मंगल ग्रह खराब होने पर क्या होता है?

मंगल ग्रह

मंगल ग्रह को ग्रहों के सेनापति का दर्जा मिला हुआ है, इसलिए किसी भी जातक के जीवन में मंगल की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है, सेनापति मतलब आपके राज्य का रखवाला, बस यही भूमिका मंगल आपकी जन्म कुंडली में भी निभाता है। आइये आज के इस लेख में यही जानकारी प्राप्त करते है की अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह खराब होने पर क्या होता है?

मंगल की विशेषताएं

कुंडली में शुभ और बलशाली मंगल आपके जीवन का रक्षक होता है, आपके मनोबल, आत्मविश्वास, परिश्रम, शारीरिक मजबूती, नेतृत्व क्षमता, साहस, दिलेरी, दुश्मनों का नाश करनेवाला, मांगलिक कार्य संपन्न करनेवाला, जमीन-जायदाद-संपत्ति लाभ, धन लाभ, सरकारी संस्थानों से लाभ और उनत्ति तरक्की प्रदान करनेवाला होता है,

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इसलिए मंगल की भूमिका किसी भी जातक के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है और अगर यही मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ या बलहीन है तो व्यक्ति इन्हीं प्रभावों से वंचित होने लगता है।

मंगल ग्रह खराब होने पर क्या होता है

  • जातक का मनोबल बहुत कमजोर होता है।
  • वह बहुत जल्दी घबरा जाता है।
  • जातक परिश्रमी नहीं होता है।
  • व्यक्ति अक्सर पैसों की कमी से परेशान रहता है।
  • जातक किसी ना किसी प्रकार से कर्ज में रहता है।
  • संपत्ति और जमीन विवाद झेलने पड़ते है।
  • जातक क़ानूनी विवादों में फस सकता है।
  • धन की कमी और आर्थिक परेशानियां बनी रहती है।
  • अगर मंगल का प्रभाव विवाह भाव से है तो वैवाहिक दिक्कतें बनी रहती है।
  • जातक पेट के रोग, शारीरिक दुर्बलता और रक्तः की समस्या से ग्रसित हो सकता है।

ख़राब और अशुभ मंगल के अन्य प्रभाव

  • जातक बहुत उग्र और हिंसक होता है।
  • जातक घर में अशांति फ़ैलाने वाला होता है।
  • लड़ाई झगड़े और मारपीट करनेवाला होता है।
  • गलत कार्यो से धन कामने वाला होता है।
  • झूठ कपट करनेवाला होता है।
  • अपने जीवनसाथी को प्रताड़ित करनेवाला।
  • जेल जाने वाला हो सकता है।

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मांगलिक योग

अगर किसी जातक की जन्म पत्रिका में मंगल 1, 4, 7, 8, 12 वे भाव है तो यह मांगलिक योग बनता है, मांगलिक योग विवाह पर अपना असर डालता है, इसलिए जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक योग हो उन्हें गहनता के साथ कुंडली मिलान करने के बाद विवाह करना चाहिए, अन्यथा वैवाहिक जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

मांगलिक योग के प्रभाव

  • मंगल प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्ठम और द्वादश भाव में होने से मांगलिक योग बनता है।
  • मांगलिक योग विवाह और वैवाहिक जीवन पर अपना प्रभाव डालता है।
  • मांगलिक योग को विवाह के लिए अशुभ माना गया है।
  • मांगलिक योग होने पर कुंडली मिलान और मांगलिक लड़का या लड़की से ही विवाह करना चाहिए।

अंगारक योग

अंगारक योग भी मंगल का एक बहुत ख़राब योग है, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल और राहु एक साथ किसी भाव में आ जाये तो यह अंगारक योग बनता है, अंगारक योग एक अशुभ योग है,

  • अंगारक योग होने से जातक को अपने जीवन में बहुत से संघर्षो का सामना करना पड़ता है।
  • धन का आभाव बना रहता है।
  • जातक हिंसक और गन्दी वाणी वाला होता है।
  • आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता रहता है।
  • परिवार और रिश्तेदारों से ख़राब सम्बन्ध रहते है।
  • परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों से सिर्फ धोखा मिलता है।
  • दुर्घटना की संभावनाएं बनी रहती है।
  • शारीरिक कष्ट रहता है।
  • रक्तः की बीमारी-कमी, शारीरिक दुर्बलता रहती है।
  • ऑप्रेशन होने के चांसेस बने रहते है।
  • संपत्ति विवाद और संपत्ति छिन जाने के प्रभाव रहते है।

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मंगल दोष होने पर उपाय

  • हनुमान जी की नित्य सेवा करें।
  • हर मंगलवार हनुमान मंदिर में दीप जलाए और नारियल चढ़ाये।
  • नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • मंगलवार को हनुमान मंदिर में लाल ध्वज चढ़ाए।
  • मंगलवार को उपवास और हनुमान जी की पूजा अर्चना करें।
  • हनुमान जी को मंगलवार के दिन सिंदूर और लाल वस्त्र चढ़ाए।
  • सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।
  • नित्य मंगल मन्त्र “ॐ भौम भौमाय नम:” का १ माला का जाप करें।
  • २१ मंगलवार का संकल्प लेकर हनुमान मंदिर जाए और नारियल चढ़ाए।

इन उपायों को अपने जीवन में शामिल करने से निश्चित रूप से ख़राब और मंगल दोष होने से लाभ मिलेगा, जीवन में शांति होगी और मंगल के अशुभ प्रभाव ख़त्म

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