग्रहण का असर शुभ रहेगा, धन लाभ, शिक्षा में सफलता , मधुर पारिवारिक और प्रेम संबंध, मजबूत मनोबल की प्राप्ति होगी, आय के साधनो ऊंच नीच रह सकती है।
तुला राशि – इनके लिए ग्रहण शुभ नहीं रहेगा, आय और कारोबार को लेकर मानसिक चिंता बनी रहेगी, पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में भी तनाव बना रह सकता है।
वृश्चिक राशि – इनके लिए ग्रहण का मिलाजुला असर रहेगा, शिक्षा में लाभ मिलेगा, संतान सुख भी अच्छा रहेगा लेकिन व्यर्थ की यात्राएं और खर्च बढ़ सकते है जिनकी वजय से मानसिक परेशानी और स्वास्थय कमजोर होगा।
धनु राशि – ग्रहण का असर कही शुभ तो कही नुकसान करेगा, धन आगमन के रास्ते बढ़ेंगे, सुख में वृद्धि होगी लेकिन दांपत्य जीवन में मानसिक तनाव और विवाद रह सकता है।
मकर राशि – इस राशि के जातकों के लिए भी ग्रहण का असर मिलाजुला रहेगा, स्वास्थय में सुधार होगा, कारोबार में भी वृद्धि होगी, लेकिन पारिवारिक जीवन को लेकर मानसिक तनाव रह सकता है।
कुंभ राशि – इस राशि के जातकों के लिए ग्रहण हर तरह से शुभ रहने वाला है, आर्थिक उनत्ति, धन लाभ, मधुर प्रेम और वैवाहिक संबंध और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।
मीन राशि – इन जातकों के लिए भी ग्रहण के प्रभाव शुभ नहीं होंगे, शिक्षा में रूकावट, मित्रों, सम्बन्धियों और भाई-बहनों से उलझन और संतान को लेकर चिंता बनी रहेगी।
चंद्र ग्रहण के लिए मन्त्र
चंद्र ग्रहण के दौरान अपनी और अपने परिवार की सुख शांति के लिए इनमें से किन्हीं मंत्रो का जाप किया जा सकता है।
चंद्र मन्त्र | ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः |
चंद्र मन्त्र | ॐ सों सोमाय नमः. |
चंद्र मन्त्र | ॐ चं चंद्रमस्यै नम:. |
शिव मन्त्र | ॐ नमः शिवाय |
माँ दुर्गा मन्त्र | ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम: |
गायत्री मन्त्र | ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् |
अपनी राशि के अनुसार मन्त्र जप
अपनी राशि के अनुसार जाप करने से जिन राशियों पर ग्रहण से अशुभ प्रभाव है उनके अशुभ प्रभावों में कमी आएगी,
और जिन राशियों के लिए ग्रहण का असर शुभ है उनके लाभों में और अधिक वृद्धि होगी।
राशि | मन्त्र |
---|---|
मेष | ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः |
वृष | ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः |
मिथुन | ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः |
कर्क | ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: |
सिंह | ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः |
कन्या | ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः |
तुला | ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः |
वृश्चिक | ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः |
धनु | ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः बृहस्पतये नम: |
मकर | ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः |
कुंभ | ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः |
मीन | ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः बृहस्पतये नम: |