जब व्यक्ति जन्म पत्रिका के अनुसार मंगल के लाभ और मंगल को बल देने के लिए रत्न धारण का विचार करता है तो यह जानना बहुत जरुरी हो जाता है की मंगल ग्रह का रत्न कौन सा है?
आइये आज के इस लेख से यही जानकारी प्राप्त करते है की मंगल ग्रह का रत्न कौन सा है जिसे धारण करने से हम मंगल जनित सभी लाभों की प्राप्ति कर सकते है।
मंगल ग्रह और लाल मूंगा
नवरत्नों में हर रत्न किसी ना किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जन्म पत्रिका में ग्रह की स्तिथि अनुसार रत्न धारण किया जाता है,
ऐसे ही मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व रत्न लाल मूंगा है, किसी भी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, अगर कुंडली में मंगल बलवान है तो उस जातक के जीवन में तरक्की के द्वार खुले रहते है, लेकिन अगर कुंडली में मंगल बलहीन, अस्त, निर्बल, पाप पीड़ित या नीच का है तो जातक को अपने जीवन में बहुत सी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जीवन संघर्षो से भरा रहता है , शारीरिक कष्ट बने रहते है यहाँ तक की व्यक्ति कर्जों में भी डूबा रहता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन्हीं मंगल के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए मंगल का रत्न लाल मूंगा धारण किया जाता है, लाल मूंगा मंगल ग्रह की ऊर्जा को संचालित करता है, मंगल ग्रह की रश्मियां लाल है और मंगल रत्न लाल मूंगा भी लाल है, इसी के साथ साथ समुन्द्र की गहराइयों से प्राप्त होने वाले लाल मूंगे में विशेष तौर पर मंगल ऊर्जाओं को संचालित करने की शक्तियां विद्ययमान है,
यही कारण है की मंगल ग्रह का रत्न लाल मूंगा है।
लाल मूंगा धारण करने से जातक को बहुत से लाभ प्राप्त होते है, अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल बलहीन, राहु-शनि से पीड़ित, सूर्य से अस्त या नीच का भी है तो कुंडली का निरीक्षण करने के बाद लाल मूंगा धारण करके जीवन में धन, शारीरिक मजबूती, उनत्ति और तरक्की की प्राप्ति की जा सकती है,
अगर सटीक जन्म कुंडली के निरीक्षण और विधि विधान से लाल मूंगा धारण किया जाये तो लाल मूंगा जातक को बहुत धनवान भी बना सकता है, लेकिन लाल मूंगा धारण करने से पहले कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना भी बहुत जरुरी होता है।
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मंगल रत्न लाल मूंगा कौन धारण कर सकता है
- मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न के जातक लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- वृष और मिथुन लग्न के जातकों को लाल मूंगा कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।
- तुला, मकर कर कुम्भ लग्न के जातक अपनी कुंडली में मंगल की स्तिथि देखते हुए केवल मंगल की महादशा में लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- अगर किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष है तो वह ज्योतिष की सलाह से लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- कुंडली में मंगल निर्बल हो तो लाल मूंगा जरूर धारण करना चाहिए।
- मंगल सूर्य से अस्त हो तो भी लाल मूंगा धारण करना चाहिए।
- मंगल शनि-राहु से पीड़ित तो भी लाल मूंगा धारण करना चाहिए।
- अगर मंगल
- अगर कोई व्यक्ति दिल से कमजोर है, डरपोक है, ऐसे जातक लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- अगर किसी जातक में आत्मविश्वास की कमी हो, परिश्रम नहीं कर पाता हो ऐसे जातक लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- मेडिकल या हॉस्पिटल क्षेत्रों से जुड़े व्यक्ति लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- पुलिस विभाग, सेना, अग्निशमन विभागों से जुड़े व्यक्ति लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- होटल, रेस्टोरेंट से जुड़े लोग भी लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- प्रशासनिक कार्यो और ठेकों से जुड़े व्यक्ति भी लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- राजनीती से जुड़े व्यक्ति भी लाल मूंगा धारण कर सकते है।
- जमीन क्रय-विक्रय से जुड़े लोगो को भी लाल मूंगा लाभ देता है।
- जिन व्यक्तियों में खून की कमी हो, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो उन्हें लाल मूंगा धारण करना चाहिए।
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लाल मूंगा धारण में सावधानी ?
कभी भी बगैर कुंडली निरिक्षण के लाल मूंगा धारण ना करें।
लाल मूंगे की पहचान ?
लाल मूंगे की सबसे आसान पहचान यह है की जब आप किसी सुई की नोक से लाल मूंगे पर पानी की बूंद रखते है तो वह वही की वही जमी रहती है, जबकि नकली मूंगे में वह बूंद फ़ैल जाएगी,
लाल मूंगे की सबसे आसान पहचान यही है, नहीं तो सबसे श्रेष्ठ पहचान तो रत्न की लैब टेस्टिंग करवाना ही होता है।
लाल मूंगा कब धारण करें ?
मंगलवार सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त देखकर।
लाल मूंगा किस धातु में धारण करें ?
लाल मूंगा की प्रथम धातु तांबा है, द्वितीय धातु सोना और तृतीय धातु पंचधातु या अष्ठधातु है, अपनी सुविधानुसार इन धातुओं में लाल मूंगा धारण करना श्रेष्ठ होता है।
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