माणिक्य रत्न

माणिक्य रत्न क्या है

माणिक्य रत्न सूर्य का मुख्य रत्न है, माणिक्य लाल रंग का रत्न है जो दिखने में काफी खूबसूरत होता है, माणिक्य रत्न कोरन्डम जाती का खनिज रत्न है जिसमें अलुमिनियम आक्साइड होता है, माणिक्य की कठोरता हीरे के बाद आती है, इसकी कठोरता 9 की होती है, अगर माणिक रत्न के अंग्रेजी नाम की बात की जाये तो माणिक को अंग्रेजी में “Ruby” बोला जाता है,

माणिक्य एक पारदर्शी लाल रंग का बहुत खूबसूरत और कीमती रत्न है, इसका उपयोग ज्वैलरी और ज्योतिष अनुसार किया जाता है, माणिक की बहुत कीमती ज्वैलरी और हार बनाए जाते है, प्राचीन समय में राजा महाराजा माणिक्य का प्रयोग अपने मुकुटों और बेशकीमती हार में किया करते थे,
आज भी पुराने राजा महाराजाओं के जवाहरातों में बहुमूल्य माणिक जड़े हुए है, जिनमें से अपने हैदराबाद के निजाम के माणिक के आभूषणों के बारे में तो जरूर सुन रखा होगा।

माणिक्य के प्राप्ति स्थान तो पूरा विश्व है, लेकिन बर्मा के माणिक्य विश्व में सबसे नायाब माने जाते है, बर्मा के माणिक्य सुर्ख लाल रंग और पारदर्शी होते है, विश्व के कीमती माणिक्य बर्मा से ही प्राप्त हुए है,
श्रीलंका से प्राप्त होने वाला माणिक दूसरे स्थान पर आता है, श्रीलंका से प्राप्त होने वाले माणिक भी बहुत अच्छी क्वालिटी और ऊँचे दर्जे के होते है।

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माणिक का रंग क्या है?

माणिक का असल रंग लाल होता है, लेकिन माणिक हल्का लाल, गुलाबी और कुछ कालापन लिए लाल भी होता है, सबसे उत्तम और बेस्ट क्वालिटी का माणिक सुन्दर लाल रंग, दाग-धब्बों रहित, चमकदार और पूर्ण पारदर्शी को माना जाता है,

माणिक स्टोन क्या करता है?

माणिक स्टोन जयोतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रह का रत्न है, जन्म कुंडली में जब सूर्य की स्तिथि कमजोर या दूषित होती है तब माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है, माणिक धारण करने से सूर्य बलवान होता है, सूर्य के बलवान होने से व्यक्ति में शारीरिक बल और ऊर्जा का विकास होता है, व्यक्ति का मनोबल बहुत मजबूत होता है, जिसकी वजय से वह दिलेरी से अपने जीवन के हर निर्णय को लेता है और उनत्ति करता है,
माणिक स्टोन धारण करने से व्यक्ति को सामाजिक तरक्की और सम्मान की प्राप्ति होती है, वह अपने कार्यों में निरंतर उनत्ति करता चला जाता है, उसकी बड़े अच्छे स्तर पर आर्थिक उनत्ति होती है, उसे सरकारी क्षेत्रों से बहुत लाभ होता है और धन आगमन के अच्छे रास्ते बनते है।
जिनकी राशि और लग्न – मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, और धनु होते है जातकों को माणिक रत्न बहुत तरक्की प्रदान करता है।

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माणिक रत्न क्यों पहना जाता है?

माणिक रत्न सूर्य ग्रह के सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए पहना जाता है, अगर कुंडली में सूर्य बलहीन, पाप पीड़ित हो, नीच, शनि-राहु-केतु के साथ बैठा हो, अशुभ भाव में हो तो माणिक रत्न पहना जाता है,
माणिक रत्न धारण करने से व्यक्ति जीवन के सभी सुखों और निरोगी शरीर का भोग करता है, राजा के समान अपना जीवन व्यतीत करता है।

माणिक रत्न कौन पहन सकता है?

जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य कमजोर हो तब माणिक रत्न पहनना बहुत जरुरी माना गया है, इसके अलावा मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और धनु लग्न और राशियों के व्यक्तियों को माणिक धारण करने से जीवन में धन, तरक्की, करियर में सफलता, आर्थिक मजबूती, सामाजिक उनत्ति-सम्मान, उच्च मनोबल, पारिवारिक सुख, सरकारी लाभ और शारीरिक मजबूती की प्राप्ति होती है,
इन राशि और लग्न के जातकों को माणिक जरूर धारण करना चाहिए।

माणिक रत्न किसे धारण करना चाहिए

मेष लग्न – मेष लग्न के जातकों के लिए माणिक्य धारण करना बहुत शुभ है। मेष लग्न के जातकों के लिए माणिक्य संतान सुख, धन, मांगलिक कार्य और विद्या प्राप्ति करवाता है इसलिए मेष लग्न के जातकों को माणिक्य जरूर धारण करना चाहिए।

वृष लग्न – वृष लग्न के जातकों के लिए भी माणिक्य धारण करना लाभकारी हो सकता है क्योंकि वृष लग्न में सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है। इसलिए वृष लग्न के जातक सूर्य की महादशा में माणिक्य धारण कर सकते है या फिर ज्योतिष की सलाह से माणिक्य धारण कर सकते है।

मिथुन लग्न – मिथुन लग्न में सूर्य तृतीय यानि की मारक भाव का स्वामी होता है। मिथुन लग्न में माणिक्य धारण करने से सफलता की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होगी, इसलिए मिथुन लग्न के जातकों को माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए।

कर्क लग्न – कर्क लग्न में सूर्य दूसरे यानि की धन स्थान का स्वामी होता है। कर्क लग्न के जातक माणिक्य धारण कर सकते है लेकिन यह देखना जरुरी होगा की सूर्य कुंडली में कहां विराजमान है।

सिंह लग्न – सिंह लग्न में तो माणिक्य अपने स्वामी लग्नेश का ही रत्न हुआ। माणिक्य सिंह लग्न के जातकों का भाग्यशाली और उनत्तिकारक रत्न हुआ। सिंह लग्न के जातकों को अच्छी श्रेणी का माणिक्य 25 से 65 वर्ष तक की उम्र में जरूर धारण करना चाहिए।

कन्या लग्न – कन्या लग्न के जातकों के लिए सूर्य व्यर्थ खर्चों और परेशानियों का स्वामी हुआ। इसलिए कन्या लग्न के जातकों को माणिक्य कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।

तुला लग्न – तुला लग्न के जातकों के लिए सूर्य लाभ के स्वामी होते है। अगर सूर्य कुंडली में शुभ स्थान पर बैठे है और सूर्य की महादशा चले तो तुला लग्न के जातकों को माणिक्य धारण करना चाहिए, लेकिन उसके साथ नीलम, गोमेद, लहसुनियां और हीरा धारण ना करें।

वृश्चिक लग्न – वृश्चिक लग्न के जातको के लिए सूर्य कारोबार और नौकरी के स्वामी हुए। वृश्चिक लग्न के जातकों को कारोबार और नौकरी में सफलता और प्रसिद्धि की प्राप्ति के लिए माणिक्य जरूर धारण करना चाहिए।

धनु लग्न – धनु लग्न के लिए माणिक्य अत्यंत भाग्यशाली रत्न होता है।धन, संपत्ति, भाग्य, कारोबार, विदेश यात्रा, ज्ञान और विद्या का स्वामी होता है। इसलिए धनु लग्न के जातकों को आजीवन माणिक्य धारण करना बहुत जरुरी होता है।

मकर लग्न – मकर लग्न के जातको के लिए सूर्य कष्ट, पीड़ा, धन हानि, शारीरिक कष्ट के स्वामी हुए। इस लग्न के जातकों को माणिक्य कभी भी धारण नहीं कारण चाहिए।

कुम्भ लग्न – कुम्भ लग्न के जातकों के लिए सूर्य विवाह और वैवाहिक जीवन के स्वामी होते है जो की कभी भी शुभ नहीं होते। अगर कुम्भ लग्न के जातक माणिक्य धारण करेंगे तो उन्हें कारोबार में तो लाभ हो सकता है लेकिन विवाह और वैवाहिक जीवन नष्ट होगा इसलिए कुम्भ लग्न के जातकों को माणिक्य कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।

मीन लग्न – मीन लग्न के जातकों के लिए सूर्य ऋण और रोग देंगे। नौकरी में कष्ट होगा। माणिक्य धारण करने से ऋण और रोग बढ़ेंगे इसलिए मीन लग्न के जातकों को माणिक्य कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।

कौन सा माणिक सबसे अच्छा है?

सबसे अच्छी श्रेणी के माणिक की बात की जाए तो वह बर्मा और श्रीलंका के माणिक ही होते है, इसके अलावा न्यू बर्मा, म्यांमार, इंडिया, मोजांबिक के माणिक भी बाजार में उपलब्ध है, बर्मा और श्रीलंका के माणिक बहुत कीमती होते है।

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असली माणिक रत्न की पहचान कैसे करें?

जो व्यक्ति रत्नों की जानकारी नहीं रखता है या फिर रत्नों के कारोबार से जुड़ा हुआ नहीं है, उस व्यक्ति को माणिक की पहचान करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि साधारण व्यक्ति को हर लाल रंग का पत्थर माणिक ही दिखेगा,
इसलिए माणिक की सबसे अच्छी और प्रमाणित जाँच केवल उसकी लैब टेस्टिंग है या फिर ऐसा माणिक ख़रीदे जो किसी प्रमाणित लैब के सर्टिफिकेट के साथ उपलब्ध हो।

माणिक कितने कैरेट का पहनना चाहिए?

माणिक 5 कैरेट का या उससे ऊपर का ही धारण करना चाहिए, इससे नीचे का माणिक लाभ देने में असमर्थ होगा, दूसरा कुंडली में सूर्य की दशा के अनुसार भी माणिक कितने कैरेट का धारण किया जाये देखना जरुरी होता है, इसके लिए किसी योग्य ज्योतिष की सलाह के साथ ही माणिक धारण करना सबसे उत्तम रहेगा।

माणिक्य कौन सी धातु में पहनना चाहिए?

माणिक्य सूर्य का रत्न है, सूर्य एक अग्नि है, इसलिए सूर्य के रत्न माणिक के तेज को केवल तांबा या सोने की धातु ही सहन कर सकती है, अगर माणिक की प्रथम धातु की बात की जाए तो वह तांबा है, द्वितीय धातु सोना और तृतीय धातु में पंचधातु और अष्टधातु आती है,
माणिक्य केवल इन्हीं धातुओं में से किसी एक धातु में ही धारण करना चाहिए।

माणिक कौन से दिन पहनना चाहिए?

माणिक सूर्य का रत्न है और सूर्य का शुभ दिन रविवार होता है, इसलिए माणिक और सूर्य से सम्बंधित सभी कार्य केवल रविवार को ही करने चाहिए, रविवार के दिन माणिक सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त देखते हुए माणिक्य धारण करें।

माणिक कितने दिन में असर दिखाता है?

माणिक धारण के लाभ की बात की जाए तो ऐसा माने की माणिक धारण करने के 1 महीनें के अंदर व्यक्ति के शरीर से अपना सम्बन्ध बना लेता है और सूर्य की ऊर्जा प्राप्त करना शुरू कर देता है।
1 महीने बाद सूर्य के लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाते है।

माणिक की कीमत कितनी है?

वैसे तो माणिक बहुत कीमती रत्न है, लेकिन फिर भी एक साधारण माणिक 500 रूपए प्रति कैरट से 1500 रूपए प्रति कैरट तक प्राप्त हो जाता है, अगर कीमती माणिक की बात की जाये तो उसकी कीमत 50,000 रूपए प्रति कैरट से 2,50,000 रूपए प्रति कैरट तक की या उससे भी अधिक की हो सकती है।

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