सूर्य भगवान का मंत्र क्या है? सूर्य मन्त्र

सूर्य मन्त्र

ज्योतिशास्त्र में सूर्य देव और सूर्य मन्त्र को बहुत शक्तिशाली माना गया है, जन्म कुंडली में सूर्य का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है, किसी भी जातक की कुंडली में सूर्य का शक्तिशाली और योगकरक होना बहुत महत्वपूर्ण होता है,
सूर्य जातक की प्रसिद्धि ,उनत्ति, तरक्की और सामजिक सम्मान का कारक होता है, सूर्य की योगकारक स्तिथि जातक को जीवन में सभी सुख सुविधाओं की प्राप्ति करवाती है,

लेकिन अगर कुंडली में सूर्य कमजोर, पीड़ित या अशुभ हो तो जातक इन्हीं सुखों से वंचित रह जाता है, उसे जीवन में कई प्रकार के संघर्षो का सामना करना पड़ता है, सफलता के लिए बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ता है, सामाजिक और पारिवारिक बदनामी तक झेलनी पड़ सकती है, शारीरिक कष्ट भी सहना पड़ता है,

१२ राशियाँ

ऐसी परिस्तिथि में सूर्य की अशुभता को दूर करना बहुत जरुरी होता है और सूर्य को शांत करना अत्यंत आवशयक होता है,
ऐसे में सूर्य के शक्तिशाली मंत्रों द्वारा आप सूर्य की अशुभता को कम या ख़त्म भी कर सकते है, आज की इस पोस्ट में हम आपको ऐसे ही ३ सूर्य मंत्रों के बारे में बता रहे है जिनका निरंतर जाप करके आप अपने सूर्य को मजबूत कर सकते है और सूर्य के शुभ प्रभावों की प्राप्ति कर सकते है,

सूर्य मंत्रों का जाप इतना शक्तिशाली है की अगर आप इस मन्त्र का नियमित जाप करते है तो आप जीवन की सभी खुशियों की प्राप्ति कर सकते है, अपने जीवन की सभी समस्याओं को ख़त्म कर सकते है और एक स्वस्थ जीवन की प्राप्ति कर सकते है।

ऐसे तो सूर्य के बहुत से मन्त्र है, लेकिन साधारण व्यक्ति के लिए बड़े और मुश्किल मंत्रों का जाप करना बहुत कठिन हो जाता है, इसलिए जरुरी नहीं है की आप लम्बे और कठिन मंत्रों का जाप करें, आप यहाँ बताये गए आसान सूर्य मंत्रों के जाप से भी पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते है,
अगर आप अपनी जन्म कुंडली में सूर्य को बल देने के लिए surya mantr का जाप करते है या आप सूर्य देव की पूजा, प्रार्थना या सूर्य के यंत्र या रत्न की सिद्ध करने के लिए जाप करते है, तो हमने यहाँ 3 सूर्य मन्त्र बताने जा रहे है, जो सूर्य के अत्यंत शक्तिशाली मन्त्र है और आप इनमें से किसी भी एक मन्त्र के जाप से सूर्य देव को प्रस्सन कर सकते है।

क्रमसूर्य मन्त्र
1.ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
2.ॐ सूर्याय नम:
3.ॐ घृणि सूर्याय नम:

सूर्य मन्त्र जाप संख्या

सूर्य के मन्त्र की जाप सांख्य आप अपने समय और मन की तसल्ली के अनुसार कर सकते है,
वैसे तो किसी भी मन्त्र की जप संख्या प्रति माला के अनुसार ही निर्धारित की जाती है, मन्त्र जाप संख्या १ माला, ३ माला, ७ माला, ११ माला, २१ माला आदि का विधान है, कोई भी मन्त्र १ माला (१०८ संख्या) से कम कभी भी नहीं करना चाहिए, वो फलित नहीं होता है,
कई लोग ११, २१ ५१ बार ही मन्त्र जप लेते है जिसका कभी भी फल प्राप्त नहीं होता है, जप संख्या कभी भी १ माला से कम नहीं होनी चाहिए

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सूर्य मन्त्र द्वारा यंत्र या माणिक्य अंगूठी सिद्ध संख्या

जब भी आप सूर्य का रत्न माणिक्य धारण करने जा रहे है तो आपको उस माणिक्य या सूर्य यंत्र को अभिमंत्रित और सिद्ध करना जरुरी होता है, अन्यथा वे प्रभावहीन होते है और उन्हें धारण करने से कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता है,
जब भी आप सूर्य यंत्र या सूर्य रत्न माणिक्य को सिद्ध करते है तो उन्हें सूर्य मन्त्र द्वारा सिद्ध करने की संख्या ७,००० है।

सूर्य का रत्न

सूर्य का रत्न माणिक्य है।

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सूर्य मन्त्र

1. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
2. ॐ सूर्याय नम:
3. ॐ घृणि सूर्याय नम:

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